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Shamli News: शामली में मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला, प्रशासन खामोश
Shamli News: शामली में मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला, प्रशासन मौन, करोड़ों के राजस्व घाटे के बावजूद नहीं हो रही कोई कार्रवाई
Shamli soil mafia
Shamli News: उत्तर प्रदेश के शामली जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के कुड़ाना इलाके में मिट्टी खनन माफिया खुलेआम राजस्व विभाग को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। अधिकारियों की नाक के नीचे बड़े स्तर पर मिट्टी की चोरी हो रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि शासन-प्रशासन की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है। सवाल यह उठता है कि आखिर अधिकारी इन खनन माफियाओं पर हाथ डालने से क्यों बच रहे हैं? न्यूज़ ट्रेक की टीम ने जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो चौंकाने वाले दृश्य कैमरे में कैद हुए।
दरअसल आपको बता दे मामला सदर कोतवाली के कुड़ाना इलाका... यहां रात के अंधेरे में चल रहा है मिट्टी खनन का काला कारोबार। लगभग एक दर्जन खनन माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर खुलेआम खेतों से मिट्टी उठाते हैं और उसे अवैध कॉलोनियों में दुगुने दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां खनन में प्रयोग हो रहे डंपर और ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर फर्राटा भरते हैं। लेकिन आरटीओ और खनन विभाग के अधिकारी आंखें मूंदकर बैठे हैं।
माफियाओं के नाम
इस मिट्टी खनन गैंग में कई बड़े नाम सामने आए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है अमजद, जो बनतीखेड़ा का रहने वाला बताया जाता है। दूसरा नाम नीरज मादलपुर, तीसरा नीरज बनत, चौथा मोनू लिलोन, पांचवा राहुल कुड़ाना और छठा नाम है विपिन रेलपार। ये सभी माफिया मिलकर जिले में मिट्टी खनन का जाल फैला चुके हैं।
नियमों के अनुसार पोकलेन मशीन से मिट्टी का खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन यहां खुलेआम पोकलेन मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। खेतों में से मिट्टी उठाकर उसको बंजर बना दिया जाता है लगभग 10 से 12 फीट तक मिट्टी उठा रहे हैं सबसे बड़ा मिट्टी खनन माफिया अमजद बड़े पैमाने पर पोकलेन से मिट्टी निकालकर डंपरों में भरवा रहा है। यही नहीं, डंपरों पर नंबर तक नहीं हैं ताकि ट्रैकिंग करना मुश्किल हो सके।
जैसे ही न्यूज़ ट्रेक टीम मौके पर पहुंची, खनन माफिया पोकलेन मशीन छोड़कर भाग खड़े हुए। 10 से 12 ट्रैक्टर मौके पर खड़े मिले, जिन्हें माफिया मौके से छोड़कर फरार हो गए। वहीं एक जेसीबी मशीन वाला तो अपनी मशीन लेकर रोड पर इतनी तेजी से भागा मानो कोई बड़ा अपराध करते पकड़ा गया हो।
यह नजारा साफ दिखाता है कि खनन माफियाओं को अधिकारियों का कोई डर नहीं है। सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों खनन अधिकारी और आरटीओ कार्रवाई करने से कतराते हैं ? क्या मिट्टी खनन माफिया इतना प्रभावशाली हो चुका है कि प्रशासन उसकी ताकत के आगे बेबस है ? रोजाना रात को दर्जनों डंपर खेतों से मिट्टी भरकर ले जाते हैं ! अवैध कॉलोनियों में यह मिट्टी ऊंचे दामों पर बेची जाती है।
शामली में मिट्टी खनन माफिया बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। लाखों-करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है लेकिन शासन-प्रशासन पूरी तरह खामोश है। न्यूज़ट्रेक की टीम ने जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो माफिया भाग खड़े हुए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ मीडिया के कैमरे देखकर भागने वाले ये माफिया कभी प्रशासन के खौफ से भी भागेंगे ?
शामली के आल्हा अधिकारी आखिर कब जागेंगे ?
और कब इन मिट्टी खनन माफियाओं पर कार्रवाई होगी ? या फिर यूं ही राजस्व विभाग को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा। अब देखना यह है कि हमारी यह रिपोर्ट सामने आने के बाद जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आते हैं या नहीं।
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