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डॉनल्ड ट्रंप या डॉनल्ड 'खान'? अरब में मिली इस्लाम कबूलने की दावत, अब क्या करेंगे Trump?
Donald Trump convert to Islam Invitation: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को सऊदी अरब से इस्लाम कबूलने का खुला न्योता मिला, जिससे #DonaldKhan सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। जानें कैसे उनके मुस्लिम विरोधी बयानों के बावजूद ये दावत मिली, इसके सियासी मायने और क्या होगा ट्रंप का अगला कदम।
Donald Trump convert to Islam Invitation
Donald Trump convert to Islam Invitation: एक वक़्त था जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने मुस्लिम विरोधी बयानों को लेकर दुनिया भर में आलोचना झेल रहे थे। उन्होंने एक बार कहा था कि "मुस्लिमों को अमेरिका में घुसने से रोक देना चाहिए।" लेकिन वक़्त और राजनीति दोनों बदलते हैं, और अब एक नई घटना ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। डॉनल्ड ट्रंप को सऊदी अरब के एक प्रभावशाली धार्मिक नेता की तरफ़ से इस्लाम कबूलने का खुला न्योता दिया गया है—और यही न्योता अब सोशल मीडिया की दुनिया में एक विस्फोट बन चुका है।
'डॉनल्ड खान' बनने की पेशकश पर बवाल
बीते हफ्ते सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में एक इस्लामी सम्मेलन आयोजित किया गया था, जहां पश्चिमी नेताओं के बीच संवाद और वैश्विक धर्मों के बीच समझदारी बढ़ाने पर चर्चा हो रही थी। यहीं पर सऊदी के एक प्रभावशाली मौलवी, शेख अब्दुल्ला अल-हसन ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए डॉनल्ड ट्रंप को इस्लाम धर्म अपनाने का न्योता देते हुए कहा: "आपका ह्रदय सच्चाई की ओर खींचा जा रहा है, मिस्टर ट्रंप। अल्लाह आपको रास्ता दिखाए। इस्लाम शांति है। आप चाहें तो डॉनल्ड ट्रंप से डॉनल्ड खान भी बन सकते हैं। हम आपका स्वागत करते हैं।" इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #DonaldKhan ट्रेंड करने लगा। मज़ाक, आलोचना और गंभीर बहस—हर तरह की प्रतिक्रियाओं का तूफ़ान उमड़ पड़ा।
ट्रंप कैंप की चुप्पी और समर्थकों की चिंता
इस वायरल न्योते पर डॉनल्ड ट्रंप की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उनके प्रचार कार्यालय ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है। लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के भीतर हलचल देखी जा रही है। ट्रंप के कट्टर समर्थक, जो अक्सर 'ईसाई राष्ट्रवाद' की बात करते हैं, इस तरह के न्योते को अपमान की तरह देख रहे हैं। कुछ लोगों ने इस वीडियो को "मुस्लिम प्रोपेगैंडा" बताया है, तो कुछ का कहना है कि यह ट्रंप की छवि को बिगाड़ने की कोशिश है। एक ट्रंप समर्थक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा "डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के दिल की आवाज़ हैं, वो कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे। ये सब दुश्मनों की चाल है।"
दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रियाएं मिलीजुली
जहां एक ओर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग इसे एक सच्ची दावत के रूप में देख रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि यह केवल सोशल मीडिया पर प्रचार का हिस्सा है। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी पत्रकार ताहिर अली ने X पर लिखा "ट्रंप जैसे नेता को इस्लाम में बुलाना एक साहसिक कदम है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि धर्म कोई वायरल ट्रेंड नहीं होता।" हालांकि, कई मज़हबी नेता इसे इंटरफेथ डायलॉग का सकारात्मक संकेत मान रहे हैं। उनका मानना है कि कट्टर विचारधाराओं के बीच पुल बनाना ज़रूरी है, और ऐसे न्योते इसी कोशिश का हिस्सा हैं।
क्या यह किसी गहरी रणनीति का हिस्सा है?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह "दावत" केवल धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक इशारा भी है। 2024 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों में ट्रंप एक बार फिर मैदान में हैं, और मुस्लिम देशों के साथ उनकी पुरानी कटुता अब एक नई रणनीति में बदल सकती है। 2017 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान ट्रंप ने अरब नेताओं के साथ भारी निवेश समझौते किए थे। अब जब चुनाव करीब हैं, तो क्या यह "न्योता" उनके लिए एक रास्ता खोल सकता है? मध्य-पूर्व राजनीति पर नजर रखने वाले एक जानकार, प्रो. उमर अय्यूब का कहना है "यह केवल धर्म नहीं, बल्कि शक्ति और प्रभाव का खेल है। ट्रंप को जानबूझकर केंद्र में लाया गया है ताकि पश्चिम और इस्लामी दुनिया के बीच की खाई फिर से चर्चा में आ सके।"
इंटरनेट की दुनिया में मीम्स और मज़ाक की बाढ़
जहां एक ओर यह मुद्दा गंभीर बहस छेड़ रहा है, वहीं इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ आ चुकी है। एक वायरल मीम में ट्रंप को टोपी पहने हुए मस्जिद में खड़ा दिखाया गया है, नीचे लिखा है—“डॉनल्ड खान साहब ने आज जुमा की नमाज अदा की।” एक अन्य मीम में ट्रंप के पुराने मुस्लिम विरोधी भाषण के बैकग्राउंड में अज़ान की आवाज़ डाली गई है, और कैप्शन दिया गया—"सबका वक्त आता है।"
अमेरिका में मुस्लिम वोट बैंक पर असर?
यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है कि इस घटनाक्रम का अमेरिका में बसे मुस्लिम समुदाय पर क्या असर पड़ेगा। एक ओर उन्हें ट्रंप की पुरानी बयानबाज़ियों की कड़वी यादें हैं, वहीं अब अचानक इस्लाम को लेकर सामने आए इस नए किस्से ने उन्हें भी असमंजस में डाल दिया है। कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस "न्योते" से दूरी बनाते हुए कहा है कि वे ट्रंप की नीतियों को नहीं भूले हैं।
अंत में सवाल वही—सच, मज़ाक या रणनीति?
डॉनल्ड ट्रंप को मिले इस्लाम कबूलने के न्योते ने एक तरफ धार्मिक चर्चा को हवा दी है, दूसरी तरफ राजनीति के समीकरण भी हिलाए हैं। सवाल यह नहीं कि ट्रंप वाकई 'खान' बनेंगे या नहीं, सवाल यह है कि क्या यह एक नई तरह की पॉलिटिकल नैरेटिव बिल्डिंग है? इस वायरल वीडियो ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि 21वीं सदी की राजनीति न सिर्फ संसद में, बल्कि सोशल मीडिया के ट्रेंड में भी तय होती है। डॉनल्ड ट्रंप इस्लाम कबूल करें या नहीं, लेकिन ‘डॉनल्ड खान’ का नाम अब इंटरनेट के इतिहास में दर्ज हो चुका है। और यही शायद इस दौर की सबसे बड़ी खबर है।
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