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पाकिस्तान में तख्तापलट! शहबाज शरीफ के विदेश जाते ही आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने कर दिया खेल, PMO में बैठा दिया अपने गुर्गे को
Coup in Pakistan: बिलाल बिन शाकिब को पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर का खासमखास माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नियुक्ति से पहले दोनों के बीच क्रिप्टो को लेकर एक बेहद गोपनीय बैठक भी हुई थी। इसी बैठक के तुरंत बाद शाकिब की नियुक्ति का ऐलान किया गया।
Coup in Pakistan: भारत से सीजफायर होने के बाद पाकिस्तान में तेजी से हालात बदलने लगे हैं। सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अपने आपको फील्ड मार्शल बनाकर अपनी स्थिति को पाकिस्तान में बेहद मजबूत कर ली है। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ स्थिति की कुर्सी भी अब खतरे में दिखने लगी है। इसी बीच विदेश दौरे पर निकले पाकिस्तानी पीएम के कार्यालय में सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अपने खास आदमी बिलाल बिन शाकिब को नियुक्त कर दिया है। शाकिब को सिविलियन सरकार में मंत्री स्तर की सुविधायें दी गई हैं। इसी के साथ ही उन्हें पीएम का सलाहकार भी नियुक्त कर दिया गया है।
क्रिप्टो मामलों के विशेषज्ञ बनाए गए शाकिब
जानकारी के मुताबिक, शाकिब को मुख्यत: से क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय मामलों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है कि सेना से सांठगांठ रखने वाले किसी व्यक्ति को पीएम ऑफिस में जगह दी गई है। शाकिब का दफ्तर और सारा कामकाज भी पीएमओ से ही होगा इसलिये पाकिस्तान के नजरिये ये पोस्टिंग काफी ज्यादा अहम मानी जा रही है। यह पहला मौका है जब इस तरह का पद एक सैन्य संपर्क वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री कार्यालय में दिया गया है। उनके बैठने और कामकाज की व्यवस्था सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई है, जिससे यह नियुक्ति और भी अहम हो जाती है।
असीम मुनीर के नजदीकी माने जाते हैं शाकिब
बिलाल बिन शाकिब को पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर का खासमखास माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नियुक्ति से पहले दोनों के बीच क्रिप्टो को लेकर एक बेहद गोपनीय बैठक भी हुई थी। इसी बैठक के तुरंत बाद शाकिब की नियुक्ति का ऐलान किया गया। सेना प्रमुख मुनीर पहले भी क्रिप्टो मामलों में रुचि दिखा चुके हैं और उन पर इसके जरिये गलत ढंग से पैसा कमाने के आरोप भी लगे हैं। ऐसे में शाकिब का प्रधानमंत्री कार्यालय में सक्रिय होना राजनीतिक हलकों में चिंता का विषय बन गया है।
सेना प्रमुख का हस्तक्षेप सरकार में बढ़ा
अब तक सेना का हस्तक्षेप सरकार के अहम फैसलों तक सीमित माना जाता था, लेकिन शाकिब की नियुक्ति एक संकेत है कि सेना अब सत्ता की धुरी के और भी करीब पहुंच रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल शुरुआत हो सकती है आने वाले समय में मुनीर अपने और सहयोगियों को सरकार के भीतर प्रमुख पदों पर बैठा सकते हैं।
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