एक चूक... और पाकिस्तान की कहानी खत्म! अफगानिस्तान संग जंग के बीच सीमा पर तनाव फिर उजागर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। कतर में हुई शांति वार्ता के बावजूद सीमा पर हिंसा थम नहीं रही है।

Gausiya Bano
Published on: 22 Oct 2025 12:21 PM IST
एक चूक... और पाकिस्तान की कहानी खत्म! अफगानिस्तान संग जंग के बीच सीमा पर तनाव फिर उजागर
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Pakistan Taliban conflict: पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते फिर से खट्टे हो उठे हैं। कतर में हुई शांति कोशिशों के बावजूद सीमा पर जारी हिंसा ने दोनों पक्षों के बीच अविश्वास को और गहरा कर दिया है। हाल में तालिबान के कमांडर फसीहुद्दीन फितरत ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान फिर से हमला करता है तो जवाब कड़ा होगा। दोनों तरफ के सैन्य झड़पों और टीटीपी जैसे समूहों की सक्रियता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यह शांति कितनी टिकाऊ है।

कतर समझौते के बाद भी दरार

कतर में हुई मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्षों ने औपचारिक तौर पर सीमा और संप्रभुता का सम्मान करने का वादा किया था। फिर भी डूरंड लाइन के मुद्दे पर बयानबाजी और उसकी हकीकत में मौजूद मतभेद से साफ है कि समझौता पूरी तरह गहरी शंकाओं को मिटाने में असमर्थ रहा। तालिबान ने किसी औपचारिक चर्चा में डूरंड लाइन का उल्लेख न होने का दावा किया, जबकि पाकिस्तान की तरफ़ से अलग कहानी कही गयी। यही असमंजस शांति को कमजोर करता है।

TTP और हथियारों का मसला

संघर्ष की जड़ें लंबे समय से जमी हुई हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान जमीन पर टीटीपी को पनाह मिली है और वे वहीं से हमला-प्रवर्तन कर रहे हैं। संयुक्तराष्ट्र और सुरक्षा विश्लेषकों की रिपोर्टों ने भी संकेत दिए हैं कि टीटीपी के कुछ जवान अफगानिस्तान में सक्रिय हैं और उनके पास बेहद खतरनाक हथियार भी पहुंच चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान की सुरक्षा चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। हालिया महीनों में टीटीपी द्वारा किए गए आत्मघाती और जमीनी हमले पाकिस्तान के लिए बड़े चैलेंज बनते जा रहे हैं।

हिंसा की हालिया घटनाएं और जवाबी कार्रवाई

पिछले कुछ हफ्तों में टीटीपी और संबद्ध समूहों ने कई घातक हमले किये। कुछ हमलों में बड़ी संख्या में जानें भी गईं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में हवाई और जमीन कार्रवाई की खबरें भी आईं। दोनों तरफ से नुकसान और आरोप-प्रत्यारोप की तेज़ी ने सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ा दिया है और स्थानीय नागरिकों की आवाजाही तथा सामान्य जीवन पर भी गहरा असर पड़ा है।

आगे की राह कितनी सुरक्षित?

कतर और तुर्की जैसी मध्यस्थ पहलों ने जहां टकराव को वक़्त के लिए कम किया, वहीं असली मुद्दे टीटीपी का अस्तित्व, डूरंड लाइन का राजनीतिक असंतोष और दोनों तरफ़ के सुरक्षा लक्ष्यों में विरोधाभास जस के तस हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ठोस, पारदर्शी और निगरानी-समेत उपाय न किए गए तो यह “आधारित शांति” फिर से टूट सकती है। दोनों तरफ़ की सरकारों को अब केवल बोलने से ज़्यादा कार्रवाई दिखानी होगी और उस कार्रवाई में इलाके के गलतियों की भी जिम्मेदारी स्वीकारना शामिल होना चाहिए।

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Gausiya Bano

Gausiya Bano

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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