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UP News: उच्च शिक्षा मंत्री ने विकसित भारत 2047 की भावी रणनीति सदन में की पेश ! उच्च शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार प्रयासरत
UP News: उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 20.18 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय जीईआर 28 प्रतिशत है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय (photo: social media )
UP News: पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में उच्च शिक्षा विभाग की भावी रणनीति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर, आधुनिक और वैश्विक प्रतिस्पर्धी बनाने का लक्ष्य है, जिसके लिए शिक्षा की पहुंच, गुणवत्ता, रोजगार सृजन, शोध और नवाचार के क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 20.18 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय जीईआर 28 प्रतिशत है। 2047 तक इस अनुपात को 60 प्रतिशत तक ले जाने और लैंगिक व सामाजिक समानता सुनिश्चित करने की योजना है। उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए लक्ष्य रखा गया है कि 2047 तक प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक विश्वविद्यालय स्थापित हो और कुल 125 विश्वविद्यालयों का जाल बिछाया जाए। गरीब और मेधावी छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों को प्रदेश में अपने कैम्पस खोलने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस दिशा में सिडनी और मोनाश विश्वविद्यालयों के साथ समझौता हो चुका है, जबकि जापान और रूस के विश्वविद्यालयों से वार्ता जारी है। यूनाइटेड किंगडम की ‘चिवनिंग-भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी छात्रवृत्ति योजना’ के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष प्रदेश के पांच मेधावी छात्रों को स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए यूके भेजा जाएगा।
प्रदेश के 25 संस्थानों को एनआईआरएफ रैंकिंग
गुणवत्ता सुधार पर जोर देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को नैक रैंकिंग में शामिल कराना और कम से कम पचास प्रतिशत को ‘ए’ ग्रेड से ऊपर की ग्रेडिंग दिलाना लक्ष्य है। इसके साथ ही 20 प्रतिशत विश्वविद्यालयों को देश के शीर्ष 100 में और 10 प्रतिशत विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष 500 में स्थान दिलाने की योजना बनाई गई है। प्रदेश के 25 संस्थानों को एनआईआरएफ रैंकिंग में, 25 प्रतिशत विश्वविद्यालयों को क्यूएस एशिया रैंकिंग में और 10 प्रतिशत विश्वविद्यालयों को क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में स्थान दिलाने, यूजीसी ग्रेड-1 मे 03 विश्विद्यालय है जिसे बढ़ाकर 20 करने का लक्ष्य है, ताकि उत्तर प्रदेश देश और विदेश के छात्रों के लिए शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन सके।
120 प्रवक्ताओं की भर्ती हुई पूरी
रोजगार सृजन के क्षेत्र में प्रगति की जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में प्रवक्ता और प्रोफेसर नियुक्त किए गए हैं। राजकीय महाविद्यालयों में 840 प्रवक्ता पदों में से 801 पर चयन पूर्ण हुआ है, एडेड महाविद्यालयों में 2002 प्रवक्ताओं की नियुक्ति हो चुकी है और अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में 170 पदों पर नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं। नवनिर्मित महाविद्यालयों में 2556 पद सृजित किए जा चुके हैं, 120 प्रवक्ताओं की भर्ती पूर्ण हो चुकी है और 1252 प्रवक्ता पदों का अधियाचन लोकसेवा आयोग को भेजा गया है। राज्य विश्वविद्यालयों में कुलसचिव और सहायक कुलसचिव पदों को भरने की कार्यवाही भी चल रही है।
शोध और नवाचार का वैश्विक हब बनाया जाएगा
उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि उच्च शिक्षा को उच्चीकृत करने के लिए अब तक 75 अंतर्राष्ट्रीय और लगभग 1300 राष्ट्रीय एमओयू किए जा चुके हैं तथा पीएम ऊषा योजना के तहत 965 करोड़ रुपये की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। आने वाले वर्षों में ओडीओपी को शिक्षा से जोड़ने, स्टार्टअप और नवाचार को प्रोत्साहन देने, उद्योग आधारित लैब और प्रशिक्षणशालाओं की स्थापना करने, अनुसंधान के लिए डिजिटल ऑब्जेक्ट आइडेंटिफायर को अनिवार्य करने, छात्रावास एवं छात्रवृत्ति सुविधाओं का विस्तार करने, खेल और भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीकों को शिक्षा के साथ जोड़कर प्रदेश को शोध और नवाचार का वैश्विक हब बनाया जाएगा। इन सभी पहलों और योजनाओं से विकसित भारत 2047 का लक्ष्य निश्चित रूप से पूरा होगा।
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