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भारत को घेरने के लिए ‘Pak-ड्रैगन' ने बनाई योजना! पूर्व विदेश सचिव का बड़ा खुलासा- तीन मोर्चों पर मदद दे रहा चीन!
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों पर, पूर्व विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि असीम मुनीर ने ट्रंप 2.0 प्रशासन के अंतर्गत अपनी स्थिति को बहुत मजबूत किया और वाशिंगटन का ध्यान अपनी तरफ़ बेहद चालाकी से आकर्षित करने में कामयाब रहे।
Pak-China all weather Relation (photo: social media)
Pak-China all weather Relation: हमेशा पाने चीन की पाकिस्तान के साथ अटूट दोस्ती की बात सुनी होगी। वैश्विक स्तर पर तेज़ी से बदल रहे हालातों के बीच दोनों देश एक-दूसरे के बेहद करीब ही आए हैं। बात जब भी भारत के खिलाफ जाने की होती है तो ये दोस्ती का रिश्ता दोनों देशों के बीच और भी गहराता नज़र आता है। भारत के पूर्व विदेश सचिव ने दावा किया है कि चीन और पाकिस्तान के बीच ‘ऑल वेदर’ गठबंधन की योजना बन रही है और इसके लिए चीन तीनों मोर्चों पर पाक की सहायता कर रहा है।
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का स्पष्ट रूप से कहना है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में सैन्य संघर्ष के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी देखि गयी थी। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की यह हिस्सेदारी डिफेंस सप्लाई से कहीं आगे जाकर खुफिया और राजनयिक समर्थन तक पहुंच गई है, इससे इनके बीच एक ‘सदाबहार’ गठबंधन (All-Weather Alliance) बन चुका है जिसका उद्देश्य भारत के आगे बढ़ने से किसी भी तरह से रोकना है। श्रृंगला ने बीते सोमवार को पुणे इंटरनेशनल सेंटर (PIC) की तरफ़ से आयोजित और चीन में भारत के पूर्व राजदूत गौतम बंबावाले द्वारा संचालित एक संवाद कार्यक्रम में भारत की विदेश नीति और रणनीतिक मामलों पर यह बड़ा खुलासा किया।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की विदेश नीति यथार्थवाद और आदर्शवाद (Realism and Idealism) के बीच नियंत्रण बनाकर चलती है, जो विकास से जुड़ी अनिवार्यताओं, रणनीतिक स्वायत्तता और एक समावेशी ग्लोबल लक्ष्य पर आधारित है। श्रृंगला जो G20 प्रेसीडेंसी के लिए भारत के मुख्य समन्वयक (Chief Coordinator) के तौर पर भी काम कर चुके हैं, ने तेजी से परिवर्तित ग्लोबल ऑर्डर में देश की उभरती विदेश नीति, क्षेत्रीय गतिशीलता और रणनीतिक प्राथमिकताओं पर अपने विचार शेयर किए।
पुणे इंटरनेशनल सेंटर की तरफ़ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुसद्दों पर गंभीरता से मंथन किया गया, जिनमें चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते, आधुनिक दौर में युद्ध की बदल रही प्रकृति और रक्षा तथा कूटनीति में टेक्नोलॉजी, ड्रोन और साइबर टूल्स की बढ़ती अहम भूमिका शामिल थी। साथ ही पूर्व विदेश सचिव ने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक निवारण, कुशल कूटनीति और घरेलू विकास पर विशेषतौर से ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर बल दिया।
पाक-चीन में साझेदारी
संवाद कार्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र भी किया गया। इस साल मई महीने में चलाये गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान भारत के साथ छिड़े संघर्ष में पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के प्रयोग से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए, श्रृंगला ने इस संघर्ष को “चीन और पाकिस्तान के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी का संकेत” बताया।
उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरी हो रही दोस्ती को लेकर आगाह करते हुए कहा कि चीन का इन्वॉल्मेंट डिफेंस सप्लाई से आगे बढ़कर खुफिया जानकारी और कूटनीतिक समर्थन तक पहुंच गई है, और इस कारण भारत के विकास को रोकने के उद्देश्य से एक ‘सदाबहार’ गठबंधन बन गया, और उन्होंने क्षमता निर्माण, इनोवेशन और भारत के रणनीतिक फायदों पर आधारित साझेदारियों के माध्यम से प्रतिक्रिया का आह्वान किया।
'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच के रिश्तों पर, पूर्व विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने ट्रंप 2.0 प्रशासन के अंतर्गत अपनी स्थिति को बेहद मजबूत किया और वाशिंगटन का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करने में सफल रहे।
पुणे इंटरनेशनल सेंटर की तरफ़ से रिलीज़ विज्ञप्ति के मुताबिक, अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर पर अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए, उन्होंने पाकिस्तान के अल्पकालिक सामरिक दृष्टिकोण और भारत की दीर्घकालिक तथा संस्थागत कूटनीति के बीच तुलना की। साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक संतुलन पर बयान देते हुए, उन्होंने ‘पड़ोसी पहले’ नीति के महत्व पर बल दिया, साथ ही ग्लोबल साउथ, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ मजबूत जुड़ाव पर भी जोर दिया।
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