RSS से लेकर IISc और CRPF तक के हमलों का मास्टरमाइंड! जानें कौन था अबू सैफुल्लाह खालिद जिसके मौत से लश्कर के नेटवर्क में मची खलबली

Abu Saifullah Khalid Killed: रविवार की दोपहर पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जैसे ही गोलियों की आवाज गूंजी, एक अध्याय का अंत हो गया एक ऐसा अध्याय जो हिंदुस्तान के खिलाफ खून से लिखा गया था।

Harsh Srivastava
Published on: 18 May 2025 9:51 PM IST (Updated on: 18 May 2025 10:55 PM IST)
Abu Saifullah Khalid
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Abu Saifullah Khalid Killed: रविवार की दोपहर पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जैसे ही गोलियों की आवाज गूंजी, एक अध्याय का अंत हो गया एक ऐसा अध्याय जो हिंदुस्तान के खिलाफ खून से लिखा गया था। लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकवादी अबू सैफुल्लाह खालिद, जिसने भारत में आरएसएस मुख्यालय से लेकर आईआईएससी और सीआरपीएफ कैंप तक खून-खराबा कराया, उसे पाकिस्तान के बदिन ज़िले में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया। उसके शव की तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और भारतीय खुफिया तंत्र में एक सुकून भरी मुस्कान दौड़ गई। आखिरकार, एक और खूनी मोहरा खत्म हुआ।

भारत के दुश्मन की मौत, भारत की जीत

अबू सैफुल्लाह खालिद उर्फ रजाउल्लाह निजामनी उर्फ गाजी उर्फ मोहम्मद सलीम ये सभी नाम एक ही आतंकी के हैं, जिसने भारत में एक के बाद एक आतंकी हमलों की पटकथा लिखी। उसका नाम सबसे पहले 2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पर हुए हमले के मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया। उस हमले में तीन आतंकी मारे गए थे, लेकिन खालिद बच निकला था और पाकिस्तान भाग गया था। खालिद को पाकिस्तान में सिंध के बदिन इलाके में गोली मारी गई। वह मतली कस्बे स्थित अपने घर से निकला ही था कि तीन अज्ञात हमलावरों ने एक क्रॉसिंग के पास उसे घेर लिया और गोलियों से भून डाला। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो चुकी थी।

IISC हमला और रामपुर CRPF पर भी रची थी साजिश

अबू सैफुल्लाह का नाम 2005 में बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) पर हुए आतंकी हमले में भी सामने आया। इस हमले में IIT प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी की मौत हो गई थी। वहीं, 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में भी खालिद का हाथ था। इस हमले में 7 जवान और 1 नागरिक मारे गए थे।

नेपाल से चलाता था भारत विरोधी जाल

साल 2000 की शुरुआत में खालिद लश्कर का *नेपाल मॉड्यूल प्रभारी* था। वह नेपाल की राजधानी काठमांडू से भारत-विरोधी गतिविधियां संचालित करता था। कैडर की भर्ती, फंडिंग, भारत-नेपाल सीमा पर आतंकियों की आवाजाही—इन सबकी जिम्मेदारी उसी की थी। वह लश्कर के टॉप कमांडरों आज़म चीमा और याकूब के सीधे संपर्क में था। जब भारतीय एजेंसियों ने उसके नेटवर्क को तोड़ा, तो वह पाकिस्तान भाग गया और वहीं से अपनी जहरीली गतिविधियां जारी रखीं।

लश्कर और जमात-उद-दावा का भरोसेमंद चेहरा

खालिद लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा दोनों के लिए समान रूप से काम करता था। उसे सिंध के हैदराबाद और बदिन जिलों में नए आतंकियों की भर्ती और धन जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। वह यूसुफ मुजम्मिल और मुहम्मद यूसुफ तैबी जैसे कट्टरपंथियों के संपर्क में था। भारत में हमलों की साजिशों में उसका नाम बार-बार सामने आता रहा।

भारत के ऑपरेशन सिंदूर का असर?

हाल के वर्षों में पाकिस्तान की सरज़मीं पर अज्ञात हमलावरों द्वारा मारे गए भारत-विरोधी आतंकियों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। अबू कतल, शाहिद लतीफ,अदनान अहमद, और अब अबू सैफुल्लाह खालिद—ये सब एक के बाद एक निशाने पर आ चुके हैं। जानकार इसे भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' का असर मानते हैं, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के भीतर बैठे आतंक के सरगनाओं को खत्म करने की रणनीति पर काम शुरू किया है।

अबू सैफुल्लाह की मौत: झटका लश्कर को, राहत भारत को

खालिद की मौत से लश्कर के नेटवर्क में बड़ी दरार आई है। वह न केवल भारत में सक्रिय मॉड्यूल्स को दिशा देता था, बल्कि पाकिस्तान में भी युवाओं को आतंक की ओर धकेलने का काम कर रहा था। उसकी हत्या एक बड़ी जीत मानी जा रही है, भले ही उसे अज्ञात बंदूकधारियों ने अंजाम दिया हो। सूत्रों का कहना है कि यह 'आपसी गैंगवार' का परिणाम हो सकता है, लेकिन भारत में इसे "न्याय की देरी से मिली हुई जीत" के रूप में देखा जा रहा है।

आतंक की लकीर अब मिट रही है

अबू सैफुल्लाह खालिद का खात्मा इस बात का संकेत है कि अब आतंक के आकाओं के लिए भी पाकिस्तान सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा। भारत की कूटनीतिक, खुफिया और रणनीतिक तैयारियों ने अब एक-एक कर उन चेहरों को खत्म करना शुरू कर दिया है, जिन्होंने दशकों तक हिंदुस्तान के निर्दोष नागरिकों के खून से खेला। अबू सैफुल्लाह चला गया, लेकिन उसका नाम आतंक के उस अध्याय में दर्ज रहेगा, जिसे भारत धीरे-धीरे मिटा रहा है। और यही है *'नया भारत'*, जो इंतज़ार नहीं करता जवाब देता है।

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Harsh Srivastava

News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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