वाराणसी में ठाकुर Vs राजभरः किसान की मौत के बाद बढ़ा बवाल, बेटी बोलीः पापा के ‘हत्यारो’ को फांसी दो..

Rajbhar Kisan Chhotu Death Case: चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में ठाकुर बिरादरी के भाजपा नेता के खेत में गाय के घुस जाने पर राजभर किसान को पीट दिया गया था।

Shishumanjali kharwar
Published on: 7 Oct 2025 9:14 AM IST
Varanasi Chhotu Rajbhar Death Case
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Varanasi Chhotu Rajbhar Death Case

Varanasi Chhotu Rajbhar Death Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में मामूली विवाद में मारपीट और फिर किसान की मौत हो जाने के बाद मामला बिगड़ गया है। चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में ठाकुर बिरादरी के भाजपा नेता के खेत में गाय के घुस जाने पर राजभर किसान को पीट दिया गया था।

जिसके बाद गंभीर रूप से घायल किसान की तीन माह तक चले उपचार के बाद मौत हो गयी। किसान की मौत के बाद परिवार में मातम पसर गया। वहीं अब इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। पुलिस ने मामले को बढ़ता देख गांव में पीएसी की एक बटालियन की तैनाती कर दी है। गांव में आरएएफ भी तैनात की गयी है। पुलिस ने भाजपा नेता को भी गिरफ्तार कर लिया है।

जानें क्या है पूरा मामला

बीते 5 जुलाई, 2025 को चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में रहने वाले भाजपा नेता संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस गई। इसके बाद खेत से गाय को भगा दिया गया। जिसके बाद गाय बगल के ही राजभर बिरादरी के किसान के खेत में घुस गई और फसल चरने लगी। तब राजभर लोगों ने गाय को भगाया, तो गाय फिर से संजय सिंह के खेत में घुस कर चरने लगी। तब संजय सिंह को यह लगा कि राजभर बिरादरी के लोगों ने गाय को जानबूझकर खेत में हांक दिया है। इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और मारपीट शुरू हो गयी।

आरोप है कि संजय सिंह और उसके बेटे अनुराग सिंह ने राजभर बिरादरी के लोगों पर तलवार और डंडो से हमला किया। घटना की जानकारी पर चौबेपुर थाने की पुलिस वहां पहुंची और संजय, अनुराग को जीप में बैठा लिया। मारपीट की इस घटना में छोटू राजभर, संजय सिंह समेत कई लोग घायल हो गये थे। गंभीर रूप से घायल छोटू राजभर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां तीन माह तक चले उपचार के बाद तीन अक्टूबर को उसकी मौत हो गयी।

पापा चले गए, अब कौन सहारा देगाः छोटू की बेटी

छोटू राजभर की मौत हो जाने के बाद विवाद फिर गरमा गया। परिवार और ग्रामीण इस मामले को लेकर गुस्से में हैं। वहीं छोटू राजभर की बेटी ने रोते हुए गुहार लगायी कि पापा चले गए, अब हमारा कौन सहारा होगा। पापा के हत्यारों को फांसी मिलनी चाहिए। अब हमारा जीवन कैसे चलेगा। जिस तरह से हमारे पापा मरे हैं, वैसे ही उनकी मौत भी होनी चाहिए। परिवार वाले इसलिए भी नाराज हैं क्यों कि चार आईपीएस अफसरों की एसआईटी दो माह बाद भी जांच पूरी नहीं कर सकी। हालांकि छोटू राजभर की मौत से पहले संजय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

पुलिस जोड़ती रही हाथ, परिवार बोला- न्याय कीजिए

वाराणसी के ट्रामा सेंटर में तीन अक्टूबर को छोटू राजभर की उपचार के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। छोटू राजभर का शव जब छितौना गांव पहुंचा। तब वहां एसीपी सारनाथ विदुष सक्सेना समेत पुलिस फोर्स मौजूद थी। एसीपी विदुष सक्सेना ने लोगों के सामने हाथ जोड़ा और कहा- पुलिस आपके साथ है और जो भी बन पड़ेगा। वह किया जाएगा। शव का अंतिम संस्कार कीजिए।

इस पर परिवार की महिलाओं ने कहा कि हमारे साथ न्याय कीजिए। 50 लाख का मुआवजा और बेटे को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगीं। तब अंतिम संस्कार नही किया जाएगा। इसके बाद डीएम भी मौके पर पहुंच गये और उन्होंने बेटे की नौकरी और बेटी की शादी के लिए मदद दिलाने का वादा किया।

एसीपी के जानकारी देने पर एसडीएम सदर अमित कुमार भी वहां पहुंचे और आश्वासन दिया कि मकान बनवाया जाएगा और उचित मुआवजा भी मिलेगा। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पीएसी की एक बटालियन की तैनाती कर रखी है।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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