Sonbhadra: गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर उमड़ी आस्था — नगर शोभायात्रा में श्रद्धा का सैलाब

रॉबर्ट्सगंज गुरुद्वारे में भक्ति, सेवा और लंगर के साथ गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व मनाया गया, शोभायात्रा में गतका कला और शबद कीर्तन आकर्षण रहे।

Mithilesh Dev Pandey
Published on: 5 Nov 2025 10:51 PM IST
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Sonbhadra News (image from Social Media)

Sonbhadra: सिख पंथ के प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व बुधवार को जिले में श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। अलसुबह से ही रॉबर्ट्सगंज स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में संगत का तांता लगा रहा। आकर्षक रोशनी, फूल-मालाओं और रंग-बिरंगी सजावट से सुसज्जित गुरुद्वारे में नतमस्तक होने वालों का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।

भोर में ही प्रभात फेरी और कीर्तन का शुभारंभ हुआ। लखनऊ से आए प्रसिद्ध रागी जत्था — राजिंदर सिंह और सुरजन सिंह — ने मधुर शबद-कीर्तन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उनकी गुरुवाणी सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। मंच संचालन कर रहे कमलेश सिंह ने गुरु नानक देव जी के सार्वभौमिक संदेश — “ना कोई हिन्दू, ना कोई मुसलमान; सब इंसान हैं” — को दोहराते हुए कहा कि गुरु जी ने मानवता, सेवा और समानता का मार्ग दिखाया।


वक्ता पृथ्वीपाल सिंह ने गुरु जी की शिक्षाओं किरत करो, नाम जपो और वंड छको को जीवन का आधार बताते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी का दर्शन आज भी मानवता को सही दिशा देता है। अरदास के बाद गुरुद्वारे में ‘अटूट लंगर’ की व्यवस्था की गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और सेवा का संदेश अपनाया।

दोपहर बाद निकाली गई भव्य शोभायात्रा ने नगरवासियों का मन मोह लिया। गुरुद्वारा से शुरू हुई यात्रा महिला थाना, स्वर्णजयंती चौक और शीतला चौक होकर वापस गुरुद्वारे पहुंची। शोभायात्रा में छोटे निहंगों की तलवारबाजी और गतका कला का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा। गुरुनानक बालिका कॉलेज की छात्राओं ने जयकारों — ‘बोले सो निहाल… सत श्री अकाल’ — से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। मिर्जापुर से आई गतका पार्टी ने भी अपने अद्भुत प्रदर्शन से श्रद्धालुओं की वाहवाही लूटी।


कार्यक्रम में विधायक भूपेश चौबे, रूबी अशोक मिश्रा और सुशील पाठक सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने गुरु नानक देव जी के जीवन दर्शन और सामाजिक समरसता पर प्रकाश डाला। आयोजन की सफलता में अजीत सिंह, देवेंद्र सिंह, मनजीत सिंह, पारब्रह्म सिंह, परमजीत सिंह, बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, दिलकरन, रॉबिन, यशु, संतोष सिंह, अमर सिंह, गुरजीत, त्रिलोक सिंह, गोल्डी, बलकार सिंह आदि सेवादारों का विशेष योगदान रहा।

पूरे दिन गुरुवाणी, सेवा और लंगर से सोनभद्र भक्ति में डूबा रहा। श्रद्धालु “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयकारों के साथ गुरु नानक देव जी के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते दिखे।

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