तुम्हारा ये दुस्साहस! तालिबान की दहाड़ से कांपा इजरायल, ईरान पर हमले के बाद Taliban का प्रचंड गुस्सा, दे डाली खुली धमकी

Taliban threatens Israel: मुत्ताकी ने साफ कहा – “मैं OIC के सदस्य देशों से अपील करता हूं कि वो इजराइली शासन द्वारा फिलिस्तीन और अब ईरान के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों को रोकें। अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो इसके नतीजे खौफनाक होंगे। ये पूरी मुस्लिम दुनिया की सुरक्षा को खतरे में डाल देगा।”

Harsh Srivastava
Published on: 23 Jun 2025 6:55 PM IST
तुम्हारा ये दुस्साहस! तालिबान की दहाड़ से कांपा इजरायल, ईरान पर हमले के बाद Taliban का प्रचंड गुस्सा, दे डाली खुली धमकी
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Taliban threatens Israel: मिडिल ईस्ट में जलता हुआ युद्ध का मैदान अब और खतरनाक हो गया है। इजराइल और ईरान के बीच पहले ही जंग की आग धधक रही थी, ऊपर से अमेरिका की बमबारी ने पूरे क्षेत्र को बारूद के ढेर पर बैठा दिया है। लेकिन इस आग में अब एक ऐसा नाम भी कूद पड़ा है जिसकी धमक सुनकर पूरी दुनिया दंग है। वो नाम है – तालिबान! जी हां, वही तालिबान जो कुछ साल पहले तक अफगानिस्तान की पहाड़ियों में छुपा बैठा था, अब खुलेआम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खड़ा होकर अमेरिका और इजराइल को आंखें दिखा रहा है। जिस तालिबान को संयुक्त राष्ट्र तक मान्यता नहीं देता, वो तालिबान अब OIC जैसे मंचों पर भाषण देकर दुनिया के मुस्लिम देशों को युद्ध के लिए उकसा रहा है। इजराइल और ईरान की लड़ाई के बीच अब तालिबान ने भी एलान कर दिया है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो तालिबान भी चुप नहीं बैठेगा। इस चेतावनी के बाद मिडिल ईस्ट के हालात और ज्यादा विस्फोटक हो गए हैं।

OIC मंच पर तालिबान का तख्तापलट भाषण

तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने OIC (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की बैठक में जो बोला, उसने पूरी दुनिया की पेशानी पर पसीना ला दिया। मुत्ताकी ने साफ कहा – “मैं OIC के सदस्य देशों से अपील करता हूं कि वो इजराइली शासन द्वारा फिलिस्तीन और अब ईरान के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों को रोकें। अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो इसके नतीजे खौफनाक होंगे। ये पूरी मुस्लिम दुनिया की सुरक्षा को खतरे में डाल देगा।”

ये तालिबान का अब तक का सबसे बड़ा कूटनीतिक हमला था। अब तक अमेरिका, इजराइल और पश्चिमी देशों की नजरों में तालिबान एक आतंकवादी संगठन था। लेकिन अब तालिबान खुद को इस्लामी देशों का प्रतिनिधि बताने में जुट गया है। मुत्ताकी ने OIC में सिर्फ भाषण नहीं दिया, बल्कि सीधा रणनीतिक एजेंडा पेश कर डाला – “यह मंच सिर्फ भाषण देने का नहीं, बल्कि संयुक्त कार्यवाही का होना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि मुस्लिम देश मिलकर वैश्विक ताकतों को चुनौती दें।” तालिबान ने OIC को सलाह देने तक की जुर्रत कर दी। मुत्ताकी ने कहा कि इस्लामी देशों को सिर्फ निंदा करने के बजाय एकजुट होकर ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि दुनिया की राजनीति में उनकी आवाज सुनी जाए। यही नहीं, उन्होंने साफ कर दिया कि अगर इजराइल-ईरान जंग बढ़ी, तो इसके खौफनाक अंजाम पूरी दुनिया भुगतेगी।

तालिबान का बदला हुआ रूप या नई चाल?

तालिबान का यह तेवर देखकर पूरी दुनिया चौंक गई है। जिस तालिबान को आज भी अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र आतंकवादी शासन मानते हैं, वही तालिबान अब खुद को वैश्विक इस्लामी नेतृत्व के तौर पर पेश कर रहा है। लेकिन क्या ये सिर्फ दिखावा है या तालिबान वाकई में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक नए चेहरे के साथ उभरना चाहता है? असल में तालिबान की चाल बहुत गहरी है। वह जानता है कि फिलहाल अमेरिका और पश्चिमी देश उसे मान्यता नहीं देंगे, लेकिन OIC जैसे मंचों पर वह मुस्लिम देशों की सहानुभूति बटोर सकता है। फिलिस्तीन और ईरान के मुद्दे पर खुलकर इजराइल-अमेरिका के खिलाफ बोलकर वह अपनी छवि इस्लामी योद्धा की बना रहा है।

लेकिन क्या तालिबान वाकई ईरान की मदद करने जाएगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान फिलहाल सीधे युद्ध में कूदने की स्थिति में नहीं है, लेकिन अगर अमेरिका ने ईरान पर बड़ा हमला किया, तो अफगानिस्तान सीमा से लेकर पूरे मिडिल ईस्ट में चरमपंथी गुट सक्रिय हो सकते हैं। यानी जंग सिर्फ इजराइल-ईरान की नहीं रहेगी, बल्कि यह धीरे-धीरे मुस्लिम बनाम पश्चिम का युद्ध बन सकती है और यही सबसे बड़ा खतरा है।

तालिबान को क्यों नहीं मिल रही वैश्विक मान्यता?

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुए 3 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन आज भी संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका उसे मान्यता नहीं देते। वजह साफ है – तालिबान पर महिलाओं के अधिकारों को कुचलने, शिक्षा प्रतिबंध, मानवाधिकार उल्लंघन और अल्पसंख्यकों के दमन जैसे गंभीर आरोप हैं। पश्चिमी देश मानते हैं कि तालिबान आज भी कट्टर इस्लामी शासन चलाता है, जिसमें लोकतंत्र और समानता जैसी कोई जगह नहीं है। लेकिन OIC में तालिबान का आना और ऐसे समय पर इजराइल-अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोलना यह दिखाता है कि तालिबान अब अफगानिस्तान के भीतर सिमटे रहना नहीं चाहता। वह खुद को ‘इस्लामी दुनिया के नेता’ के तौर पर पेश करना चाहता है।

क्या तालिबान की एंट्री से शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध?

यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है – क्या तालिबान की धमकी के बाद मिडिल ईस्ट की जंग तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकती है? अमेरिका पहले ही ईरान पर हमले कर चुका है। इजराइल हर दिन ईरान के ठिकानों पर बम गिरा रहा है। ऐसे में तालिबान जैसे कट्टर संगठन का कूदना आग में घी डालने जैसा है। अगर OIC के कुछ और देश तालिबान के साथ खड़े हो गए, तो मिडिल ईस्ट पूरी तरह जल उठेगा और इसका असर भारत, पाकिस्तान, चीन से लेकर अमेरिका तक महसूस होगा। दुनिया पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध से थकी हुई है, और अब अगर मिडिल ईस्ट की आग भड़की, तो वह सीधे तीसरे विश्व युद्ध की आहट होगी।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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