TRENDING TAGS :
‘इनोसेंट’ बोइंग और ‘गुनहगार’ पायलट… अमेरिका की चाल एक्सपोज, ड्रीमलाइनर की नाकामी को ढकने की कवायद तेज
Ahmedabad Plane Crash: ₹3 लाख करोड़ के घाटे और डूबती साख से जूझ रहे बोइंग को बचाने की कवायद तेज। एअर इंडिया हादसे में 787 ड्रीमलाइनर को क्लीन चिट और भारतीय पायलट को दोषी ठहराने की कोशिशों पर उठे सवाल। क्या यह एक सुनियोजित प्रोपेगेंडा है?
Boeing (Photo: Social Media)
Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने एक नई तरह की चालबाजियों को जन्म दे दिया है। विदेशी मीडिया ने इस मामले में पहले ही अपनी लाइन तय कर ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर को क्लीन चिट मिल चुकी है और भारतीय पायलट सुमीत सबरवाल को दोषी ठहराया जा रहा है। हालांकि, भारत में इस हादसे की आधिकारिक जांच रिपोर्ट अभी भी लंबित है। लेकिन अमेरिकी मीडिया और विमानन नियामक FAA पहले से ही इस विमान को दोषमुक्त मानते हैं।
बोइंग को क्लीन चिट देने के पीछे क्या आखिर क्या है मंशा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या बोइंग को जल्दबाजी में क्लीन चिट देना कहीं उसकी मुश्किलों को टालने की कोशिश तो नहीं है? बोइंग वर्तमान में 787 ड्रीमलाइनर पर निर्भर है और यदि इस मॉडल में कोई तकनीकी खामी सामने आती है। तो यह कंपनी के लिए एक और बड़ी आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
बोइंग की लाइफलाइन है 787 ड्रीमलाइनर
787 ड्रीमलाइनर बोइंग का सबसे महत्वपूर्ण मॉडल है। यह कंपनी के लिए प्रमुख आय का स्रोत है। इसके कारण बोइंग ने बड़ा मुनाफा कमाया है। लेकिन एअर इंडिया हादसे में शामिल यह मॉडल अब शक के घेरे में आ चुका है। अगर इस विमान में कोई तकनीकी खामी सामने आती है तो बोइंग के लिए एक कठिन दौर शुरू हो सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक 787 ड्रीमलाइनर की बिक्री से बोइंग को 30 मिलियन डॉलर तक का मुनाफा होता है। अगर इस विमान में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो बोइंग को इसके उत्पादन और डिलीवरी पर रोक लगानी पड़ सकती है। जो उसके लिए वित्तीय और प्रतिष्ठा के लिहाज से एक बड़ा झटका होगा।
बोइंग की समस्याओं का है लंबा इतिहास
बोइंग के लिए यह पहली बार नहीं है कि कंपनी तकनीकी और उत्पादन संबंधी मुश्किलों का सामना कर रही है। 737 मैक्स हादसे के बाद से बोइंग को भारी नुकसान हुआ था और कंपनी ने 2019 में इस विमान की उत्पादन और डिलीवरी को रोकने का फैसला लिया था। इस हादसे के बाद से बोइंग की छवि को गहरा धक्का लगा है और कंपनी अभी तक उस संकट से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
इसके बाद से बोइंग का कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा है। कंपनी पर वर्तमान में ₹4.25 लाख करोड़ का कर्ज है और वह इस कर्ज को चुकाने में संघर्ष कर रही है।
एयरबस से मिल रही कड़ी चुनौती
बोइंग के लिए एक और चुनौती एयरबस से आ रही है। जो लगातार उसे पीछे छोड़ रही है। एयरबस ने A320, A350, और A380 जैसे विमानों के साथ बोइंग को टक्कर दी है। अब A350 एयरबस के 787 ड्रीमलाइनर को चुनौती दे रहा है और इस मॉडल की बिक्री में भी बोइंग से आगे निकल चुका है।
क्या यह हादसा बोइंग के लिए और भी गंभीर हो सकता है?
एअर इंडिया हादसा बोइंग के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है। खासकर जब कंपनी पहले से ही भारी वित्तीय संकट और कर्ज में डूबी हुई है। यदि इस हादसे में 787 ड्रीमलाइनर में किसी तकनीकी दोष की पुष्टि होती है तो यह बोइंग के लिए एक आखिरी कील साबित हो सकता है।
बोइंग की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। अगर इस विमान में कोई खामी पाई जाती है तो यह कंपनी को और भी अधिक नुकसान पहुँचा सकता है। इसके अलावा, बोइंग को एयरबस से लगातार प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। जो उसकी बिक्री में रुकावट डाल रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बोइंग के लिए यह दुर्घटना उसकी अंतिम मुसीबत साबित हो सकती है और क्या विदेशी मीडिया का पायलट पर चल रहा प्रचार इस पूरे मामले को बोइंग के पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहा है?
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!