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इजरायल के बाद अब अमेरिका की बारी? 400 मिसाइलें दागने के बाद भी ईरान का 'खतरनाक प्लान' बाकी! दहशत में दुनिया
Iran missile attack Israel: ईरान ने इस जंग में वो सारे हथियार खोल दिए, जिनका दुनिया ने नाम ही सुना था। गदर, इमाद, खेबर शेकन जैसी पुरानी मिसाइलें तो चलीं ही, लेकिन असली हड़कंप तब मचा जब ईरान ने फत्ताह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया।
Iran missile attack Israel: मिडिल ईस्ट जल रहा है। आसमानों में आग बरस रही है। इजराइल की सड़कों पर सायरन चीख रहे हैं और लोग बंकरों में छिपे सांसें गिन रहे हैं। शुक्रवार की रात जब ईरान ने इजराइल पर 400 से ज्यादा मिसाइलों की बौछार कर दी, तो दुनिया ने 21वीं सदी के सबसे बड़े मिसाइल हमले का दृश्य देखा। तेल अवीव से यरुशलम तक, हर इमारत, हर गली में दहशत थी। इजराइली डिफेंस फोर्स ने देशभर में रेड अलर्ट जारी कर दिया और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर भागने की अपील की गई। यह हमला सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि एक संदेश था—ईरान अब रुकने वाला नहीं है। इजराइल ने पिछले हफ्ते जब ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, तब से ही दोनों देशों के बीच खुला युद्ध शुरू हो चुका है। लेकिन अब यह जंग अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर आ गई है, क्योंकि सवाल सिर्फ 400 मिसाइलों तक सीमित नहीं है। असली खतरा अब शुरू होने वाला है।
सुपरसोनिक तबाही: फत्ताह-1 और खेबर शेकन की दहशत
ईरान ने इस जंग में वो सारे हथियार खोल दिए, जिनका दुनिया ने नाम ही सुना था। गदर, इमाद, खेबर शेकन जैसी पुरानी मिसाइलें तो चलीं ही, लेकिन असली हड़कंप तब मचा जब ईरान ने फत्ताह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह मिसाइल मैक-15 की रफ्तार से उड़ती है, यानी आवाज से 15 गुना तेज। यह इतनी तेज है कि इजराइल का आयरन डोम और डेविड स्लिंग सिस्टम भी इसे रोक पाने में विफल साबित हो रहे हैं। इजराइल के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर तेल अवीव, यरुशलम और बेयर शेवा पर मिसाइलों की बारिश ने वहां के नागरिकों को हिलाकर रख दिया। इजराइल भले ही तकनीक में आगे हो, लेकिन ईरान की मिसाइल ताकत इस बार उसे चौंकाने में कामयाब रही है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह सिर्फ शुरुआत है?
खोर्रमशहर मिसाइल—मौत का वो हथियार जो अभी चुप है!
ईरान की असली ताकत अभी मैदान में उतरी ही नहीं है। पूरी दुनिया फिलहाल 'खोर्रमशहर' मिसाइल की ओर टकटकी लगाए बैठी है। यह लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइल है, जो 2,000 किलोमीटर तक 1,500 किलोग्राम का विनाशकारी वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसका मतलब है कि अगर ईरान चाहे तो इजराइल के किसी भी हिस्से को कुछ ही मिनटों में धूल में बदल सकता है। ईरानी मीडिया से जुड़े सूत्रों ने पहले खोर्रमशहर के लॉन्च का वीडियो जारी किया था, लेकिन इस हमले में इसे इस्तेमाल किए जाने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जानकारों का कहना है कि शायद ईरान इसे अपने 'फाइनल कार्ड' के तौर पर बचाकर रख रहा है। और अगर अमेरिका खुलकर इस युद्ध में कूदता है, तो खोर्रमशहर मिसाइल की गूंज पूरी दुनिया सुन सकती है।
क्या वाकई ईरान के पास इतना बड़ा मिसाइल भंडार है?
ईरान का मिसाइल जखीरा दुनिया के सबसे बड़े और खतरनाक आर्म डिपो में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के पास करीब 2,000 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। इनमें कई मिसाइलें ऐसी हैं जो 900 किलो तक का धमाका कर सकती हैं। अभी तो गदर, इमाद और खेबर शेकन की ही तबाही देखी गई है। सेजिल मिसाइल, जो कि बेहद एडवांस्ड और 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली मानी जाती है, उसका इस्तेमाल हाल ही में शुरू किया गया है। लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि ईरान के पास अभी फतेह-2 हाइपरसोनिक मिसाइल और अरश जैसे आत्मघाती ड्रोन भी बचे हुए हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर अभी तक उतारा नहीं गया है।
इजराइल का पलटवार—क्या यह काफी होगा?
इजराइल भी कहां पीछे रहने वाला है। ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' के तहत इजराइल ने ईरान के कई मिसाइल बेस पर करारा हमला किया है। सैटेलाइट तस्वीरों में तबरीज और करमानशाह के सैन्य ठिकानों को पूरी तरह बर्बाद देखा जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इजराइल के पास इतने संसाधन हैं कि वह ईरान की पूरी मिसाइल ताकत को खत्म कर सके? इस सवाल का जवाब फिलहाल 'नहीं' में नजर आ रहा है। ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइलें इजराइल की डिफेंस टेक्नोलॉजी को बुरी तरह चुनौती दे रही हैं। आयरन डोम मिसाइलें लगातार खत्म हो रही हैं और अमेरिका को अब THAAD डिफेंस सिस्टम तैनात करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
मिडिल ईस्ट बना बारूद का ढेर, तीसरे विश्वयुद्ध की आहट?
सबसे खतरनाक सच्चाई ये है कि इस युद्ध ने अब सिर्फ इजराइल-ईरान तक खुद को सीमित नहीं रखा है। अमेरिका की एंट्री के बाद यह टकराव सीधे रूस-चीन-अमेरिका के वैश्विक समीकरणों से जुड़ चुका है। मिडिल ईस्ट इस समय बारूद के ढेर पर बैठा है। हर मिसाइल जो आसमान में उठ रही है, वह तीसरे विश्वयुद्ध की दस्तक बनती जा रही है। ईरान ने अभी अपने सारे पत्ते नहीं खोले हैं। खोर्रमशहर मिसाइल, फतेह-2, अरश ड्रोन—ये सब उस तूफान की शुरुआत भर हैं जो आने वाला है। इजराइल के लिए अगला हफ्ता निर्णायक हो सकता है। अगर अमेरिका ने युद्ध में पूरी ताकत से कूदने का फैसला किया तो मिडिल ईस्ट में इतिहास का सबसे बड़ा विस्फोट देखने को मिल सकता है।
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