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अमेरिकी नौसेना पर टूटा आफत का पहाड़, पलक झपकते ही हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट क्रैश, मचा हड़कंप
US Navy helicopter crash: दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के दो युद्धक विमान कुछ घंटों के अंतर में क्रैश हो गए। दोनों विमान यूएसएस निमित्ज से रूटीन मिशन पर थे।
US Navy helicopter crash: दक्षिण चीन सागर की गहराइयों में अमेरिका की ताकतवर नौसेना के दो अत्याधुनिक युद्धक विमान एक MH-60R “हॉक” हेलिकॉप्टर और एक F/A-18F सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट कुछ ही घंटों के अंतराल में समंदर में रहस्यमय तरीके से क्रैश हो गए। ये हादसे उस वक्त हुए जब दोनों विमान रूटीन ऑपरेशन पर थे। अमेरिकी नौसेना ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों घटनाएं करीब आधे घंटे के अंतर में हुईं, लेकिन राहत की बात यह रही कि दोनों विमानों के पायलट समय रहते बाहर निकल गए और उनकी जान बच गई।
बैटल कैट्स का समंदर में सफर हुआ खत्म
पहली दुर्घटना दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर हुई जब अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज से उड़ा MH-60R “हॉक” हेलिकॉप्टर अचानक तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। यह वही हेलिकॉप्टर है जिसे अमेरिकी नौसेना में ‘बैटल कैट्स’ के नाम से जाना जाता है। तेज रफ्तार में उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह हेलिकॉप्टर दक्षिण चीन सागर के ऊपर से गुजरते हुए नियंत्रण खो बैठा और पानी में जा गिरा। नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने मौके पर पहुंचकर तीनों चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया।
सुपर हॉर्नेट भी गिरा समुद्र में
हेलिकॉप्टर हादसे के लगभग तीस मिनट बाद ही, एक और झटका लगा। उसी एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाला F/A-18F सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट भी हवा में असंतुलित होकर समंदर में गिर गया। अमेरिकी नौसेना ने बयान में कहा कि विमान ने उड़ान भरने के तुरंत बाद अप्रत्याशित तकनीकी खराबी की सूचना दी और आपातकालीन स्थिति में पायलट ने इजेक्शन सीट का इस्तेमाल किया। पायलट को समुद्र से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
ट्रंप के एशिया दौरे के बीच हादसों की आहट
यह हादसा ऐसे वक्त हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले एशिया दौरे पर हैं। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ भी एशिया के कई देशों के दौरे पर हैं, जिनमें चीन और जापान जैसे रणनीतिक देश शामिल हैं। ऐसे में दक्षिण चीन सागर में हुए ये हादसे अमेरिकी सैन्य ऑपरेशनों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
क्या ये सिर्फ तकनीकी खराबी थी या कुछ और?
दक्षिण चीन सागर को दुनिया का सबसे विवादित जलक्षेत्र माना जाता है। चीन, वियतनाम, फिलीपींस और अमेरिका समेत कई देशों के जहाज यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं। ऐसे में अमेरिकी विमानों का इस तरह गिरना केवल एक तकनीकी खराबी नहीं बल्कि संभावित सुरक्षा चिंता के रूप में भी देखा जा रहा है।
जांच शुरू
अमेरिकी नौसेना ने दोनों हादसों की जांच के आदेश दे दिए हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि दोनों घटनाओं में कोई बाहरी हस्तक्षेप था या नहीं। दुनिया की नजर अब वॉशिंगटन पर टिकी है, क्योंकि ये घटनाएं सिर्फ एक देश की नहीं बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सामरिक स्थिरता पर भी असर डाल सकती हैं।
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