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तो इस वजह से शुरू हुई जंग? 600 लाशें... 9 परमाणु वैज्ञानिक खत्म... और पुतिन का बड़ा खुलासा – अगर ईरान ने मेरी बात मानी होती तो...

Putin Iran war statement: पुतिन ने कहा है कि अगर ईरान ने मेरी बात मानी होती, तो आज उसके ऊपर इजराइल के मिसाइलों की बरसात नहीं होती। ये कोई साधारण बयान नहीं है। ये उस युद्ध की पृष्ठभूमि से निकला सच है, जिसमें ईरान अब तक 600 से ज्यादा नागरिकों और सैनिकों की लाशें गंवा चुका है। 9 परमाणु वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं।

Harsh Srivastava
Published on: 20 Jun 2025 5:52 PM IST
तो इस वजह से शुरू हुई जंग? 600 लाशें... 9 परमाणु वैज्ञानिक खत्म... और पुतिन का बड़ा खुलासा – अगर ईरान ने मेरी बात मानी होती तो...
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Putin Iran war statement: पूरी दुनिया की सांसें थमी हुई हैं। मध्य-पूर्व की धरती पर लाशों का ढेर लग चुका है। ईरान की राजधानी तेहरान में हर गली में मातम पसरा है, और इसी बीच एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसने वैश्विक राजनीति में भूचाल ला दिया है। व्लादिमीर पुतिन ने वो राज खोल दिया है जिसे अब तक सिर्फ रूस और ईरान के खुफिया हलकों में ही जाना जाता था। पुतिन ने कहा है कि अगर ईरान ने मेरी बात मानी होती, तो आज उसके ऊपर इजराइल के मिसाइलों की बरसात नहीं होती।

ये कोई साधारण बयान नहीं है। ये उस युद्ध की पृष्ठभूमि से निकला सच है, जिसमें ईरान अब तक 600 से ज्यादा नागरिकों और सैनिकों की लाशें गंवा चुका है। 9 परमाणु वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं। राजधानी पर लगातार हमले हो रहे हैं, और अब दुनिया को पता चल गया है कि ईरान इस विनाश से बच सकता था... अगर उसने वक्त रहते रूस की बात मानी होती। पुतिन के इस सनसनीखेज बयान ने ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल सिर्फ ये नहीं है कि खामेनेई ने रूस का ऑफर क्यों ठुकराया, सवाल ये है कि क्या उनकी एक गलती ने पूरे ईरान को तबाही की तरफ धकेल दिया?

पुतिन का सबसे बड़ा ऑफर और खामेनेई की चुप्पी

ये कहानी आज की नहीं है। व्लादिमीर पुतिन ने खुलासा किया कि साल 2016 में रूस ने ईरान को दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 खरीदने का प्रस्ताव दिया था। पुतिन का दावा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अली खामेनेई से बात की थी। रूस चाहता था कि ईरान अपनी सुरक्षा मजबूत करे और संभावित हमलों से बच सके। लेकिन ईरान ने उस वक्त कोई फैसला नहीं लिया। न हां, न ना... बस चुप्पी।

आज वही चुप्पी ईरान पर कहर बनकर टूटी है। इजराइली फाइटर जेट्स और ड्रोन लगातार तेहरान पर बमबारी कर रहे हैं। टारगेट कीलिंग में ईरान के जनरल्स, वैज्ञानिक, और कमांडर एक-एक करके खत्म किए जा रहे हैं। अगर उस वक्त ईरान के पास S-400 सिस्टम होता तो इजराइल के मिसाइल लॉन्च करते ही हवा में तबाह हो जाते। तेहरान की फिजाओं में मिसाइलों की बौछार नहीं होती, बल्कि जवाब में ईरानी मिसाइलें इजराइल तक पहुंच रही होतीं।

लेकिन पुतिन ने साफ कहा—ईरान ने न मेरी बात मानी, न ही वक्त रहते तैयारी की। नतीजा... मौत का मंजर।

कैसे काम करता है रूस का S-400, जिसे लेकर अब पूरी दुनिया हिल गई है?

