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Uttarakhand News: हेलीकॉप्टर से ओम पर्वत के दर्शन! उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, सर्दियों में शुरू होगी रोमांचकारी यात्रा
Uttarakhand News: सर्दियों में, जब पूरा क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े रहता है। पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब शीतकाल में भी इन अद्भुत स्थानों के लिए हेली सेवा शुरू की जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए पूरी तरह हरी झंडी दे दी है।
Uttarkhand News: उत्तराखंड की बर्फीली वादियों में छिपे हैं वो रहस्य, जिनकी आहट अब पूरी दुनिया सुनना चाहती है। एक ओर हिमालय की शांत चोटी, दूसरी ओर हजारों साल पुरानी आध्यात्मिक कहानियां। इसी रहस्य और आस्था का प्रतीक हैं ‘आदि कैलाश’ और ‘ओम पर्वत’। इन दोनों पवित्र स्थलों तक पहुंचना अब सिर्फ साधकों और पर्वतारोहियों का सपना नहीं रह जाएगा, बल्कि आम श्रद्धालु भी बर्फ से ढकी इन चोटियों के दर्शन कर सकेंगे। और वो भी सर्दियों में, जब पूरा क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े रहता है। पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब शीतकाल में भी इन अद्भुत स्थानों के लिए हेली सेवा शुरू की जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए पूरी तरह हरी झंडी दे दी है।
बर्फ में गूंजेगा ओम् का नाद
पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत, भारत के उन दुर्लभ तीर्थ स्थलों में से हैं जिनका धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही प्राकृतिक खूबसूरती भी किसी स्वर्ग से कम नहीं। ओम पर्वत की खासियत ये है कि इसकी बर्फ से ढकी चोटी पर 'ॐ' का प्राकृतिक चिन्ह साफ नजर आता है। यही कारण है कि यह स्थल श्रद्धालुओं के साथ-साथ दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अब पहली बार शीतकाल में भी लोग इस दिव्य दृश्य के साक्षी बन सकेंगे। उत्तराखंड सरकार ने रुद्राक्ष एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को इसके लिए अधिकृत कर दिया है। इस कंपनी की ओर से नवंबर में एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए हेली सेवा शुरू की जाएगी। ऐसे समय में जब पूरा इलाका बर्फ से घिरा होगा और सड़क मार्ग लगभग बंद, तब हेलीकॉप्टर की यह सेवा यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी।
मोदी की यात्रा से मिली नई पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 में आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा ने इस स्थान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचा दिया था। पीएम की यात्रा के बाद देशभर में श्रद्धालुओं के मन में यहां जाने की ललक जागी। सरकार ने भी मौके को भांपते हुए इस तीर्थयात्रा को व्यवस्थित रूप देने की शुरुआत की। विशेष टूर पैकेज तैयार किए गए, आधारभूत ढांचे में सुधार किया गया और अब सबसे बड़ा कदम, हेली सेवा शुरू करने का निर्णय भी लिया गया है। बीते दो सालों में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। उत्तराखंड सरकार की कोशिश है कि ये यात्रा सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास का भी माध्यम बने।
रोजगार का नया रास्ता
इस कदम का सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को मिलने वाला है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रोजगार के साधन सीमित हैं, लेकिन इस हेली सेवा के शुरू होते ही पर्यटन व्यवसाय को पंख लगेंगे। होटल, गाइड, ट्रैवल ऑपरेटर से लेकर स्थानीय हस्तशिल्प और खाने-पीने के व्यवसाय को भी मजबूती मिलेगी। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि हेली सेवा से न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सर्दियों में भी यात्रा का सपना होगा पूरा
अब तक आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा गर्मियों या मानसून के शुरुआती दौर में ही होती थी। लेकिन अब पांच से छह दिन के विशेष पैकेज के साथ शीतकाल में भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। नवंबर से लेकर मार्च तक इस हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए देश के किसी भी कोने से लोग सीधे बर्फीली चोटियों पर उतरकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर पाएंगे। धामी सरकार का ये फैसला सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देने का कदम नहीं है, बल्कि उत्तराखंड को धार्मिक पर्यटन का ग्लोबल सेंटर बनाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। ओम पर्वत की हिम से उकेरी गई ‘ॐ’ की आकृति जब सफेद धुंध में गूंजेगी, तो उसका नाद भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में सुनाई देगा। अब हिमालय सिर्फ किताबों में नहीं, हेलीकॉप्टर की खिड़की से सजीव होकर सामने आएगा।
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