अमेरिकी बैंकों को तगड़ा झटका! भारतीय बिजनेसमैन ने रचा ‘फर्जी ग्राहकों’ का खेल, किया अबतक का सबसे बड़ा Scam

US Bankim Brahmbhatt scam: अमेरिका में भारतीय मूल के द्वारा तकरीबन 500 मिलियन डॉलर के लोन फ्रॉड करने का मामला सामने आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने फर्जी ग्राहक एकाउंट्स और नकली राजस्व के ज़रिये अमेरिकी बैंकों से बड़ा कर्ज लिया।

Priya Singh Bisen
Published on: 1 Nov 2025 8:51 AM IST (Updated on: 1 Nov 2025 8:57 AM IST)
US Bankim Brahmbhatt scam
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US Bankim Brahmbhatt scam (PHOTO: SOCIAL MEDIA)

US Bankim Brahmbhatt scam: अमेरिका में एक बड़ा फाइनेंशियल घोटाले का मला सामने आया है, जो कि एक भारतीय मूल के नागरिक द्वारा किया गया ही। जानकारी में सामने आया है कि यह घोटाला तकरीबन 500 मिलियन डॉलर के लोन फ्रॉड है। दरअसल, अमेरिका में भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी जिनका नाम बैंकिम ब्रह्मभट्ट है, पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट द्वारा फर्जी ग्राहक एकाउंट्स और राजस्व के डाक्यूमेंट्स तैयार कर अमेरिकी बैंकों से भारी-भरकम कर्ज हासिल किया।

आपको बात दे, ब्रह्मभट्ट ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस नाम की बड़ी कंपनियों के मालिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कई निवेशकों को यह भरोसा दिलाया कि उनके बिज़नेस की आय और ग्राहक आधार बहुत मजबूत है, जबकि सच्चाई ये थी कि वह कई गैर-मौजूद ग्राहकों और फर्जी लेन-देन पर आधारित थी।

इस फ्रॉड में प्रमुख निवेश फर्म HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और वैश्विक एसेट मैनेजमेंट दिग्गज BlackRock के समर्थित फंड भी का भी नाम शामिल हैं। WSJ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2024 अगस्त महीने में लेनदारों ने FIR दर्ज हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि ब्रह्मभट्ट ने गैर-मौजूद राजस्व स्रोतों को कर्ज की गारंटी के रूप में गिरवी रखा।

साल 2020 से कंपनी को मिले थे लोन

साल 2020 में सितंबर महीने में HPS ने ब्रह्मभट्ट की एक कंपनी को लोन देना शुरू किया और यह धीरे-धीरे बढ़कर साल 2021 की शुरुआत तक लगभग 385 मिलियन डॉलर और अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इन कर्जों का तकरीबन आधा भाग BNP Paribas बैंक द्वारा वित्तपोषित किया गया था। लेकिन... अब उनकी कंपनियों ने Chapter 11 दिवालियापन संरक्षण के अंतर्गत अदालत में आवेदन किया है, जो अमेरिकी कानून के अंतर्गत कंपनियों को पुनर्गठन का अवसर प्रदान करता है। इसी दिन ब्रह्मभट्ट ने निजी दिवालियापन की मामला भी दाखिल किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, जब पत्रकार न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित उनके कार्यालय गए, तो वहां ताला लगा हुआ था और पड़ोसियों ने बताया कि कई सप्ताह से कोई भी वहां नज़र नहीं आया। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संभावना है कि ब्रह्मभट्ट अमेरिका छोड़कर भारत वापस लौट आए हों। उनके वकील ने हालांकि सभी आरोपों को निराधार करार दिया है।

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