तालिबान ने चंद सेकंड में पाकिस्तान को चटाई धूल... अब युद्ध के मुहाने पर अफगान-पाक! कौन ज्यादा ताकतवर

Afghanistan Pakistan Tension: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की कई सीमा चौकियों पर हमला किया, जो हालिया पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक का जवाब बताया जा रहा है।

Gausiya Bano
Published on: 15 Oct 2025 9:03 AM IST
तालिबान ने चंद सेकंड में पाकिस्तान को चटाई धूल... अब युद्ध के मुहाने पर अफगान-पाक! कौन ज्यादा ताकतवर
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Afghanistan Pakistan Tension: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में तालिबान के लड़ाकों ने एक साथ पाकिस्तान की कई सीमा चौकियों पर हमला कर दिया। ये हमले पाकिस्तान की तरफ से की गई हालिया एयर स्ट्राइक का सीधा जवाब बताए जा रहे हैं। एक तरफ तालिबान ने पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने और चौकियों पर कब्जा करने का दावा किया, तो दूसरी ओर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में कई तालिबान लड़ाकों को ढेर करने की बात कही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि दशकों तक एक विद्रोही समूह रहा तालिबान, आखिर इतनी बड़ी सैन्य ताकत कैसे बन गया कि वह दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी सेना पाकिस्तान को चुनौती दे रहा है?

12वीं सबसे बड़ी सेना को 118वीं रैंक की चुनौती

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, पाकिस्तान की सेना दुनिया में 12वें स्थान पर है, जबकि तालिबान शासित अफगानिस्तान की सैन्य शक्ति 118वें स्थान पर है। 1990 के दशक में धार्मिक छात्रों के छोटे समूह के रूप में शुरू हुआ तालिबान, 2021 में काबुल पर नियंत्रण के बाद अब एक संगठित फौज का रूप ले चुका है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान के पास अब 1.10 लाख से 1.50 लाख सक्रिय सैनिक और लगभग 1 लाख रिजर्व फोर्स है। भले ही उनके पास आधुनिक हवाई जहाज या नौसेना न हो, लेकिन उनके पास हल्के हथियारों, रॉकेटों और तोपों का एक बड़ा स्टॉक है, जिसमें अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियार भी शामिल हैं। तालिबान ने अपने सैन्य बजट को करीब 14,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है।

तालिबान की सबसे बड़ी ताकत

भले ही तालिबान के पास पाकिस्तान जितनी आधुनिक सैन्य क्षमता नहीं है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका गुरिल्ला वॉरफेयर (Guerrilla Warfare) है। इस युद्धकौशल में वे छोटे समूहों में काम करते हुए पहाड़ी और मुश्किल भौगोलिक क्षेत्रों का फायदा उठाकर दुश्मन पर अचानक और छिपकर हमला करते हैं। स्थानीय भूगोल की गहरी जानकारी और सदियों से चली आ रही लड़ाई के अनुभव के दम पर वे पाकिस्तानी सेना के लिए एक मुश्किल चुनौती पेश करते हैं।

एयर स्ट्राइक का 'बदला'

अक्टूबर 2025 के इस हमले को तालिबान ने पाकिस्तान की 9 अक्टूबर की एयर स्ट्राइक का बदला बताया। पाकिस्तानी हवाई हमलों ने काबुल और खोस्त के इलाकों को निशाना बनाया था। तालिबान ने इसके जवाब में कुणार-बाजौर, हेलमंद और पक्तिया जैसे सीमावर्ती इलाकों में एक साथ पाकिस्तानी चौकियों पर हमला बोल दिया। रात के अंधेरे में तालिबान के छोटे-छोटे दस्ते पाकिस्तानी चौकियों में घुस गए और भीषण गोलीबारी की। तालिबान को सीमा के पास रहने वाले पश्तून समुदाय से भी रसद और स्थानीय मदद मिलती है, जिससे उनकी रिजर्व फोर्स तेज़ी से जुट जाती है। यह सारा संघर्ष डूरंड लाइन पर हो रहा है, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी विवादित अंतरराष्ट्रीय सीमा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तनाव को जल्द काबू नहीं किया गया, तो इसका असर पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा पर पड़ सकता है।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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