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'I love Muhammad' पर काशी में छिड़ी जंग, संतों ने फूंका बिगुल, 'आई लव महादेव' के नारों से गूंजा बनारस
काशी में 'आई लव मोहम्मद' अभियान को लेकर विवाद गर्मा गया। हिंदू संतों और महादेव भक्तों ने 'आई लव महादेव' के नारे लगाते हुए सड़कों पर मार्च किया और शांति के साथ अपने अधिकार और पहचान का संदेश दिया।
I Love Muhammad controversy: उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' अभियान को लेकर शुरू हुआ विवाद अब एक धार्मिक 'पोस्टर युद्ध' में बदल गया है। कानपुर से शुरू हुआ यह मामला अब काशी तक पहुंच गया है, जहां हिंदू संतों ने इस अभियान का जवाब देने के लिए 'आई लव महादेव' के नारे लगाए हैं। वाराणसी में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में सैकड़ों संत-महात्मा और महादेव भक्त सड़कों पर उतर आए, जिन्होंने हाथों में तख्तियां थामे शहर भर में मार्च निकाला। यह प्रदर्शन न केवल एक जवाब था, बल्कि यह 70 प्रतिशत बहुसंख्यक समाज की शक्ति का प्रदर्शन भी था, जिसका दावा संतों ने किया।
'चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश'
शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने इस प्रदर्शन के दौरान 'आई लव मोहम्मद' अभियान को 'चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश' बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस अभियान के जरिए कुछ लोग अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शांति की भाषा नहीं समझी गई, तो 'महादेव की फौज' उन्हें कुचल देगी। उन्होंने कहा, "हम 70 प्रतिशत बहुसंख्यक समाज को सड़क पर उतार देंगे ताकि 30 प्रतिशत की मांगों का जवाब दिया जा सके।" यह बयान इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है, जो अब सिर्फ एक पोस्टर विवाद नहीं, बल्कि एक धार्मिक और सामाजिक टकराव का रूप ले रहा है।
'हर हर महादेव' के जयकारों से गूंज उठी काशी
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में 'आई लव महादेव' लिखी तख्तियां लिए काशी विश्वनाथ मंदिर से मार्च शुरू किया, जो दशाश्वमेध घाट तक गया। इस दौरान वातावरण शंखनाद और 'हर हर महादेव' के जयकारों से गूंज उठा। संतों के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं ने भी इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अभियान के तहत, शहर के प्रमुख पार्कों, बाजारों और आवासीय इलाकों में 'आई लव महादेव' के पोस्टर भी चस्पा किए गए, जिससे यह संदेश आम जनता तक पहुंच सके।
'महादेव सेना' का ऐलान और 'आर्मी' जैसी तैयारी
शंकराचार्य ने इस अभियान को एक नया आयाम देते हुए 'महादेव की सेना' का भी ऐलान किया। उन्होंने दावा किया कि इस सेना में पांच करोड़ ऐसे सैनिक हैं, जिन्हें आर्मी जैसा प्रशिक्षण प्राप्त है। इसके अलावा, उन्होंने 10 लाख से अधिक नागा साधुओं की फौज के हमेशा तैयार रहने की बात कही। एक संत ने कहा, "'आई लव मोहम्मद' के नाम से जो उन्माद फैलाया जा रहा है, वह सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। हमारा यह अभियान शांति का संदेश देता है, लेकिन यदि आवश्यकता पड़ी तो हमारी सेना सदैव तत्पर है।" हालांकि, प्रदर्शन के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात किया था। यह घटना दिखाती है कि कैसे एक छोटा सा मुद्दा, अगर समय रहते नहीं संभाला गया, तो एक बड़े सामाजिक और धार्मिक विवाद में बदल सकता है।
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