Sonbhadra News : सोनभद्र जच्चा-बच्चा मौत कांड: सील के बाद भी चल रहा था देव हॉस्पिटल

Sonbhadra News : सोनभद्र के दुद्धी में जच्चा-बच्चा की मौत से हड़कंप, सील होने के बाद भी देव हॉस्पिटल का संचालन जारी, स्वास्थ्य विभाग ने दी FIR के लिए तहरीर।

Mithilesh Dev Pandey
Published on: 29 Oct 2025 10:40 PM IST
Sonbhadra News : सोनभद्र जच्चा-बच्चा मौत कांड: सील के बाद भी चल रहा था देव हॉस्पिटल
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Sonbhadra mother-baby death News ( Image From Social Media )

Sonbhadra News : दुद्धी में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर कटघरे में है। बड़ा खुलासा यह हुआ है कि जहाँ यह दर्दनाक हादसा हुआ — देव हॉस्पिटल (सीज अस्पताल) — वह अस्पताल पहले से ही अवैध रूप से संचालित हो रहा था।

विभागीय कार्रवाई के तहत इस अस्पताल को पूर्व में सील किया जा चुका था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से अस्पताल दोबारा चोरी-छिपे शुरू कर दिया गया था। अब मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को फिर से सील करते हुए पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है।

लापरवाही से गई मां-बेटे की जान

गुरुवार देर रात प्रसव के दौरान महिला की हालत बिगड़ने लगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने समय रहते इलाज नहीं दिया। आरोप है कि मौत होने के बाद डॉक्टरों ने शव छिपाने की कोशिश की और महिला को परिजनों को बिना बताए सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया।सरकारी अस्पताल पहुँचने पर चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।जब परिजन वापस देव हॉस्पिटल पहुँचे तो गेट बंद मिला, और अस्पताल प्रबंधन मौके से फरार हो गया। इससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया।

पूर्व में भी हो चुकी थी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, देव हॉस्पिटल को पहले भी नोटिस जारी कर सील किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने तब अवैध संचालन का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन कार्रवाई कागज़ों तक सीमित रह गई।स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ही यह अस्पताल बिना पंजीकरण के फिर से खुल गया था।

अब फिर से सील और एफआईआर की तैयारी

घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर अस्पताल को सील कर दिया है और थाना दुद्धी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने हेतु तहरीर दी है।ह मामला न केवल एक मां और उसके नवजात की मौत का है, बल्कि यह जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था, निगरानी तंत्र और प्रशासनिक जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि पहले की कार्रवाई ईमानदारी से लागू की गई होती, तो शायद आज दो मासूम जिंदगियाँ न जातीं।

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Shalini Rai

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