जिस S-400 की बात पुतिन कर रहे हैं, वो कोई मामूली सिस्टम नहीं है। 400 किलोमीटर तक किसी भी दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन या मिसाइल को तबाह करने की क्षमता। मल्टी-ट्रैकिंग तकनीक के जरिए एक साथ दर्जनों टारगेट को पकड़ना और कुछ ही सेकंड में प्रतिक्रिया देना। इतना ही नहीं, इसकी रडार सिस्टम इतनी ताकतवर है कि दुश्मन के “स्टील्थ” यानी अदृश्य विमानों को भी पहचान लेती है।

भारत इस सिस्टम का पहले ही बड़ा खरीदार बन चुका है। चीन के पास भी ये सिस्टम है। तुर्की ने इसे खरीदा तो अमेरिका तक बौखला उठा। अगर ईरान इसे खरीद लेता तो आज का परिदृश्य पूरी तरह उलट होता। इजराइल की एयरफोर्स दुनिया में टॉप मानी जाती है, लेकिन S-400 के सामने उसकी मिसाइलें बच्चों के खिलौने बन जातीं। अब सवाल ये है—आखिर ईरान ने ये क्यों नहीं खरीदा?

600 लाशें, तबाही और अब पुतिन का बयान

आज जब तेहरान में मातम पसरा है, जब 600 से ज्यादा ईरानी नागरिक और सैनिक मारे जा चुके हैं, तब पुतिन का ये बयान सीधे ईरानी जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा लग रहा है। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है—क्या वाकई खामेनेई की एक गलती ने पूरे देश को इस हालात में ला खड़ा किया?इजराइल इस वक्त ईरान पर टारगेटेड अटैक कर रहा है। सैन्य ठिकाने, वैज्ञानिकों के घर, और सैन्य कमांडरों की कारें, सभी निशाने पर हैं। जवाब में ईरान सिर्फ इजराइल के बेस और सैनिक ठिकानों पर रॉकेट दाग पा रहा है, लेकिन इजराइल की सरकार या टॉप लीडरशिप को कोई नुकसान नहीं हुआ है। ईरान आज अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है और उसकी इस बर्बादी की कहानी में एक सबसे बड़ा किरदार बनकर सामने आ रहे हैं व्लादिमीर पुतिन और उनका S-400 डिफेंस सिस्टम।

क्या अब रूस ईरान की मदद करेगा? पुतिन ने क्यों साध ली चुप्पी?

जब पत्रकारों ने पुतिन से पूछा कि क्या रूस अब ईरान को सैन्य मदद देगा, तो जवाब और भी चौंकाने वाला था। पुतिन ने कहा—‘ईरान ने अब तक हमसे कोई मदद नहीं मांगी है। हमारे पास कोई सैन्य संधि नहीं है कि हम स्वतः ही हस्तक्षेप करें। अगर वे कहेंगे तो सोचेंगे, वरना हम इस पर बोलने में सक्षम नहीं हैं।’ यानि रूस पूरी तरह हाथ झाड़ चुका है। पुतिन ने वो ऑफर बहुत पहले दे दिया था, लेकिन खामेनेई सरकार ने उसे ठुकरा दिया। अब जब पूरा ईरान धधक रहा है, तो रूस खुलेआम कह रहा है—‘अब देर हो चुकी है।’

पूरी दुनिया देख रही है – क्या ये खामनेई की सबसे बड़ी भूल थी?

सवाल बड़ा है। क्या ईरान अपने ही नेता की चूक का खामियाजा भुगत रहा है? क्या अगर S-400 होता तो आज तेहरान में मिसाइलों की बारिश न होती? क्या खामेनेई ने पूरे देश को अपनी जिद की भेंट चढ़ा दिया? एक बात तो तय है—आज पूरी दुनिया में ईरान का नाम उसकी तबाही और खामोश नेतृत्व की वजह से गूंज रहा है। और पुतिन का ये खुलासा आने वाले वक्त में खामनेई की कुर्सी ही नहीं, पूरी ईरानी सत्ता की बुनियाद हिला सकता है। अब दुनिया सिर्फ एक सवाल पूछ रही है — क्या ये युद्ध खामनेई की ऐतिहासिक भूल का नतीजा है?

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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