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प्यासा तड़पेगा पाकिस्तान! भारत के बाद अब Afghanistan रोकेगा PAK का पानी...सुप्रीम लीडर का बड़ा फरमान
Pakistan water crisis: भारत के बाद अब अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान का पानी रोकने की तैयारी कर ली है। तालिबान सरकार ने कुनार नदी पर नया बांध बनाने का एलान किया है, जिससे पाकिस्तान में पानी और बिजली की भारी किल्लत हो सकती है।
Pakistan water crisis: पाकिस्तान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। भारत के बाद अब अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान का पानी रोकने की तैयारी कर ली है। तालिबान सरकार ने एलान किया है कि वह कुनार नदी पर नया बांध बनाएगी और यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। जिस नदी से पाकिस्तान अपने कई इलाकों की सिंचाई और बिजली उत्पादन करता है, अब उसी पर नियंत्रण अफगानिस्तान के हाथ में आने वाला है, जिससे पाक की टेंशन बढ़ गई है।
तालिबान का एलान: अपने पानी का फैसला खुद करेंगे
अफगानिस्तान के सूचना उप मंत्री मुजाहिद फराही ने गुरुवार को घोषणा की कि देश के ऊर्जा एवं जल मंत्रालय को तालिबान के सर्वोच्च नेता शेख हिबतुल्लाह अखुंदजादा से निर्देश मिले हैं कि कुनार नदी पर बिना देरी बांध निर्माण शुरू किया जाए। ऊर्जा मंत्री मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर ने कहा, "अफगानों को अपने पानी का प्रबंधन करने का पूरा अधिकार है। हम किसी विदेशी कंपनी का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि अपनी घरेलू कंपनियों के साथ आगे बढ़ेंगे।"
पाकिस्तान की दोहरी मुश्किल
पाकिस्तान पहले ही भारत द्वारा सिंधु नदी जल समझौते पर पुनर्विचार की बात से परेशान है। अब अफगानिस्तान का यह कदम उसकी जल संकट की समस्या को और बढ़ाने वाला है। कुनार नदी पाकिस्तान के चित्राल क्षेत्र से निकलकर अफगानिस्तान से लगभग 300 मील बहती है, और फिर पाकिस्तान लौटकर काबुल नदी में मिल जाती है। पाकिस्तान इस नदी के पानी से खैबर पख्तूनख्वा में सिंचाई और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स चलाता है। अगर अफगानिस्तान इस पर बांध बना देता है, तो नीचे के हिस्सों में पानी का प्रवाह कम हो जाएगा।
चीन की भूमिका से बढ़ी संवेदनशीलता
रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में अफगानिस्तान के जल मंत्रालय ने बताया था कि चीन की एक कंपनी ने कुनार नदी पर तीन बड़े बांधों में निवेश की इच्छा जताई थी, जिससे 2,000 मेगावाट तक बिजली उत्पादन संभव है। पाकिस्तान के लिए यह खबर और भी असहज है, क्योंकि चीन उसका सबसे बड़ा सहयोगी रहा है। अगर वही चीन अफगानिस्तान के साथ बांध प्रोजेक्ट में उतरता है, तो पाकिस्तान की स्थिति बेहद पेचीदा हो जाएगी, विरोध भी नहीं कर सकेगा और नुकसान भी झेलेगा।
अफगान-पाक तनाव की नई परत
हाल के महीनों में तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। काबुल पर पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक के बाद तालिबान ने जवाबी हमला कर 58 पाक सैनिकों को मार गिराया था। अब पानी का यह मुद्दा दोनों के बीच रिश्तों में एक और दरार डालने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि भारत पहले ही अफगानिस्तान के सलमा डैम और शहतूत डैम जैसे प्रोजेक्ट्स में तकनीकी सहायता दे चुका है, और पाकिस्तान इन योजनाओं को “भारत-अफगान साजिश” बताता आया है।
पाकिस्तान की बढ़ती चिंता
अगर कुनार नदी पर बांध बनता है, तो पाकिस्तान के लिए सिंचाई और बिजली आपूर्ति दोनों पर गहरा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पाकिस्तान के जलाशयों में पानी की कमी और कृषि उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सबसे बड़ी बात है कि दोनों देशों के बीच पानी को लेकर कोई आधिकारिक समझौता नहीं है, जिससे आने वाले वक्त में जल युद्ध जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है।
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