Sitapur News: आदमखोर बाघ के आतंक से मिली निजात – लहरपुर क्षेत्र में लौटी सामान्य स्थिति

Sitapur News: लहरपुर क्षेत्र में पिछले कई सप्ताहों से फैले बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल था। खेतों में कार्यरत किसान और ग्रामीणजन निरंतर खतरे की आशंका के साए में जीवन व्यतीत कर रहे थे।

Sami Ahmed
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Published on: 26 May 2025 2:16 PM IST
Sitapur News: आदमखोर बाघ के आतंक से मिली निजात – लहरपुर क्षेत्र में लौटी सामान्य स्थिति
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Sitapur News: सीतापुर जनपद के लहरपुर क्षेत्र में पिछले कई सप्ताहों से फैले बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल था। खेतों में कार्यरत किसान और ग्रामीणजन निरंतर खतरे की आशंका के साए में जीवन व्यतीत कर रहे थे। बाघ की इस गतिविधि से क्षेत्र में जनजीवन बाधित हो रहा था तथा वन विभाग के समक्ष यह एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा था।

इस गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए वन क्षेत्राधिकारी श्री अभिषेक सिंह के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान न केवल योजनाबद्ध था, बल्कि इसके क्रियान्वयन में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की सभी विधिसम्मत प्रक्रियाओं का पूर्णतः अनुपालन किया गया। टीम द्वारा लगातार क्षेत्र में काम्बिंग की गई, आधुनिक उपकरणों एवं ट्रेंकुलाइजेशन तकनीक का उपयोग करते हुए सावधानीपूर्वक बाघ को जीवित पकड़ने में सफलता प्राप्त की गई।

इस उल्लेखनीय सफलता पर जिलाधिकारी श्री अभिषेक आनंद ने गहरी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा,

"यह अभियान केवल एक बाघ को पकड़ने का नहीं, बल्कि जनता में विश्वास बहाल करने का भी था। वन विभाग की टीम ने जिस समर्पण, सतर्कता और अनुशासन के साथ कार्य किया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। हम इस सफलता के लिए श्री अभिषेक सिंह एवं उनकी टीम को जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित करेंगे तथा शासन को भी उनके उच्चस्तरीय पुरस्करण हेतु संस्तुति प्रेषित की जाएगी।"

उन्होंने अभियान में संलग्न सभी वनकर्मियों, ट्रेंकुलाइज विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और सहायक कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए उनकी हौसलाफजाई की और टीम को प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने शासन को भी रिपोर्ट भेजकर संस्तुति करने की बात कही है कि इस टीम को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाए।

जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा कि बाघ को पकड़ने की संपूर्ण प्रक्रिया नैतिकता, पारदर्शिता और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता के साथ संपन्न की गई है। वर्तमान में बाघ की चिकित्सकीय जांच जारी है और उच्च स्तर से अनुमति प्राप्त होते ही इसे दुधवा या कतर्निया जैसे संरक्षित वन क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि उसे प्राकृतिक आवास में पुनर्स्थापित किया जा सके।जिलाधिकारी ने समस्त नागरिकों से अपील की है कि वे वन्यजीवों के प्रति सतर्कता बनाए रखें एवं किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रशासन को सूचित करें।यह अभियान न केवल वन विभाग की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति, कुशल नेतृत्व और सामूहिक प्रयास एकजुट होते हैं, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं रह जाती।

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Shalini singh

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