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मौत की गुफा में जिंदा दफन हो गए तुर्की के 8 जवान! तीन साल की खोज बनी काल, तड़प-तड़पकर हुई मौत

Turkey soldier deaths: रविवार का दिन तुर्की सेना के लिए इतिहास का सबसे काला दिन बन गया, जब 8 जवानों ने एक ही गुफा के भीतर दम तोड़ दिया।

Harsh Srivastava
Published on: 7 July 2025 4:01 PM IST
मौत की गुफा में जिंदा दफन हो गए तुर्की के 8 जवान! तीन साल की खोज बनी काल, तड़प-तड़पकर हुई मौत
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Turkey soldier deaths: उत्तर इराक की पहाड़ियों में एक गुफा... अंधेरा, सन्नाटा और भीतर छिपा एक ऐसा जहर, जिसकी न तो कोई आहट थी और न ही कोई चेतावनी। तुर्की सेना के बहादुर जवान जब अपने शहीद साथी की खोज में उस गुफा में उतरे, तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह मिशन उन्हें मौत की गोद में सुला देगा। रविवार का दिन तुर्की सेना के लिए इतिहास का सबसे काला दिन बन गया, जब 8 जवानों ने एक ही गुफा के भीतर दम तोड़ दिया। तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस दर्दनाक घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कुर्दिश आतंकवादियों द्वारा 2022 में मारे गए एक सैनिक के अवशेषों की तलाश में निकली टीम उत्तरी इराक में एक गुफा के भीतर मीथेन गैस के जाल में फंस गई।

गुफा में बिछा था मौत का जाल

ये गुफा 852 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बताया जाता है कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) इस गुफा को पहले अस्थायी अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करती थी। जब तुर्की सेना ने इसे कब्जे में लिया, तो इसका सैन्य महत्व और भी बढ़ गया। इसी गुफा में तीन साल पहले मारे गए एक अधिकारी के अवशेषों को खोजने का अभियान पिछले लंबे समय से जारी था। लेकिन इस बार यह खोज एक भीषण त्रासदी में बदल गई। जैसे ही सैनिक गुफा की गहराइयों में दाखिल हुए, वे अचानक मीथेन गैस के संपर्क में आ गए। एक के बाद एक सैनिकों का दम घुटने लगा। कुल 19 जवान इस ज़हरीली गैस की चपेट में आ गए। उन्हें फौरन अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन आठ बहादुर सैनिकों को बचाया नहीं जा सका। उनका शव अब उसी साथी की तलाश में मिला, जिसे खोजने वे निकले थे।

तीन साल से ढूंढ़ रहे थे साथी की हड्डियां

2022 में तुर्की सेना का एक अधिकारी PKK की गोलीबारी में मारा गया था। उसके शव को आतंकियों ने गुफा में ही दफना दिया था। तब से तुर्की सेना हर ऑपरेशन के दौरान उस शव की खोज कर रही थी। इस बार वह अभियान और गहरा गया, क्योंकि खुफिया एजेंसियों को कुछ ठोस सुराग मिले थे। लेकिन किसे पता था कि जिस गुफा में वो देशभक्ति के नाम पर उतरेंगे, वहीं उनकी अंतिम सांस भी लिखी जा चुकी है।

ऑपरेशन 'क्लॉ-लॉक' बना शोक का पर्याय

यह हादसा उस जगह हुआ जिसे 'क्लॉ-लॉक ऑपरेशन ज़ोन' के नाम से जाना जाता है। यह वही इलाका है जहां 2022 में PKK के खिलाफ एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू किया गया था। इसी ऑपरेशन के तहत तुर्की ने इराकी सीमा में कई सैन्य चौकियां स्थापित कीं और आतंकियों को खदेड़ने की कोशिश की। लेकिन अब यही ज़ोन तुर्की के लिए एक बड़ी पीड़ा का कारण बन गया है। गुफा में मौत की इस चुप्पी ने न केवल तुर्की सेना को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि उस पूरे अभियान को सवालों के घेरे में ला दिया है जिसमें सैनिकों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और गैस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी के बिना खतरनाक इलाकों में भेजा जा रहा है।

PKK से समझौता, लेकिन मौत नहीं मानी पीछे हटना

सबसे हैरानी की बात यह है कि जब तुर्की सरकार और PKK के बीच हथियार छोड़ने को लेकर एक समझौते की बात हो रही है, उसी वक्त यह भयावह हादसा घटा है। खबर है कि अगले कुछ दिनों में PKK अपने हथियार तुर्की सरकार को सौंपने वाला है। लेकिन क्या इससे उन 8 जवानों की जान वापस आ जाएगी? मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल गुफा में बचाव कार्य जारी है और बाक़ी घायल सैनिकों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें हो रही हैं। लेकिन जिनके परिवारों ने अपने बेटे, भाई, या पति को ताबूत में देखा, उनके लिए यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि पूरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा ज़ख्म बन गया है।

तुर्की में मातम, दुनिया में खामोशी

इस भीषण त्रासदी के बाद तुर्की में मातम पसरा है। सरकारी ध्वज आधा झुका दिया गया है और सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अब तक कोई खास प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि यह घटना अंतरराष्ट्रीय सैन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

क्या अगली बार और जवान झोंके जाएंगे मौत की गुफा में?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार और सेना भविष्य में ऐसी खतरनाक जगहों पर जवानों को भेजने से पहले उनके लिए पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी? क्या ऐसे मिशनों से पहले ज़हरीली गैसों की जांच की जाएगी? या फिर हर बार देशभक्ति के नाम पर जवानों को मौत की गुफाओं में उतारा जाएगा? यह हादसा तुर्की के सैन्य इतिहास में न केवल एक गहरा धब्बा है, बल्कि एक ऐसा सच भी, जिसे अनदेखा करना अब नामुमकिन है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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