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ईरान में 'भीतरी खेल', खामनेई के खिलाफ इजरायल से हाथ मिला रही जनता, मोसाद के साथ मिलकर करवा रही परमाणु ठिकानों पर हमला!
Iran-Israel War: ईरान-इजरायल तनाव के बीच चौंकाने वाला दावा सामने आया है कि ईरान के भीतर का एक बड़ा वर्ग, खामनेई सरकार से त्रस्त होकर इजरायल का गुप्त रूप से समर्थन कर रहा है। सरकार की नीतियों, आर्थिक संकट और आजादी के अभाव से नाराज लोग अब बदलाव के लिए बाहरी ताकतों के सहयोग तक को तैयार हैं।
Iran-Israel War: ईरान की परमाणु सुविधाओं और वैज्ञानिकों पर हालिया हमलों के पीछे एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आ रही है। जहां एक ओर ईरान की खामनेई सरकार इजरायल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानती है। वहीं कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ईरान के भीतर ही एक बड़ा वर्ग जो मौजूदा शासन से त्रस्त है। इजरायल के साथ मिलकर अपने ही देश के रणनीतिक ठिकानों पर हमले का समर्थन कर रहा है।
यह एक ऐसा दावा है जो बेहद संवेदनशील है और इसकी पुष्टि करना कठिन है। लेकिन कुछ विश्लेषक इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि ईरान की जनता का बड़ा हिस्सा अब इस इस्लामिक गणराज्य की नीतियों से इतना थक चुका है कि वे किसी भी कीमत पर बदलाव चाहते हैं। भले ही इसके लिए बाहरी ताकतों की मदद लेनी पड़े।
खामनेई सरकार के खिलाफ बढ़ता असंतोष
यह सर्वविदित है कि ईरान में खामनेई सरकार के खिलाफ भारी असंतोष है। आर्थिक बदहाली, नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश, भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन ने लाखों ईरानियों को सरकार से दूर कर दिया है। 2022 में महसा अमीनी की मौत के बाद हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने इस असंतोष को खुलकर सामने ला दिया था। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 90% ईरानी अब मौजूदा शासन के खिलाफ हैं और इसमें बदलाव चाहते हैं।
इजरायल के प्रति ईरानियों का अप्रत्याशित समर्थन
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ईरान के कई लोग इजरायल के प्रति खुले तौर पर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। विशेष रूप से हमास के 7 अक्टूबर के आतंकी हमलों और उसके बाद हुए हमास-इजरायल युद्ध के बाद से ईरानियों ने यहूदी के लिए अपने देश के भीतर भी और विदेशों में भी अपना समर्थन दिया । इसमें इजरायल समर्थक रैलियों में भाग लेना, सोशल मीडिया पर पोस्ट करना इस प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल होना शामिल है।
दुनिया भर की रैलियों में अक्सर इजरायली झंडों के साथ ईरानी झंडे गर्व से लहराते हुए देखना असामान्य नहीं है। ईरानी विरोधी शासन कार्यकर्ता वाहिद बेहेशती ने एक सम्मेलन में कहा था कि 90% ईरानी लोग शासन के खिलाफ हैं। जैसे ही अमेरिकी और उनके सहयोगी ईरानी शासन को नुकसान पहुंचाएंगे। ईरान के लोग उठ खड़े होंगे और काम पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा, इस्लामिक गणराज्य के सभी प्रचार के बावजूद ईरान के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इजरायल के लिए अपना समर्थन दिखाना जारी रखे हुए हैं।
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