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Bulandshahr:सिकंद्राबाद में भ्रष्टाचार, SDM का अर्दली 50 लाख लेकर किसके इशारे पर करा रहा था अवैध खनन
Bulandshahr News: एसडीएम के अर्दली पर 50 लाख रुपए लेकर क्षेत्र में अवैध खनन कराने का मामला प्रकाश में आया है।
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Bulandshahr News: सरकार भले ही भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही हो, इसके बावजूद भ्रष्टाचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर जनपद की सिकंदराबाद तहसील से जुड़ा है। जहां एसडीएम के अर्दली पर 50 लाख रुपए लेकर क्षेत्र में अवैध खनन कराने का मामला प्रकाश में आया है। ये आरोप सिकंद्राबाद के तहसीलदार ने एसडीएम को भेजे पत्र में लगाया है।
यही नहीं दावा किया कि जीतू नाम के खनन माफिया ने तहसील के अधिकारियों और इलाके के थानों को भी अवैध खनन करने के नाम पर मोटी रकम देने का दावा किया है। हालांकि मामला बढ़ता देख एसडीएम दीपक पाल ने अपने अर्दली अजीत कुमार को अर्दली पद से हटा कार्यालय में संबद्ध कर दिया है। बड़ा सवाल ये कि 50 लाख रुपए की बड़ी रकम लेकर किसके इशारे पर इलाके में अर्दली अवैध खनन करा रहा था, यही नहीं इतने गंभीर मामले में कार्रवाई की नाम पर हुई खाना पूर्ति भी आरोपों को बल दे रही है। बता दें कि तहसीलदार द्वारा इस संबंध में एसडीएम को भेजा पत्र वायरल हो रहा है।
जमीन की कोख छलनी करने को माफिया कर्मचारी का गठबंधन!
दरअसल जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद सिकंद्राबाद तहसील क्षेत्र के ककोड़ ,झांझर आदि में रियल स्टेट, बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स ने पैर पसारने शुरू कर दिए है। जो लगातार जमीन की कोख छलनी कर मिट्टी खनन करा खेतों का रात के अंधेरे में भराव करा रहे है। बुलंदशहर जनपद की सिकंद्राबाद तहसील क्षेत्र में खनन माफियाओं और प्रशासनिक तंत्र की सांठगांठ का सनसनीखेज मामला सामने आया। आरोप है कि सिकंदराबाद एसडीएम के अर्दली अजीत कुमार की खनन माफियाओं से गहरी साठगांठ रही है। खनन माफियाओं का दावा है कि वह प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर थानों तक को मोटी रकम देते हैं । आरोप है कि पचास लाख रुपये तक की रिश्वत देकर अवैध खनन का काला कारोबार ने खौफ चल रहा था।
छापेमारी के दौरान कैसे हुआ अवैध वसूली और खनन के खेल का खुलासा
दरअसल सिकंद्राबाद के तहसीलदार 10.09.2025 की रात्रि में अपर जिलाधिकारी राजस्व के निर्देश पर ककोड़ थाना क्षेत्र के ग्राम सूबरा परगना व तहसील सिकन्द्राबाद में हो रहे अवैध खनन की सूचना पर छापा मारने नायब तहसीलदार सदर और ललित नारायन प्रशान्त, राजीव कुमार आदि की टीम के साथ छापा मारने पहुंचे थे, जहां 2 जेसीबी व 1 लोडर 3 टैक्टर खनन कर रहे थे लेकिन टीम ने 1 जेसीबी,2 टैक्टर 1 लोडर पकड़ा ककोड़ थाने पर खड़ा कर दिया।
मौके पर छापेमारी के दौरान खनन में लिप्त जीतू पुत्र मनवीर निवासी शेरपुर तहसील सिकन्द्राबाद ने धौस बनाते हुऐ कहा कि तहसील के सभी अधिकारी व थानो को पैसा देता हूँ और आज सूचना देकर के ही खनन कर रहा हूँ और आप लोग कहा से आये है सब को मेरे द्वारा पैसा दिया जाता है और आप लोग कैसे यहां आ गये और किस तहसील के है“ और तुरन्त अपने फोन से एसडीएम सिकंदराबाद के अर्दली अजीत कुमार से फोन पर बात कराई।
आरोप है कि टीम के साथ अर्दली द्वारा जीतू के फोन से दुर्गवहार के साथ के साथ गाली गलोच की तथा ’धमकी दी जाने लगी की आप लोग कौन हो किस तहसील के हो कैसे आ गये मै पचास लाख रूपये लेकर खनन करा रहा हूँ“ पकड़ इसको इस तरह की बाते फोन पर की गयी जिसको तत्काल कॉल रिकॉड किया गया मामले में तहसीलदार ने एसडीएम को पत्र भेज कार्रवाई को मांग की।मामले ने तूल पकड़ा तो एसडीएम सिकंद्राबाद दीपक पाल ने आनन फानन ने अपने अर्दली को अर्दली पद से हटाकर कार्यालय से संबद्ध कर दिया।
सरकार ने जांच कराई तो हो सकते है कई चेहरे बेनकाब
बड़ा सवाल ये है कि योगी राज में लाखों का इतन बड़ा भ्रष्टाचार आरोपी अर्दली किसके इशारे पर कर रहा था। किसके इशारे पर माफिया अवैध खनन बे खौफ हो कर रहे थे। यही नहीं इतने बड़े मामले में कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति क्यों की गई। यदि सही तरीके से मामले की सरकार ने जांच कराई तो कई अधिकारी बे नकाब हो सकते है।
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