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क्या तुमने इंजन बंद किया..?, Air India Plane Crash की रिपोर्ट में पायलट की बातचीत का हुआ खुलासा, कॉकपिट में हुई थी रिकॉर्ड
Ahmedabad Plane Crash Report: अहमदाबाद विमान हादसे की AAIB की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। आइये इस हादसे की पूरी सच्चाई, तकनीकी खामियां और आगे की जांच के बारे में जानते हैं।
Ahmedabad Plane Crash Report
Ahmedabad Plane Crash Report: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 एक बड़ा हादसा का शिकार हुई। टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद विमान एक मेडिकल हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया। इस दर्दनाक घटना में 270 लोगों की जान चली गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू के सदस्य शामिल थे। हैरानी की बात यह है कि इस भयावह हादसे में सिर्फ एक यात्री ही जिंदा बच पाया। इस दर्दनाक हादसे को एक महीना बीत गया है। अब इसकी शुरुआती जांच रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने आज यानी 12 जुलाई को जारी की है। इस रिपोर्ट में हादसे के पीछे की मुख्य वजहें सामने आई हैं।
इंजन बंद होना बना हादसे का कारण
AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद एक-एक करके विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे। यही इस बड़े हादसे का मुख्य कारण बताया गया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से यह सामने आया कि पायलट भी इस स्थिति को लेकर भ्रमित थे। जब पहला इंजन बंद हुआ, तो एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “क्या तुमने इंजन बंद किया?” इस पर दूसरे पायलट ने साफ इंकार करते हुए कहा, “नहीं।” इसका मतलब साफ है कि इंजन अपने-आप बंद हो गए थे।
रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य
टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन बंद: टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद, दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। फ्यूल कटऑफ स्विचेज को एक-एक करके ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में सिर्फ एक सेकंड के अंदर शिफ्ट किया गया, जिससे इंजन तक ईंधन पहुंचना बंद हो गया।
कॉकपिट की रिकॉर्डिंग: एक पायलट ने दूसरे से पूछा, "तुमने इंजन बंद किया?" जवाब मिला, "मैंने नहीं किया।" इसका मतलब यह हुआ कि स्विच बिना जानबूझ के दबाए गए, या कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई।
रैम एयर टरबाइन (RAT) ने संभाला हालात: जैसे ही इंजन बंद हुए, इमरजेंसी पावर के लिए अपने-आप एक छोटा पंखे जैसा यंत्र RAT (Ram Air Turbine) एक्टिव हो गया।
इंजन दोबारा शुरू करने की कोशिश: पायलटों ने दोनों इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की। इंजन 1 थोड़ा-बहुत रेस्पॉन्स देने लगा, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह फेल हो गया। विमान सिर्फ 32 सेकंड तक हवा में रहा और रनवे से 0.9 नॉटिकल मील की दूरी पर हॉस्टल से टकरा गया।
थ्रस्ट लीवर ‘आईडल’ पर, लेकिन रिकॉर्ड अलग: थ्रस्ट लीवर हादसे के वक्त ‘Idle’ पोजिशन में पाए गए, जबकि ब्लैक बॉक्स डेटा बताता है कि टेकऑफ थ्रस्ट अभी भी एक्टिव था। इसका मतलब है कि सिस्टम में कुछ तकनीकी डिस्कनेक्ट या खराबी थी।
ईंधन बिल्कुल साफ था: जांच में यह साफ हुआ कि ईंधन में कोई मिलावट या गड़बड़ी नहीं थी। न ही भराई के दौरान कोई संदिग्ध सामग्री पाई गई। टेकऑफ की फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री) और लैंडिंग गियर भी सामान्य थे। मौसम भी साफ था, न पक्षियों का खतरा, न कोई तूफान।
पायलट अनुभवी और फिट: दोनों पायलटों की मेडिकल स्थिति ठीक थी। दोनों पूरी तरह से रेस्टेड थे और इस तरह के विमान उड़ाने का पर्याप्त अनुभव रखते थे।
तोड़फोड़ का सबूत नहीं, मगर FAA चेतावनी थी: फिलहाल किसी भी प्रकार की साजिश या तोड़फोड़ के सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन FAA (अमेरिकन एविएशन अथॉरिटी) ने पहले ही फ्यूल कटऑफ स्विच में गड़बड़ी की संभावना पर एडवाइजरी जारी की थी। लेकिन एयर इंडिया ने इस जांच को नजरअंदाज किया।
अब आगे क्या?
AAIB की यह रिपोर्ट सिर्फ शुरुआत है। यानी हादसे की पूरी सच्चाई जानने के लिए अभी और गहराई से जांच जारी रहेगी। विमान कंपनियां भी अब इस हादसे से सबक लेते हुए सुरक्षा के नए मानक अपनाने की तैयारी कर रही हैं।
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