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फिर शुरू होगा भयंकर युद्ध! ट्रंप का 'पीस प्लान' फेल, हमास पर आग बबूला हुआ इजरायल
मिडिल ईस्ट में ट्रंप के शांति प्रयास फेल हो गए, हमास ने इजरायली बंधकों की लाशों में किया धोखा, नेतन्याहू ने कड़ा रुख अपनाया, युद्ध की आशंका बढ़ी, इजरायल-हमास तनाव भड़का।
Israel Hamas war update: लंबे समय से जल रहे मिडिल ईस्ट (Middle East) में अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद आखिरकार दो साल पुरानी जंग थम गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के ऐतिहासिक ‘पीस प्लान’ के चलते इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच युद्ध विराम हुआ, जिससे लगा कि इस क्षेत्र में शांति का एक नया दौर शुरू होगा। लेकिन शांति की यह उम्मीद कुछ ही दिनों में टूटती नज़र आ रही है। दरअसल, बंधकों की वापसी को लेकर हमास ने एक ऐसा 'खेल' कर दिया है, जिससे इजरायल का गुस्सा एक बार फिर भड़क उठा है, और आशंका है कि यह पूरा क्षेत्र फिर से युद्ध की भीषण आग में झुलस सकता है।
हमास ने लौटाया 'अज्ञात' शव, इजरायल को धोखा!
मामला इजरायली बंधकों के शवों की वापसी से जुड़ा है। युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने जिन इजरायली बंधकों के शवों को वापस किया है, उनमें से एक शव किसी भी बंधक से मेल नहीं खा रहा है। इजरायली सेना (IDF) ने बुधवार को इस चौंकाने वाले खुलासे की पुष्टि की है। सेना ने बताया कि मंगलवार को लौटाई गई चार बॉडी (शवों) पर रात भर चले फोरेंसिक टेस्ट (Forensic Test) के बाद, मेडिकल अधिकारियों ने यह नतीजा निकाला कि एक शव पहले के किसी भी इजरायली होस्टेज (Hostage) से मैच नहीं करता है। यानी, हमास ने इजरायली बंधक के नाम पर किसी और व्यक्ति का शव सौंप दिया। इजरायली मिलिट्री ने इसके बाद हमास को कड़ी चेतावनी दी है कि उसे सभी मृत बंधकों को वापस करने के लिए तुरंत सभी जरूरी प्रयास करने होंगे। यह गंभीर चूक या जानबूझकर किया गया धोखा, ट्रंप के शांति प्रयासों को बड़ा आघात पहुंचा रहा है।
नेतन्याहू की चेतावनी: शर्तों पर समझौता नहीं!
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ शब्दों में मांग की है कि हमास सीजफ़ायर डील (Ceasefire Deal) की शर्तों को पूरी तरह से लागू करे, खासकर बंधकों की लाशें लौटाने के मामले में। नेतन्याहू ने खुली चेतावनी दी है, "हम इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे और आखिरी मरे हुए बंधक को लौटाने तक अपनी कोशिशें नहीं रोकेंगे।" अमेरिका के प्रस्तावित शांति योजना में सभी बंधकों (जिंदा और मृत) को एक निश्चित डेडलाइन (Deadline) तक सौंपने की बात थी। यदि ऐसा नहीं होता है, तो हमास को मृत बंधकों के बारे में जानकारी साझा करनी थी और उन्हें जल्द से जल्द लौटाना था। अब सवाल यह है कि अगर हमास इसी तरह शर्तों को पूरा करने में मनमानी करता रहा, तो क्या मिडिल ईस्ट में दो साल की जंग के बाद फिर से युद्ध भड़क उठेगा? इजरायल के तेवर बता रहे हैं कि यदि हमास अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो तनाव का यह बादल जल्द ही युद्ध के तूफान में बदल सकता है।
हमास का पलटवार और सड़कों पर जनसैलाब
जहां एक ओर इजरायल गुस्से में है, वहीं हमास ने भी पलटवार किया है। हमास के प्रवक्ता, हेजम कासेम ने बुधवार को कहा कि उनका ग्रुप सीजफायर डील में तय हुए बंधकों की लाशें लौटाने पर काम कर रहा है। उन्होंने उलटा इजरायल पर ही डील तोड़ने का आरोप लगाया। प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल ने पूर्वी गाजा शहर और राफा में मंगलवार को गोलीबारी करके समझौते का उल्लंघन किया है। इस बीच, इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर काट्ज ने भी चेतावनी दी है कि सेना डील में तय डिप्लॉयमेंट लाइन (Deployment Line) पर काम कर रही है, और उस लाइन के पास आने वाले किसी भी व्यक्ति को 'टारगेट' किया जाएगा।
यह सब तब हो रहा है, जब इजरायल में हजारों लोग अपने प्रियजनों के शवों को दफनाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। इजरायली झंडों के साथ चुपचाप खड़े ये लोग, उन बंधकों के प्रति सम्मान दिखा रहे हैं, जिनकी मौत हुई है। हमास के इस 'शवों के खेल' ने न केवल पीड़ित परिवारों के घावों को कुरेद दिया है, बल्कि मिडिल ईस्ट में आई अस्थायी शांति पर भी गंभीर सवालिया निशान लगा दिया है। दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह क्षेत्र फिर से युद्ध की ओर बढ़ेगा, या ट्रंप का प्लान किसी तरह इस नए संकट को टाल पाएगा।
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