TRENDING TAGS :
Uttarakhand Weather Updates: चमोली में बादल फटने से तबाही, 5 लोग लापता, राहत कार्य तेज
Uttarakhand Ka Mausam: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में बादल फटने से राज्य के हालात और भी भयावह हो गए।
Uttarakhand weather
Uttarakhand Ka Mausam: उत्तराखंड की शांत वादियों में इन दिनों बारिश आफत बनकर बरस रही है। खूबसूरत पहाड़ों के लिए मशहूर यह राज्य प्राकृतिक आपदाओं से लगातार जूझ रहा है। कभी नदियों का उफान, तो कभी भूस्खलन और अब बादल फटने की घटनाओं ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जहां जनजीवन को मुश्किल में डाल दिया है, वहीं चमोली जिले के नंदानगर में बादल फटने से हालात और भी भयावह हो गए। अचानक आए सैलाब ने पूरे इलाके को दहला दिया और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे।
चमोली में बादल फटा, छह मकान तबाह
नंदानगर में बादल फटने की घटना सामने आई। कुन्तरि लगाफाली वार्ड में पानी का जोर इतना तेज था कि छह मकान पूरी तरह से बह गए। हादसे में पांच लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। राहत और बचाव कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर जुटी हुई हैं। वहीं, एनडीआरएफ की टीम भी गोचर से नंदानगर रवाना कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मेडिकल टीमें मौके पर
इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत मोर्चा संभाला। सीएमओ के निर्देश पर मेडिकल टीम और तीन एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेज दी गईं ताकि घायलों का तुरंत इलाज किया जा सके। इसके अलावा नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी बारिश से चार-पांच मकानों को नुकसान पहुंचा है। यहां जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन मोक्ष नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
पूरे राज्य में भारी बारिश से तबाही
नंदानगर से पहले राजधानी देहरादून समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई थी। नदियों और नालों ने सड़कों, पुलों और कई इमारतों को बहा दिया। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से करीब 900 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि 1,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित इलाकों की समीक्षा बैठक में साफ कहा है कि सरकार की प्राथमिकता राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से पूरा करना है। उन्होंने बताया कि 85% बिजली लाइनों की मरम्मत पूरी हो चुकी है और नरेन्द्रनगर-टिहरी मार्ग की मरम्मत जल्द कराई जाएगी।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि इस आपदा में 10 से ज्यादा सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से पांच पुल पूरी तरह बह गए। सबसे ज्यादा नुकसान सहस्रधारा, प्रेमनगर, मसूरी, पौड़ी, पिथौरागढ़ और नैनीताल में हुआ है। लगातार बारिश के बीच राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन चुनौती अभी भी बेहद बड़ी है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!