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केदारनाथ यात्रा फिर बाधित! रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में भारी मलबा और चट्टानें गिरने से रास्ता बंद, यात्रियों की आवाजाही पर रोक
Rudraprayag (Uttarakhand): रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आ गिरा। जिससे पैदल मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।
Kedarnath landslide news
Rudraprayag (Uttarakhand): उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई है। रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आ गिरा। जिससे गौरीकुंड-रामबाड़ा पैदल मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट साझा की है। पुलिस द्वारा यात्रियों से अपील की गई है कि वे परेशान न हों, धैर्य बनाकर रखें और प्रशासन द्वारा दिए जा रहे आदेशों का पालन करें। राहत कार्य और मार्ग को पुनः खोलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने रोका रास्ता
जानकारी में सामने आया है कि भारी वर्षा के कारण अचानक एक पहाड़ी दरक गई, जिससे पैदल मार्ग पर भारी मलबा और चट्टानें आ गईं। इसके कारण यात्रियों को गौरीकुंड में ही रोक दिया गया है और उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ घंटों के लिए इस क्षेत्र में भारी वर्षा का अनुमान लगाया है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह इलाका पहले भी भूस्खलन की घटनाओं के लिए जाना जाता है। हाल ही में गौरीकुंड-रामबाड़ा मार्ग पर हुए एक अन्य भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गई थी और कई श्रद्धालु घायल हुए थे। लगातार वर्षा के कारण यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील बन चुका है, जहां ज़रा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
यात्रियों से अपील: प्रशासन के संपर्क में रहें
प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे केदारनाथ यात्रा पर रवाना होने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें और स्थानीय प्रशासन या चारधाम कंट्रोल रूम से संपर्क कर मार्ग की स्थिति की पुष्टि करें। हालांकि प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है और जल्द ही मार्ग को सुचारु करने की कोशिश जारी है। तब तक सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने और मौसम में सुधार का इंतजार करने की सलाह दी गई है।
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