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Lucknow News: आयकर विभाग की कार्रवाई, BBD ग्रुप की 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त, कर्मचारियों के नाम पर की गई थी खरीदारी
Lucknow News: लखनऊ में आयकर विभाग ने BBD ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹100 करोड़ की बेनामी संपत्तियां जब्त की। यह संपत्तियां कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई थीं और अयोध्या रोड के आसपास स्थित प्रमुख भूमि शामिल हैं। जानें पूरी जानकारी इस बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम की कार्रवाई के बारे में।
Lucknow Income tax department action seize Rs 100 crore anonymous assets of BBD group procurement was done in name of employees
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयकर विभाग ने बाबू बनारसी दास (BBD) ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और लगभग ₹100 करोड़ की बेनामी संपत्तियों को जब्त किया है। यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत की गई है। जब्त की गई संपत्तियों में अयोध्या रोड के आसपास की कई महत्वपूर्ण ज़मीनें शामिल हैं। इनमें उत्तरधौना, जुग्गौर, 13 खास, सरायशेख और सेमरा ग्राम की ज़मीनें शामिल हैं, जो BBD यूनिवर्सिटी के पास स्थित हैं। जांच में पता चला कि ये ज़मीनें 2005 से 2015 के बीच खरीदी गई थीं और इनकी कुल कीमत लगभग ₹100 करोड़ बताई जा रही है।
आयकर विभाग की जांच में यह सामने आया कि इन बेनामी संपत्तियों के असली मालिक BBD ग्रुप की प्रमुख अलका दास और उनके बेटे विराज सागर दास हैं। इसके अलावा, इन संपत्तियों को दो कंपनियों, विराज इंफ्राटाउन और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, के नाम पर दर्ज किया गया था।
अयोध्या रोड पर मुख्य संपत्तियां
जब्त की गई संपत्तियों में अयोध्या रोड पर स्थित कई महत्वपूर्ण भूखंड शामिल हैं, जो लखनऊ के तेजी से विकसित होते इलाकों में आते हैं। इन भूखंडों पर कुछ जगहों पर बड़े निर्माण कार्य हो रहे हैं, जो BBD ग्रुप के विभिन्न प्रोजेक्ट्स का हिस्सा हैं। इन संपत्तियों की अनुमानित बाजार कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है, जो इस कार्रवाई की गंभीरता को साफ दर्शाती है।
कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियां
आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कई महीनों तक सबूत जुटाए। जांच में पता चला कि ये संपत्तियां उन लोगों के नाम पर थीं, जिनके पास इतनी बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए कोई वैध आय का स्रोत नहीं था। BBD ग्रुप के मालिकों ने कथित तौर पर अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के नाम पर इन संपत्तियों को खरीदा ताकि असली मालिकों का पता न चल सके।
बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम, 1988 के तहत इन संपत्तियों को जब्त किया है, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था। इस कानून के तहत, बेनामी संपत्तियों को जब्त करना और असली मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना तय किया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि इन संपत्तियों को विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर खरीदा गया था, ताकि असली मालिकों की पहचान छुपाई जा सके। आयकर विभाग ने जांच को और गहरा करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, विभाग अब अन्य संदिग्ध संपत्तियों और BBD ग्रुप के वित्तीय लेनदेन की भी जांच करेगा। इस कार्रवाई के बाद लखनऊ के कारोबारी और शैक्षिक क्षेत्र में हलचल मच गई है।
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