लखनऊ में रोहतास बिल्डर के खिलाफ 63 लाख की धोखाधड़ी का मुकदमा, हजरतगंज थाने में प्लॉट न देने पर दो एफआईआर

Lucknow News: हजरतगंज के एसीपी विकास जायसवाल से मुलाकात कर पीड़ितों ने मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की थी। उसके बाद ठगी के आरोप में कंपनी के मालिक परेश रस्तोगी समेत चार लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 8 July 2025 8:17 PM IST
Hazratganj police station Lucknow
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Hazratganj police station Lucknow (Photo: Social Media)

Lucknow News: रियल एस्टेट कंपनी रोहतास बिल्डर के खिलाफ एक बार फिर गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। प्लॉट के नाम पर 63.28 लाख रुपए की ठगी के आरोप में कंपनी के मालिक परेश रस्तोगी समेत चार लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले की जांच हजरतगंज पुलिस कर रही है और पीड़ितों से मिले साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस मामले ने रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आरोपियों के खिलाफ दो एफआईआर

हजरतगंज के एसीपी विकास जायसवाल से मुलाकात कर पीड़ितों ने मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद इंस्पेक्टर विक्रम सिंह की देखरेख में जांच शुरू की गई। उसके बाद आरोपियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। गोरखपुर निवासी प्रभाकर सिंह ने मामले में सबसे पहले शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में लखनऊ में जमीन खरीदने की योजना बनाई थी। इसी दौरान एक परिचित के जरिए उनकी मुलाकात रोहतास बिल्डर के मालिक परेश रस्तोगी, पीयूष रस्तोगी, पंकज रस्तोगी और दीपक रस्तोगी से हुई।

बिल्डर के कार्यालय में हुई थी मुलाकात

यह मुलाकात हजरतगंज स्थित बिल्डर के कार्यालय में हुई थी। कंपनी के प्रतिनिधियों ने सुल्तानपुर रोड स्थित एक इंटीग्रेटेड टाउनशिप में प्लॉट दिखाया और भरोसा दिलाया कि यदि तत्काल बुकिंग की जाती है, तो 30 महीनों के भीतर जमीन का एग्रीमेंट कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी वादा किया कि अगर भविष्य में ग्राहक जमीन नहीं लेना चाहे, तो उस समय की मार्केट रेट पर पैसा वापस कर दिया जाएगा। बिल्डर की बातों में आकर प्रभाकर सिंह समेत प्रीति सिंह, दिवाकर सिंह, विभव सिंह, माधुरी सिंह और अन्य दो लोगों ने मिलकर दिसंबर 2012 में कुल 49 लाख रुपए जमा किए।

ठगी की रकम 63 लाख रुपये से ज्यादा

इस रकम में ब्याज और अन्य आरोपों को जोड़कर कुल ठगी की रकम 63.28 लाख रुपये पहुंच गई। इतने पैसे लेने के बावजूद बिल्डर ने न जमीन का एग्रीमेंट किया और न ही किसी को पैसा लौटाया। उससे बार-बार संपर्क करने और आग्रह के बावजूद बिल्डर प्रतिनिधियों ने टालमटोल का रवैया अपनाया। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि पीड़ितों से मिली शिकायत और प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू की गई है। इस पूरे मामले से जुड़े बैंक ट्रांजेक्शन, रसीदों और संवाद का विवरण जुटा रही है। साक्ष्यों की पुष्टि के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की भी संभावना जताई जा रही है।

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