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भारत ने PAK को दिखाई औकात! दुनिया के सामने उजागर किया आतंक और जुल्म का "खौफनाक" चेहरा
Kashmir Issue: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर के मुद्दे में वह लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों से अनजान है।
Kashmir Issue
Kashmir Issue: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट और सटीक तरीके से जवाब दिया। भारत ने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान लोकतंत्र और संविधान की मूल अवधारणाओं से बिल्कुल अनजान है। भारतीय स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि जो देश सेना के पीछे रहकर काम करता है, वह लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को समझ ही नहीं सकता।
पाकिस्तान से अवैध कब्जे खत्म करने की मांग
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने यह भी मांग की कि पाकिस्तान उन क्षेत्रों में दमन और कब्जा समाप्त करे, जिन पर उसने अवैध रूप से नियंत्रण कर रखा है। पी. हरीश ने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए अज्ञात हैं। हरीश ने आगे कहा, "हम पाकिस्तान से उसके द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों में गंभीर और निरंतर मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने का आह्वान करते हैं। वहां की जनता पाकिस्तान के सैन्य कब्जे, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुले तौर पर विद्रोह कर रही है।"
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का संदर्भ
24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर "भविष्य की ओर देखना" विषय पर बैठक और चर्चा हुई। इसी दौरान पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने 1948 के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए भ्रामक बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि "जनमत संग्रह" संबंधी सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव पूरा नहीं हुआ है। भारत ने इस बयान को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अप्रैल 1948 के प्रस्ताव संख्या 47 में यह मांग की गई थी कि पाकिस्तान अपने सशस्त्र बलों, सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों को उन क्षेत्रों से वापस बुला ले जिन पर उसने आक्रमण किया था।
कश्मीर में विद्रोह और मानवाधिकार उल्लंघन
हाल के महीनों में जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह स्पष्ट करती हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में कश्मीरियों ने विद्रोह किया है। इस दौरान हिंसक झड़पों में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई। पी. हरीश ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के उल्लंघन में पाकिस्तान के कब्जे और वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिक्र किया और इसे तोड़-मरोड़ कर पेश करने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के सामने पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति उसका कथित दृष्टिकोण कुछ नहीं बताता, असली स्थिति उसके कब्जे और वहां चल रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को ही दर्शाती है।"
भारत का दृढ़
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में स्पष्ट किया कि कश्मीर का मुद्दा भारत के आंतरिक मामलों से जुड़ा है और इसे केवल दो देशों के बीच सुलझाया जा सकता है। पाकिस्तान द्वारा तीसरे पक्ष को शामिल कर विवाद खड़ा करने की कोशिश बेकार है। भारत का यह कड़ा संदेश दर्शाता है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की पूरी रक्षा करने के लिए तत्पर है।
IANS इनपुट के साथ
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