सोयाबीन का बदला 'कुकिंग ऑयल' से! ट्रंप की चीन को खुली धमकी, व्यापार खत्म करने की तैयारी

China-US Trade: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक टकराव में ट्रंप ने चीन को कुकिंग ऑयल का व्यापार खत्म करने की धमकी दी है। क्या इससे दोनों देशों के बीच विवाद और गहरा होगा? जानिए पूरी खबर!

Harsh Sharma
Published on: 15 Oct 2025 9:11 AM IST
सोयाबीन का बदला कुकिंग ऑयल से! ट्रंप की चीन को खुली धमकी, व्यापार खत्म करने की तैयारी
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China-US Trade: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव बढ़ता जा रहा है, खासकर टैरिफ और व्यापारिक नीतियों को लेकर। पहले चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोयाबीन न खरीदने का फैसला लेकर बड़ा झटका दिया था। अब, ट्रंप चीन को एक और चुनौती देने की तैयारी में हैं, और इस बार उनका निशाना कुकिंग ऑयल है। ट्रंप ने चीन को स्पष्ट रूप से धमकी दी है कि वे बीजिंग के साथ कुकिंग ऑयल का व्यापार खत्म करने पर विचार कर रहे हैं।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, "चीन जानबूझकर हमसे सोयाबीन नहीं खरीद रहा है, जिससे हमारे सोयाबीन किसान संकट में हैं। यह एक आर्थिक तौर पर दुश्मनी बढ़ाने वाला कदम है। हम इसके बदले चीन के साथ कुकिंग ऑयल और अन्य व्यापारिक सामान का लेन-देन खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। हमें कुकिंग ऑयल खुद बनाने की पूरी क्षमता है, हमें चीन से इसे खरीदने की कोई जरूरत नहीं है।"

चीन-अमेरिका व्यापार विवाद का कारण

चीन हमेशा से अमेरिका का सबसे बड़ा सोयाबीन खरीदार रहा है। 2024 में चीन ने करीब 2.7 करोड़ टन सोयाबीन खरीदी थी, जिसकी कुल कीमत लगभग 12.8 अरब डॉलर थी। लेकिन मई 2025 से चीन ने अमेरिकी सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया था, जो अमेरिकी टैरिफ (आयात शुल्क) के जवाब में लिया गया एक कदम था। हालांकि चीन ने भी इस कदम के बाद अमेरिकी सामान पर रिटालिएटरी टैक्स (प्रतिशोधी कर) लगा दिया।

कुकिंग ऑयल का व्यापार क्यों है अहम?

कुकिंग ऑयल की बात करें तो 2024 में चीन ने इसका रिकॉर्ड स्तर पर आयात किया था। अमेरिका, चीन के कुल कुकिंग ऑयल एक्सपोर्ट का करीब 43 प्रतिशत खरीदता था। अगर ट्रंप अब चीन से कुकिंग ऑयल न खरीदने का फैसला करते हैं, तो यह बीजिंग के लिए एक बड़ा झटका होगा। इस कदम से न सिर्फ दोनों देशों के व्यापार पर असर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक खाद्य आपूर्ति और बायोफ्यूल चेन भी प्रभावित हो सकती है। इससे चीन को आर्थिक नुकसान होने के साथ-साथ खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र में भी कठिनाइयाँ आ सकती हैं। अमेरिकी बाजार से कुकिंग ऑयल की आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिससे अन्य देशों में भी इसका असर पड़ेगा।

क्या होगा आगे?

अब यह देखना होगा कि ट्रंप अपने इस फैसले को कब लागू करते हैं और इसके क्या परिणाम होते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद अगर और बढ़ता है, तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। इस विवाद के समाधान के लिए दोनों देशों को किसी तरह की बातचीत की जरूरत होगी, ताकि टकराव को कम किया जा सके।

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