UN की गद्दी पर बैठा पाकिस्तान! वैश्विक मंच से भारत पर चलेगा जिहादी एजेंडा? कश्मीर पर बोलेगा हमला?

Pakistan UNSC President: जुलाई का महीना इस्लामाबाद की झोली में वो ताकत डाल चुका है, जिसकी उम्मीद खुद पाकिस्तान को भी नहीं थी। दुनिया के सबसे बड़े मंच से अब जिहाद, फिलिस्तीन और OIC के बहाने पाकिस्तान अपनी ‘ग्लोबल चालें’ चलेगा।

Harsh Srivastava
Published on: 1 July 2025 10:20 PM IST
UN की गद्दी पर बैठा पाकिस्तान! वैश्विक मंच से भारत पर चलेगा जिहादी एजेंडा? कश्मीर पर बोलेगा हमला?
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Pakistan UNSC President: "जिस देश पर खुद के नागरिकों की सुरक्षा का भरोसा नहीं... वो अब दुनिया की सबसे ताकतवर सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बन बैठा है!" जी हां, सुनने में ये जितना चौंकाने वाला है, उतना ही सच भी है! आतंक की फैक्ट्री, आर्थ‍िक दिवालियेपन की कगार पर झूलता पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की कुर्सी पर विराजमान हो चुका है। जुलाई का महीना इस्लामाबाद की झोली में वो ताकत डाल चुका है, जिसकी उम्मीद खुद पाकिस्तान को भी नहीं थी। दुनिया के सबसे बड़े मंच से अब जिहाद, फिलिस्तीन और OIC के बहाने पाकिस्तान अपनी ‘ग्लोबल चालें’ चलेगा। और यही बात भारत समेत तमाम लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय देशों को हिला कर रख चुकी है। सवाल ये उठ रहा है — क्या पाकिस्तान इस कुर्सी का इस्तेमाल अपने पुराने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए करेगा? क्या कश्मीर और आतंकवाद पर अब झूठे नैरेटिव UNSC में गूंजेंगे?

पाक को मिला ‘UN पावर’: परदे के पीछे का खेल

पाकिस्तान को UNSC का अध्यक्ष बनाना सिर्फ एक प्रोटोकॉल की बात नहीं है, बल्कि इसके मायने बेहद गंभीर हैं। UNSC में 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य शामिल होते हैं। पाकिस्तान को जनवरी 2025 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि 193 देशों में से 182 देशों ने पाकिस्तान को वोट दिया! क्या यह लोकतंत्र का अपमान नहीं? संयुक्त राष्ट्र में अध्यक्षता हर महीने अंग्रेजी के अल्फाबेट के क्रम से बदलती है, और इस बार बारी पाकिस्तान की थी। लेकिन इससे पहले कि कोई प्रतिक्रिया देता, पाकिस्तान ने अपने ‘एजेंडे की किताब’ खोल दी।

पाकिस्तान का प्लान: OIC और फिलिस्तीन के बहाने नई साजिश?

जैसे ही पाकिस्तान को UNSC की अध्यक्षता मिली, विदेश मंत्रालय ने तत्काल एक प्रेस बयान जारी किया, जिसमें साफ कहा गया कि पाकिस्तान दो "महत्वपूर्ण" मुद्दों को इस दौरान उठाएगा — OIC (इस्लामिक सहयोग संगठन) और फिलिस्तीन। 22 जुलाई को शांति सुरक्षा पर बड़ी बहस होगी, 23 को फिलिस्तीन का मुद्दा खुले मंच पर उठेगा, और 24 जुलाई को OIC के साथ ‘साझेदारी’ पर बात होगी। बात सीधी है — पाकिस्तान अब फिलिस्तीन और मुस्लिम दुनिया के समर्थन के नाम पर भारत के खिलाफ माहौल बनाना चाहता है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी राजदूत इफ्तिखार अहमद खुद इन बहसों की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान का रिकॉर्ड देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि ये बहस किस दिशा में जाएंगी।

भारत के लिए क्यों खतरनाक है ये 'अध्यक्षता'?

पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि जब भी उसे कोई अंतरराष्ट्रीय मंच मिलता है, वह उसका इस्तेमाल कश्मीर, भारत-विरोध और 'इस्लाम खतरे में है' जैसे नैरेटिव को बढ़ाने के लिए करता है। ऐसे में UNSC जैसे मंच पर बैठकर पाकिस्तान क्या-क्या बोल सकता है, ये सोचकर ही भारतीय रणनीतिक हलकों में बेचैनी है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान ने हर मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन दुनिया ने उसे नजरअंदाज किया। अब जब उसके हाथ में UNSC की अध्यक्षता की गदा है, तो वह इसे चुपचाप नहीं बैठेगा। आतंकवाद पर दुनिया की नजरें पाकिस्तान की तरफ तिरछी हैं, और शायद यही वजह है कि अब वो OIC और फिलिस्तीन जैसे 'भावनात्मक' मुद्दों के जरिए सहानुभूति बटोरना चाहता है।

क्या UNSC की गरिमा को ठेस पहुंचेगी?

ये सवाल अब उठने लगे हैं। क्या एक ऐसा देश, जो खुद आतंकवाद को पालता है, जो FATF की ग्रे लिस्ट से निकला ही है, उसे UNSC जैसे मंच की अध्यक्षता मिलनी चाहिए? क्या ये दुनिया की सुरक्षा नीति पर खतरे की घंटी नहीं है? भारत पहले ही पाकिस्तान के इस रिकॉर्ड पर सवाल उठाता रहा है। पुलवामा, उड़ी, पठानकोट से लेकर हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले तक, सबके तार पाकिस्तान से जुड़े रहे हैं। और अब वही देश UNSC में बैठकर आतंकवाद पर बहस करेगा — ये एक वैश्विक मजाक से कम नहीं!

अब आगे क्या?

भारत सरकार और राजनयिक तंत्र को इस 'पाकिस्तानी राष्ट्रपति काल' की हर हरकत पर नजर रखनी होगी। सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान अध्यक्षता के दौरान किसी न किसी रूप में कश्मीर का मुद्दा घुमा-फिराकर उठाने की कोशिश करेगा। साथ ही OIC और फिलिस्तीन जैसे मुद्दों पर मुस्लिम देशों की सहानुभूति जुटाकर भारत को घेरने की एक नई साजिश रची जा सकती है।

जब 'आतंक के ताजदार' को मिलती है 'सुरक्षा परिषद' की कुर्सी

UNSC जैसे मंच पर पाकिस्तान की अध्यक्षता लोकतंत्र, मानवाधिकार और वैश्विक शांति के लिए एक खतरनाक प्रयोग की तरह है। भारत को इसकी काट निकालनी होगी, रणनीति बनानी होगी और जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान की ‘अंतरराष्ट्रीय दोहरी भूमिका’ को उजागर करना होगा। आख़िरकार, जब "गुनहगार जज बन जाए", तो इंसाफ की उम्मीद करना खुद में एक जोखिम बन जाता है… और आज दुनिया वही जोखिम उठा रही है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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