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Shravasti News: सोशल मीडिया/फेसबुक पर अफवाह फैलाने में कई पर गिरी गाज
Shravasti News: उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरूपयोग करते हुए राज्य सरकार एवं शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुचित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी करके आम जनमानस में नफरत फैलाने का कार्य करते पाया गया है।
सोशल मीडिया/फेसबुक पर अफवाह फैलाने में कई पर गिरी गाज (photo: social media )
Shravasti News: अगर कोई सोशल मीडिया फेसबुक, वाट्सएप व ट्विटर पर भड़काऊ पोस्ट डालेंगे, तो उनके खिलाफ न सिर्फ अनुशासनिक कार्रवाई होगी, बल्कि साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी। इसी कड़ी में श्रावस्ती के कुछ व्यक्तियों जिनका नाम सूरज चौधरी, सौरभ यादव, सुनील कुमार यादव, आलोक सिंह यादव एवं शिव गोपाल वर्मा है, के द्वारा बुधवार को सोशल मीडिया/फेसबुक पर सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों एवं यूपी राज्य सरकार के विरूद्ध प्रतिकूल व अनुचित एवं आपत्तिजनक पोस्ट व टिप्पणी की गई थी एवं अपने फेसबुक प्रोफाइल पर इसे अन्य व्यक्तियों के साथ शेयर किया गया था, जिसके कारण विभिन्न पक्षों व समुदायों के बीच विद्वेष फैलने, सार्वजनिक लोकशांति भंग होने, सार्वजनिक अशांति एवं भय फैलने की प्रबल सम्भावना पाये जाने की आशंका थी। साथ ही आम जनमानस में सरकार के प्रति असंतोष एवं घृणा पैदा करने का यह एक कुत्सित प्रयास है।
उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरूपयोग करते हुए राज्य सरकार एवं शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुचित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी करके आम जनमानस में नफरत फैलाने का कार्य करते पाया गया है। उक्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध एसपी घनश्याम चौरासिया के निर्देश पर थाना कोतवाली भिनगा में सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है।
भ्रामक सूचना से अफवाहें फैलती हैं
मालूम हो कि सोशल मीडिया या फेसबुक पर भ्रामक सूचना प्रसारित करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज हो सकती है। भ्रामक सूचना, जैसे "फेक न्यूज" भी कहा जाता है, एक ऐसी जानकारी है जो गलत, भ्रामक या अप्रमाणित होती है, और इसका उद्देश्य जनता को गुमराह करना भी होता है और जिसके गंभीर परिणाम समाजिक अशांति भी हो सकते हैं, बता दें कि भ्रामक सूचना से अफवाहें फैलती हैं जो लोगों को डरा सकती हैं या उन्हें गलत काम करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। और जिससे सामाजिक अशांति और दंगे भी होने की संभावना हो सकती हैं।या जिसका असर स्वास्थ्य या चुनाव से संबंधित भी हो सकता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें एफआईआर दर्ज करना भी शामिल है।
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