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हमास की कैद में हिन्दू बंधक की मौत: विपिन जोशी, मां की उम्मीदें टूट गईं
गाजा में हमास की कैद में नेपाल के नागरिक विपिन जोशी की मौत, परिवार की उम्मीदें टूट गईं। हमास ने मौत की वजह स्पष्ट नहीं की। उनके बहादुरी और हमास द्वारा रिहाई न होने की जानकारी।
Israel-Hamas Conflict: गाजा में इज़राइल के साथ शांति समझौते के बाद हमास ने सभी बंधकों को रिहा कर दिया। लेकिन रिहा हुए बंधकों में विपिन जोशी का नाम नहीं था। बेटे को मुक्त हुए लोगों में नहीं देखकर नेपाल में उनके माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पिछले दो सालों से वे उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनका बेटा एक दिन वापस घर लौट आएगा। लेकिन अब हमास ने उन्हें बताया कि विपिन की मौत हो चुकी है और उनका शव सौंपा जाएगा। बीबीसी और अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, आज हमास विपिन जोशी का शव इज़राइल को सौंपेगा, उसके बाद नेपाल लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
हालांकि, यह मामला और हैरान करने वाला है। पिछले महीने ही हमास ने रिहा किए गए इज़रायली बंधकों की तस्वीरें जारी की थीं, जिनमें विपिन जोशी की भी तस्वीर थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर वह 21 सितंबर तक जिंदा थे, तो उनकी अचानक मौत कैसे हुई? सबसे चिंताजनक बात यह है कि विपिन जोशी एकमात्र हिन्दू बंधक थे, जो नेपाल के रहने वाले थे और जिनका इज़राइल-हमास युद्ध से कोई लेना-देना नहीं था। अब लोग पूछ रहे हैं कि आखिर हमास ने उनका जीवन क्यों समाप्त कर दिया।
विपिन जोशी के साथ आखिर क्या हुआ, कोई नहीं बता रहा
आपको बता दें कि जब हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमला किया था, तो उस हमले में नेपाल के 10 नागरिकों की भी मौत हो गई थी। विपिन जोशी को अलुमिम किबुत्ज़ से बंधक बनाया गया था, जहां वह काम कर रहे थे। विपिन की हमास की कैद में जाने के बाद से ही उनके परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास शुरू कर दिए थे। अगस्त महीने में विपिन की मां पद्मा और उनकी 17 साल की बहन पुष्पा इज़राइल भी गई थीं। वहां उन्होंने तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर पर आयोजित रिहाई रैलियों में भाग लिया था। लेकिन अब जब विपिन की मौत की जानकारी सामने आई है, तो कोई यह नहीं बता रहा कि पिछले 20-25 दिनों में ऐसा क्या हुआ, जिससे उनकी हत्या कर दी गई। हमास ने विपिन जोशी की मौत की वजह के बारे में भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
विपिन जोशी की बहादुरी और हमास की कैद
विपिन जोशी ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के दौरान बेहद बहादुरी दिखाई। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कई लोगों की जान बचाई। उनके साथ काम करने वाले नेपाली छात्रों के मुताबिक, जब हमास ने कृषि फार्म पर हमला किया, तो विपिन ने अपने साथियों को बचाने के लिए एक ग्रेनेड उठाकर वापस फेंक दिया। इसके बाद हमास के लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया। हमास के कब्जे के दौरान कई वीडियो सामने आए। एक वीडियो में विपिन को गाजा के अस्पताल में देखा गया, जबकि एक और वीडियो में वह अपना परिचय देते नजर आए। इन वीडियो ने उम्मीद जगाई थी कि वह जिंदा हैं।
अगस्त में विपिन की मां पद्मा जोशी और बहन पुष्पा इज़राइल गई थीं। वहां बेन गुरियन एयरपोर्ट पर पद्मा ने रोते हुए हमास से विपिन की सुरक्षित वापसी की गुजारिश भी की। लेकिन इसके बावजूद, हमास ने विपिन को मार दिया। उनके परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ा सदमा है, क्योंकि विपिन ने हमेशा दूसरों की जान बचाने के लिए खुद को जोखिम में डाला।
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