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Air India Flight 171 Crash Investigation: एयर इंडिया फ्लाइट 171 दुर्घटना जांच में ईंधन स्विच की रहस्यमय भूमिका और गहराई

Air India Flight 171 Crash Investigation: अहमदाबाद। भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस शुक्रवार को एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 की भीषण दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी करने जा रही है।

Neel Mani Lal
Published on: 9 July 2025 3:36 PM IST
Air India Flight 171 Crash Investigation
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Air India Flight 171 Crash Investigation

Air India Flight 171 Crash Investigation: अहमदाबाद। भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस शुक्रवार को एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 की भीषण दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी करने जा रही है। यह फ्लाइट 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई।

यह हादसा Boeing 787 Dreamliner के इतिहास का पहला घातक दुर्घटना बन गया है (2011 में इसके परिचालन शुरू होने के बाद से)। अब यह हादसा वैश्विक विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर नए सिरे से चिंतन का कारण बन गया है। जांच की दिशा अब एक बेहद गंभीर और रहस्यमय पहलू की ओर मुड़ चुकी है – विमान के इंजन ईंधन नियंत्रण स्विचों की स्थिति और उनकी गतिविधि।

ईंधन नियंत्रण स्विचों पर केंद्रित जांच

Reuters और The Air Current जैसे विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार, जांचकर्ता अब इस बात पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि General Electric GEnx-1B इंजन को नियंत्रित करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच आखिर दुर्घटना के समय किस स्थिति में थे।

विमान के ब्लैक बॉक्स – डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) – से प्राप्त डेटा अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि ये स्विच गलती से, जानबूझकर या तकनीकी कारणों से बदले गए थे या नहीं। लेकिन यही वह बिंदु है जिसने विमान के टेक-ऑफ के बाद थ्रस्ट के अचानक समाप्त हो जाने और विमान के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाके में गिरने की संभावित वजह को जन्म दिया।

ये ब्लैक बॉक्स 13 और 16 जून को बरामद किए गए थे, जो कि दुर्घटना और आग के प्रभाव से काफी क्षतिग्रस्त हो चुके थे। लेकिन इन्हें AAIB की नई दिल्ली स्थित प्रयोगशाला में U.S. NTSB और U.K. AAIB के सहयोग से 25 जून को सफलतापूर्वक डिकोड किया गया।

DFDR के डेटा से पता चला कि विमान अधिकतम 650 फीट तक ही उड़ सका, इसके बाद वह तेजी से नीचे गिरा। अंतिम क्षणों में कॉकपिट से “Mayday, no thrust, losing power” की आपातकालीन कॉल भेजी गई।

बोइंग द्वारा की गई अलग सिमुलेशन जांच

  • AAIB की जांच के समानांतर, Boeing ने भी अपने स्तर पर एक स्वतंत्र सिमुलेशन किया।
  • इसमें पाया गया कि लैंडिंग गियर या फ्लैप की गलत कॉन्फ़िगरेशन इस दुर्घटना की एकमात्र वजह नहीं हो सकती। Wall Street Journal ने 18 जून को बताया कि विमान के कंट्रोल सरफेस टेक-ऑफ के लिए सही तरीके से सेट थे।
  • जांच में किसी भी प्रकार की यांत्रिक खराबी, ईंधन में अशुद्धता, या फ्लैप की असामयिक वापसी के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
  • एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने पुष्टि की कि विमान VT-ANB का मेंटेनेंस रिकॉर्ड साफ था – दाहिना इंजन मार्च 2025 में बदला गया था, और बायां इंजन 2023 में सर्विस किया गया था, जिसकी अगली जांच दिसंबर में होनी थी।

मानवीय त्रुटि पर सवाल

  • अब जब जांच का केंद्र ईंधन नियंत्रण स्विच हैं, तो सवाल उठ रहे हैं – क्या यह मानवीय गलती थी?
  • एविएशन सेफ्टी विशेषज्ञ जॉन कॉक्स, जिन्हें Reuters ने उद्धृत किया, ने बताया कि इन स्विचों में मेटल स्टॉप लॉक मैकेनिज्म होता है, जिससे उन्हें आसानी से या गलती से नहीं बदला जा सकता।
  • उनका कहना है, “इन्हें सिर्फ टक्कर लगने से बदला नहीं जा सकता। अगर कोई स्विच बंद कर दिया जाए, तो इंजन की शक्ति तत्काल समाप्त हो जाती है।”
  • अब यह आशंका पैदा हो रही है कि क्या पायलट – कैप्टन सुमीत सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर, जिन्हें एयर इंडिया द्वारा “उत्कृष्ट” कहा गया, ने अनजाने में या जानबूझकर इन स्विचों की स्थिति बदल दी?
  • हालांकि, ब्लैक बॉक्स डेटा इस विषय पर कोई निर्णायक सबूत नहीं दे सका है, इसलिए जांचकर्ता किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।

बोइंग 787 की सुरक्षा पर वैश्विक चिंता

  • इस हादसे ने Boeing 787 Dreamliner की विश्वसनीयता और एयर इंडिया की संचालन प्रणाली दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
  • भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच का आदेश दिया, जिनमें से 26 पहले ही क्लियर कर दिए गए हैं और कोई बड़ी समस्या नहीं पाई गई।
  • हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि जब तक पूरी सुरक्षा जांच न हो, एयर इंडिया के सभी बोइंग विमानों को ग्राउंड किया जाए।
  • इस घटना के बाद एयर इंडिया को बुकिंग्स में 20% गिरावट और मध्य-पूर्व हवाई क्षेत्र की बंदी जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है।

आगे क्या?

  • AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट केवल तथ्यों की प्रस्तुति करेगी, किसी पर दोषारोपण नहीं करेगी।
  • हालांकि ईंधन स्विच की रहस्यमय भूमिका पर संदेह बना रहेगा, लेकिन यह रिपोर्ट एक विस्तृत, अंतिम जांच की नींव रखेगी, जो अगले 12 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।
  • इस समय, पीड़ित परिवार, वैश्विक विमानन जगत, और सामान्य जनता एक ही सवाल का जवाब जानना चाहती है –
  • आख़िर ऐसा क्या हुआ जिससे फ्लाइट AI 171 सिर्फ 32 सेकंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गई?
  • उम्मीद की जा रही है कि इस बार सच सामने आएगा और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को टाला जा सकेगा।

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