बौखला गया ईरान! यहूदियों पर कयामत बन कर टूटा, दीवार फांदकर घरों में घुसे हथियारबंद दस्ते, 700 गिरफ्तार, कई को दी गई फांसी

Iran Israel conflict: पिछले कुछ हफ्तों से ईरान में जो हो रहा है, वो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। 700 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने इज़राइल को खुफिया जानकारी दी और एयर डिफेंस सिस्टम को फेल करने में मदद की।

Harsh Srivastava
Published on: 29 Jun 2025 6:14 PM IST
बौखला गया ईरान! यहूदियों पर कयामत बन कर टूटा, दीवार फांदकर घरों में घुसे हथियारबंद दस्ते, 700 गिरफ्तार, कई को दी गई फांसी
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Israel Iran War: ईरान आज जल रहा है — बाहर से इज़राइली हमलों की आग और अंदर से गद्दारी के डर की तपिश। लेकिन इस बार लड़ाई सिर्फ सैन्य सीमाओं तक नहीं रुकी। अब ये लड़ाई सड़कों, घरों और धर्मस्थलों तक पहुँच चुकी है। ईरान अब अपने ही नागरिकों को दुश्मन मान बैठा है। और सबसे बड़ा शक — यहूदी समुदाय पर! पिछले कुछ हफ्तों से ईरान में जो हो रहा है, वो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। 700 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने इज़राइल को खुफिया जानकारी दी और एयर डिफेंस सिस्टम को फेल करने में मदद की। इज़राइल के हमले के बाद से ईरान बौखला गया है और उसे अब अपने ही देश के यहूदियों पर शक है कि वे “घर के भेदी” हैं।

यहूदी समुदाय में दहशत

जो दृश्य सामने आ रहे हैं, वे दिल दहला देने वाले हैं। आधी रात को दीवारें फांदते हुए ईरानी सुरक्षाबलों के हथियारबंद दस्ते सीधे यहूदी परिवारों के घरों में घुस रहे हैं। तेहरान की एक यहूदी महिला मरियम ने इज़राइल के चैनल 12 न्यूज को बताया, “रात डेढ़ बजे का समय था, हमारी दीवारें फांदकर ईरानी सेना आंगन में कूद गई। हथियार ताने और चिल्लाते हुए सभी को घसीटकर बाहर ले गई। पुरुषों को काले कपड़े पहनाए गए, महिलाओं को चुप रहने की धमकी दी गई। उन्हें बिना किसी वारंट के ऐसे उठा लिया गया जैसे हम कोई अपराधी हों।” 6 महिलाएं और 4 पुरुष उस रात गिरफ्तार किए गए, जिन्हें भेड़-बकरियों की तरह एक वाहन में भरकर ले जाया गया। बाद में महिलाओं को तो रिहा कर दिया गया, लेकिन पुरुषों का अब तक कुछ अता-पता नहीं।

धार्मिक नेताओं पर भी गिरी गाज – रब्बियों को बताया इज़राइली एजेंट!

यह सिलसिला सिर्फ आम यहूदी नागरिकों तक नहीं रुका। तेहरान और शिराज में यहूदी धार्मिक नेताओं और रब्बियों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि वे इज़राइल से जुड़े हुए हैं — वो भी बिना किसी ठोस सबूत के। फ्रांस-ईरान महिला अधिकार समूह 'मेले आज़ादी' के मुताबिक इन नेताओं के मोबाइल, कंप्यूटर, दस्तावेज़ और यहां तक कि पवित्र ग्रंथ भी जब्त कर लिए गए हैं। कहा जा रहा है कि इन पर जल्द मुकदमा चलाया जाएगा।

‘गद्दारी’ के नाम पर फांसी! तीन को फांसी दे चुका है ईरान

टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, जिन 700 से अधिक लोगों को पकड़ा गया है, उनमें से तीन को तो फांसी भी दी जा चुकी है। ये तीनों कुर्द समुदाय से थे — इद्रिस अली, अज़ाद शोझई और रसूल अहमद रसूल। इन पर आरोप था कि इन्होंने इज़राइली खुफिया एजेंसी मोसाद को जानकारी दी थी। हालांकि, न कोई ट्रायल चला, न कोई वीडियो सबूत, न ही कोई सार्वजनिक बयान — सिर्फ सरकारी नोटिस में “द्रोह” और “फांसी” लिखा गया।

अमेरिका ने जब किया सीजफायर का ऐलान, ईरान ने शुरू किया ‘यहूदी शिकार’

13 जून को जब अमेरिका ने ईरान-इज़राइल संघर्ष में सीजफायर की घोषणा की, उसी दिन ईरान ने 35 यहूदी नागरिकों को पूछताछ के लिए बुलाया। इसके बाद से जैसे पूरा यहूदी समुदाय निगरानी के घेरे में आ गया है। मानवाधिकार संगठन HRANA का दावा है कि जिन लोगों को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया, उन्हें सीधा घर से उठा लिया गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि “अगर किसी भी विदेशी — खासकर इज़राइल या अमेरिका में रहने वाले अपने रिश्तेदारों — से संपर्क किया गया, तो परिणाम खतरनाक होंगे।”

क्या यह ईरान का नया ‘यहूदी दमन’ है?

ईरान की यह कार्रवाई अब दुनिया भर में ‘यहूदी उत्पीड़न’ के रूप में देखी जा रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे मानवाधिकार का सीधा उल्लंघन बताया है। ईरान में 8,000 से 10,000 यहूदी रहते हैं, और यह इज़राइल के बाद यहूदियों की सबसे बड़ी आबादी वाला इस्लामिक देश है। लेकिन अब उसी देश में यहूदी ‘गद्दार’ घोषित किए जा रहे हैं। तेहरान में अब हर यहूदी नागरिक को एक खुफिया निगरानी सूची में रखा जा रहा है। कई यहूदी स्कूल बंद हो चुके हैं, धार्मिक स्थलों पर सैन्य तैनाती है और रब्बियों की हर गतिविधि रिपोर्ट की जा रही है।

मौत की सजा में चीन के बाद दूसरा देश – और अब निशाने पर यहूदी

ईरान पहले से ही दुनिया में मौत की सजा देने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, चीन के बाद। लेकिन अब जब ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के आदेश पर "देशद्रोहियों" की पहचान शुरू हुई है, तो लगता है कि अगली कतार में यहूदी समुदाय है। ईरान सरकार ने एलान किया है कि जिन पर इज़राइल से संबंध साबित होंगे, उन पर “रहमत नहीं, सिर्फ सज़ा” होगी।

सवाल यही है — क्या अब यहूदियों की पहचान गुनाह बन चुकी है?

ईरान का गुस्सा अपने दुश्मनों पर नहीं, अब अपने ही नागरिकों की नस्ल पर उतर रहा है। क्या यह वही ईरान है जो कभी सभ्यता, सहिष्णुता और विविधता का प्रतीक माना जाता था? या फिर एक नया ईरान जन्म ले चुका है — जो शक में फांसी देता है, और धर्म के नाम पर दीवारें फांदकर इंसानों को उठा ले जाता है?अब पूरी दुनिया पूछ रही है — क्या ईरान अब खुद अपनी आत्मा से जंग लड़ रहा है?

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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