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छांगुर बाबा का लोकसभा इलेक्शन से सियासी कनेक्शन! यूपी के इस बड़े माफिया के लिए किया था चुनाव प्रचार
Changur Baba: छांगुर मुस्लिम बाहुल्य इलाके खासकर अपने गांव रेहरा माफी में माफिया अतीक अहमद के साथ खुली जीप पर बैठकर चुनाव प्रचार करता था। यहीं नहीं वह अतीक अहमद के साथ चुनावी मंच भी साझा करता था।
Changur Baba
Changur Baba: गैर मुस्लिम युवतियों को फंसाकर धर्मांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का सियासी कनेक्शन सामने आया है। नेपाल से आईएसआई और अब यूपी की सियासत में भी गहरी पैठ यह साबित करती है कि छांगुर बाबा के मंसूबे कितने ज्यादा खौफनाक थे। उसके दिवंगत माफिया अतीक अहमद से संबंध थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्रावस्ती से चुनाव लड़ा था।
इलेक्शन के दौरान अतीक अहमद के पहुंचा करीब
श्रावस्ती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अतीक अहमद से यहीं पर अवैध मतांतरण के सरगना छांगुर बाबा से संपर्क हुआ। दरअसल श्रावस्ती की उतरौला विधानसभा सीट में ही छांगुर बाबा की आलीशान कोठी बनी थी। इस दौरान छांगुर मुस्लिम बाहुल्य इलाके खासकर अपने गांव रेहरा माफी में माफिया अतीक अहमद के साथ खुली जीप पर बैठकर चुनाव प्रचार करता था। यहीं नहीं वह अतीक अहमद के साथ चुनावी मंच भी साझा करता था। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान छांगुर अतीक अहमद का बेहद खास हो गया था। उसके जीवित रहते छांगुर कई बार प्रयागराज भी गया था। यहीं नहीं अतीक के गुर्गों ने छांगुर बाबा के लिए मुंबई की राह आसान बनायी थी।
साइकिल पर अंगूठी बेचने वाला बना करोड़ों का मालिक
एक दरगाह के बाहर साइकिल पर अंगूठी और उसके नग बेचने वाला जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा देखते ही देखते करोड़ों का मालिक बन गया। जब वह पहली बार मुंबई से यूपी पहुंचा तो सेकंड हैंड क्वालिस गाड़ी लेकर आया था। यहां उसने मतांतरण कराने का गोरख धंधा शुरू किया। जिसके लिए वह मुस्लिम लड़कों को पैसे देता था ताकि वह हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण करा सकें।
यहीं नहीं छांगुर बाबा के मंसूबे बेहद खौफनाक थे। वह भारत को मुस्लिम देश बनाने का सपना संजो रहा था। जिसके लिए वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी कनेक्शन बनाना चाह रहा था। लेकिन समय रहते वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अतीक अहमद की तरह ही उसने भी कई अवैध जमीनें खरीदी। उसके इस सिंडिकेट को उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन संभालती थी। वह फंडिंग का पूरा लेखा-जोखा रखती थी। पुलिस जांच में छांगुर और उसके सहयोगियों के बैंक अकाउंट में सौ करोड़ से भी ज्यादा का विदेशी लेनदेन का ब्योरा मिला है।
अतीक के करीबी होने के बाद छांगुर ने खुद को बनाया रहनुमा
लोकसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के दौरान छांगुर उसके बेहद करीबी बन गया। अतीक से नजदीकी बनाने के बाद छांगुर खुद की छवि मुस्लिमों के बीच सूफी संत और रहनुमा के रूप में बनाने लगा। छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए नेपाल से सटे हुए उत्तर प्रदेश के जनपदों में सरकारी जमीनों पर मदरसे बनाकर जनसंख्या संतुलन को भी बिगाड़ने की कोशिश की। एटीएस अभी भी मदरसों के फंड की जांच कर रही है।
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