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ताकतवर देशों के सामने दुनिया को भारत ने दी बड़ी चुनौती! SCO में राजनाथ सिंह ने एक शब्द में ही खत्म कर दिया सबका 'संदेह'
Rajnath Singh in SCO Meeting: SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों में भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और मजबूती को भी स्पष्ट करता है।
SCO Meeting: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दोहराया। उन्होंने SCO के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, क्योंकि दस्तावेज़ में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई उल्लेख नहीं था।
संयुक्त बयान पर पेन रखा एक ओर
बैठक से सामने आए एक वीडियो में राजनाथ सिंह को साझा बयान पर साइन करने से इनकार करते हुए देखा गया, जहां वह अपना पेन एक ओर रख देते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि भारत चाहता था कि दस्तावेज में आतंकवाद को लेकर चिंता स्पष्ट हो, लेकिन एक सदस्य देश की असहमति के कारण सहमति नहीं बन सकी।
SCO के मसौदे में जहां बलूचिस्तान के ट्रेन हाईजैक की चर्चा की गई थी, वहीं पहल्गाम में मारे गए नागरिकों की घटना को नजरअंदाज कर दिया गया। भारत इसे असंतुलित और पक्षपातपूर्ण मानता है, खासकर जब पाकिस्तान भारत पर बलूचिस्तान में दखल के आरोप लगाता रहा है।
चीन की अध्यक्षता में भारत ने दिखाई असहमति
2025 की SCO बैठक में चीन अध्यक्ष था और यह बैठक चीन के शहर किंगदाओ में हुई। चीन और पाकिस्तान की घनिष्ठता के चलते भारत को आशंका थी कि आतंकवाद पर निष्पक्ष रुख नहीं अपनाया जाएगा। भारत द्वारा दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करने के चलते संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका, जो SCO की प्रक्रियाओं में एक असाधारण स्थिति मानी जा रही है।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को घेरा
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में सीमापार आतंकवाद का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद को "रणनीतिक हथियार" के रूप में इस्तेमाल करते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं चल सकते। सिंह ने बताया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया और यह संदेश दिया कि भारत अब किसी भी आतंकी ठिकाने को सुरक्षित नहीं मानेगा।
दोहरे मानदंडों पर सवाल
राजनाथ सिंह ने SCO के मंच से यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की कोई जगह नहीं है और सदस्य देशों को इसमें स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि जब तक आतंकी संगठनों को समर्थन और फंडिंग मिलती रहेगी, तब तक क्षेत्रीय शांति और विकास संभव नहीं है।
भारत का SCO के संयुक्त बयान से पीछे हटना दर्शाता है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा, भले ही वह अंतरराष्ट्रीय दबाव में क्यों न हो। यह रुख न केवल पाकिस्तान और चीन के रुख को चुनौती देता है, बल्कि SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों में भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और मजबूती को भी स्पष्ट करता है।
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