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Sonbhadra News: मां और पत्नी के बेरहमी से कत्ल करने वाले को उम्रकैद, दरवाजा बंद कर पहले तलवार से रेता गला, फिर लगा दी आग
Sonbhadra News: अब्दुल मन्नान पुत्र स्व. कादिर अली, निवासी खड़िया बाजार ने शक्तिनगर पुलिस को तहरीर देकर अवगत कराया था कि उसका छोटा भाई सदाब अपनी पत्नी रुकसाना और अम्मी सफीकुल निशा के साथ उसके बगल में अलग मकान में रहता है।
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Sonbhadra News: पांच वर्ष पूर्व मां और पत्नी का बेरहमी से कत्ल करने वाले सदाब अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उसने कमरा बंद कर, न केवल मां और पत्नी का तलवार से गला रेतते हुए बेरहमी से कत्ल किया था बल्कि घर में ही शव जलाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर उनके शरीर में आग लगा दी थी। कलियुगी बेटे से जुड़ी, दिल दहला देने वाली इस वारदात को लेकर, न्यायालय एएसजे प्रथम की अदालत से बुधवार को आजीवन कारावास का फैसला सामने आया तो मां के कत्ल का दर्द झेलने वाली और इस घटना से लोगों को रूबरू कराने वाली बेटी (दोषी की बहन) की आंखें न्याय मिलने की खुशी और पांच साल पूर्व हुई घटना के गम में छलछला उठीं।
इन-इन धाराओं के तहत पाया दोषी और यह सुनाया गया फैसला
शक्तिनगर थाना क्षेत्र से जुड़े इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जितेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने बुधवार को फाइनल सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयान के आधार पर दोषसिद्ध पाया और घटना के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद से ही जिला कारागार में बंद सदाब अंसारी पुत्र स्व. कादिर अली निवासी खड़िया बाजार थाना शक्तिनगर को धारा 302 आईपीसी के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने की दशा में चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के लिए कहा गया। वारदात में प्रयुक्त तलवार के प्रयोग के लिए भी सदाब को धारा 4/25 ऑर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया और इसके लिए तीन वर्ष का कारावास तथा पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
यह था मामला, जिसको लेकर सुनाई गई सजा
अब्दुल मन्नान पुत्र स्व. कादिर अली, निवासी खड़िया बाजार ने शक्तिनगर पुलिस को तहरीर देकर अवगत कराया था कि उसका छोटा भाई सदाब अपनी पत्नी रुकसाना और अम्मी सफीकुल निशा के साथ उसके बगल में अलग मकान में रहता है। आठ सितंबर 2020 को वह बाजार स्थित अपनी दुकान पर था। उसी समय उसकी बहन सायरा बानो ने आकर बताया कि उसका छोटा भाई सदाब तलवार लेकर घर के सामने घूम रहा है। जब उसने उससे अम्मी के बारे में पूछा तो वह घर में घुसकर उसे भी तलवार से काट देने की बात कर रहा था। उसने अपने घर को बाहर ताला बंद कर रखा है।
वह किसी तरह वहां से भाग कर उसके पास पहुंची हुई। इस पर जब वह बहन के साथ सदाब के घर पहुंचा तो देखा कि उसने अपने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है। आवाज देने पर भी जब उसने दरवाजा नहीं खोला, तब सायरा उसके घर के पीछे से, छोटे भाई सदाब के आंगन वाली दिवार फांदकर उसके घर में घुसी तो देखा कि अम्मी सफीकुल निशा 50 वर्ष और भाभी रुकसाना खातून 25 वर्ष की लाश जलती हुई दशा में फर्श पर पड़ी है। उसने रोते हुए आकर इसकी जानकारी दी। इसके बाद वह और पास-पड़ोस के लोग उसी रास्ते से घर में घुसे तो देखा कि दोनों का शव जलती हुई दशा में फर्श पर पड़ा था। जमीन पर खून बिखरा पड़ा था। लोगों की आवाज सुनकर सदाब वहां से भाग निकला।
वारदात के अगले दिन हुई थी गिरफ्तारी, आला कत्ल की बरामदगी
मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत केस दर्ज कर अगले दिन नौ सितंबर 2020 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तलवार भी बरामद कर ली गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रुखसाना बानो के गर्दन के बीचों बीच, बाएं साइड, पेट, दाहिने चेहरे, सीने के बीच में, गर्दन के सामने और अगल-बगल तलवार के निशान-जलने के निशान मिले।
वहीं सफीकुलनिशा पर कुल सात चोटें पाई गईं। जलने के निशान के अलावा गले के आगे की तरफ बीचो बीच कटा हुआ घाव पाया गया। इसको लेकर दाखिल चार्जशीट में पुलिस का दावा था कि दोनों के गर्दन पर तलवार से प्रहार कर और जलाकर हत्या की गई है। दोषी की तरफ से जनवरी 2025 में जमानत हासिल करने का भी प्रयास किया गया लेकिन न्यायालय ने अर्जी खारिज कर दी थी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने न्यायालय के सामने दलीलें रखीं।
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