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ट्रंप ने Pak को दुनिया के सामने किया बेइज्जत, शहबाज के सामने ही करने लगे भारत की तारीफ, फिर...
गाजा शांति शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की जमकर तारीफ की और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेइज्जत किया। शहबाज शरीफ ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने परमाणु युद्ध टालने में मदद की।
Trump praises India in Gaza Peace Summit: गाजा शांति शिखर सम्मेलन (Gaza Peace Summit) से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मिस्र के शर्म अल शेख शहर में आयोजित इस सम्मेलन में पहुँचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जमकर तारीफ की है। हैरानी की बात यह है कि शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ संघर्ष रुकवाने का पूरा श्रेय ट्रंप को दे दिया। जिस समय दुनिया की नज़रें इजरायल-हमास युद्धविराम पर थीं, उस समय ट्रंप और शरीफ की यह बातचीत भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर केंद्रित हो गई। खास बात यह रही कि जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तानी राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की सराहना कर रहे थे, वहीं उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी विशेष जिक्र किया।
ट्रंप का बड़ा बयान: 'भारत महान देश है'
गाजा में करीब दो साल से जारी इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद, विश्व नेताओं के इस महत्वपूर्ण सम्मेलन को डोनाल्ड ट्रंप ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर अपनी राय रखी। ट्रंप ने अपने ठीक पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखते हुए एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "भारत महान देश है और मेरे बहुत अच्छे मित्र उसका (भारत का) नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने शानदार काम किया है।" उन्होंने आगे जोड़ा, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।" ट्रंप का यह बयान दोनों देशों के बीच भविष्य में अच्छे संबंधों की उम्मीद को दर्शाता है।
शरीफ का चौंकाने वाला दावा: बचा लिया परमाणु युद्ध!
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्रंप की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, "अगर यह सज्जन (डोनाल्ड ट्रंप) नहीं होते, तो कौन जानता है कि क्या होता।" शरीफ ने दोनों देशों की परमाणु क्षमता का जिक्र करते हुए आगे कहा, "भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु ताकतें हैं। अगर यह (ट्रंप) अपनी शानदार टीम के साथ उन चार दिनों में दखल नहीं देते, तो युद्ध उस स्तर तक पहुंच जाता, जहां कोई भी यह बताने के लिए नहीं बचता कि आखिर क्या हुआ था।" शहबाज शरीफ का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत-पाकिस्तान संघर्ष को परमाणु युद्ध के कगार पर ले जाने का ज़िक्र करना, एक बड़ा और सनसनीखेज दावा है।
संघर्ष विराम के श्रेय पर ट्रंप का दोहराव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भी कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय ले चुके हैं। उन्होंने 10 मई को सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान 'पूर्ण और तत्काल' संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। इसके बाद से उन्होंने दर्जनों बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्ष का "समाधान" करने में मदद की। हालांकि, भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि संघर्ष विराम पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) की तरफ से अनुरोध किए जाने के बाद किया गया था। यह संघर्ष विराम उस घटनाक्रम के बाद हुआ था, जब भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला 7 मई को शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए लिया था।
ट्रंप से मिले पीएम मोदी के विशेष दूत
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत बनकर पहुँचे विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार है जब किसी भारतीय मंत्री ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की है। पीएम मोदी ने भी ट्रंप के गाजा पीस प्लान पर अपना समर्थन व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, "हम दो साल से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखे गए सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि बंधकों की रिहाई उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अथक शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत संकल्प के प्रति सम्मान है। उन्होंने स्पष्ट किया, "हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।" इस घटनाक्रम ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव और अमेरिकी हस्तक्षेप की भूमिका को उजागर कर दिया है।
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