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UP News: PWD विभाग में 1000 करोड़ का खेल? अमिताभ ठाकुर ने लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, CM योगी से जांच की मांग
UP News: सोमवार को प्रेस वार्ता में अमिताभ ठाकुर ने बताया कि पुल निर्माण कार्य को बार-बार विभाग बदलकर एक खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया, जिससे निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों पर प्रश्नचिह्न लग गए हैं।
UP News: उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने लखनऊ के इटौंजा–देवा मार्ग से लेकर गोरखपुर के छह बड़े प्रोजेक्ट्स में 1000 करोड़ से अधिक के टेंडर घोटाले का आरोप लगाया है। सोमवार को प्रेस वार्ता में अमिताभ ठाकुर ने बताया कि पुल निर्माण कार्य को बार-बार विभाग बदलकर एक खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया, जिससे निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों पर प्रश्नचिह्न लग गए हैं। उन्होंने CM योगी आदित्यनाथ से इन मामलों की उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।
पुल निर्माण में 'घपला': विभाग बदलते रहे, ठेकेदार वही रहा
अमिताभ ठाकुर ने सबसे गंभीर आरोप इटौंजा-कुर्सी-देवा-चिनहट मार्ग के 4 लेन के निर्माण पर लगाए। उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर दो पुलों का कार्य पहले पीडब्ल्यूडी को दिया गया था, फिर उसे नियमों के तहत सेतु निगम को स्थानांतरित कर दिया गया लेकिन बाद में एक बार फिर वही काम पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया। यह सरकारी नीति में अनावश्यक हस्तक्षेप और एक खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की कोशिश के रूप में सामने आता है।
210 करोड़ का टेंडर कैसे बना 301 करोड़?
अमिताभ ठाकुर ने सवाल उठाया कि पहले इसी प्रोजेक्ट का टेंडर ₹210 करोड़ का था, लेकिन बाद में यह आंकड़ा बिना स्पष्ट कारण के ₹301 करोड़ पहुंच गया। उन्होंने इसे स्पष्ट वित्तीय अनियमितता और ओवरप्राइसिंग बताया, जिसमें पारदर्शिता का अभाव दिखता है। साथ ही कहा कि यह सरकारी धन के दुरुपयोग का उदाहरण है।
गोरखपुर में 'फिक्स टेंडरिंग' का आरोप, एक ही फर्म को मिले 6 ठेके
गोरखपुर और आस-पास के इलाकों में कुल 980 करोड़ के 6 प्रोजेक्ट्स का ज़िक्र करते हुए अमिताभ ठाकुर ने दावा किया कि सभी ठेके बलिया की सी एस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक एक ही कंपनी को दिए गए। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को 'टेंडर कार्टेलिंग' और 'फिक्सिंग' करार दिया, जिसमें प्रतिस्पर्धा के बजाय मिलिभगत से टेंडर बांटे गए।
मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग
प्रेस वार्ता के अंत में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उनके पास इन तमाम आरोपों के दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और PWD मंत्री से इन मामलों में निष्पक्ष व निष्कलंक जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मुद्दे को वे आगे जरूरत पड़ने पर लोकायुक्त और न्यायालय के समक्ष भी ले जाने की बात कह चुके हैं।
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