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हम पीछे नहीं हटेंगे... इजरायल पर मिसाइलों की बारिश! यमन ने उड़ाया Israel का इलाका, अमेरिका को दी खुली चेतावनी
Yemen attacked Israel: कुछ ही दिन पहले, अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर अपने बंकर बस्टर बमों से हमला किया। दुनिया देख रही थी कि अब तेहरान किस तरह पलटवार करेगा। लेकिन जिस जवाब ने पूरी दुनिया को चौंकाया, वो आया यमन से। बिग्रेडियर जनरल याह्या सारी, जो यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता हैं, उन्होंने सामने आकर ऐलान किया—"हमने बीर शेवा पर जोलफागर बैलेस्टिक मिसाइल से सफल हमला किया है।
Yemen attacked Israel: एक बार फिर मध्य-पूर्व की तपती रेत से धुएं का वो गुबार उठा है जो सीधे अमेरिका और इजराइल की छाती में उतरता है। लेकिन इस बार धमाका कहीं और नहीं, इजराइल के भीतर हुआ है। बीर शेवा—एक ऐसा इलाका जो हमेशा चर्चा से दूर रहता था, अब दुनिया के सबसे ख़तरनाक बैलेस्टिक मिसाइल हमले का गवाह बन गया है। और यह हमला किसी बड़ी महाशक्ति ने नहीं, बल्कि उस यमन ने किया है जिसे अब तक सिर्फ गृहयुद्ध और भुखमरी के लिए जाना जाता था। लेकिन अब यमन ने बता दिया है—उसके पास सिर्फ भूख नहीं, हथियार भी हैं। और वो अमेरिका और इजराइल जैसे देशों को भी खुली चुनौती देने की ताक़त रखता है।
जब यमन ने अमेरिका और इजराइल को एक साथ ललकारा
कुछ ही दिन पहले, अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर अपने बंकर बस्टर बमों से हमला किया। दुनिया देख रही थी कि अब तेहरान किस तरह पलटवार करेगा। लेकिन जिस जवाब ने पूरी दुनिया को चौंकाया, वो आया यमन से। बिग्रेडियर जनरल याह्या सारी, जो यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता हैं, उन्होंने सामने आकर ऐलान किया—"हमने बीर शेवा पर जोलफागर बैलेस्टिक मिसाइल से सफल हमला किया है।" उन्होंने दावा किया कि यह हमला एकदम सटीक था और इससे इजराइल को बड़ा नुकसान पहुंचा है। यह पहली बार नहीं है। जनरल सारी ने बताया कि पिछले हफ्ते भी यमन ने इजराइल पर कई ड्रोन और बैलेस्टिक मिसाइल दागे थे, और वो भी पूरी तरह सफल रहे थे। यमन खुले शब्दों में कह रहा है कि वह गाजा के लोगों के लिए किसी भी हद तक जाएगा। "चाहे हमें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे," याह्या सारी का यह बयान अब पूरी दुनिया में गूंज रहा है।
ट्रंप को भी मिला यमन और ईरान से 'तोहफा'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो हाल ही में ईरान को ‘सबक सिखाने’ की धमकियां दे रहे थे, अब खुद निशाने पर हैं। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने ट्रंप की बयानों को “बकवास” बताते हुए उन्हें चेतावनी दी है। प्रवक्ता ने कहा कि “आज ईरान में जो हुआ है, वो केवल मातम नहीं था—वो दुश्मनों को दी गई चेतावनी थी।" ईरान में हाल ही में हुए भव्य अंतिम संस्कार समारोह में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी थी। यह वही लोग थे जिनके अपनों को इजराइल के हमलों में मार दिया गया था। और अब इस जनसैलाब को ईरान अमेरिका और इजराइल दोनों के खिलाफ ताकत की ‘प्रदर्शनी’ के रूप में पेश कर रहा है। IRGC प्रवक्ता ने ट्रंप को सीधे संबोधित करते हुए कहा, "अपनी आंखें खोलिए। आपकी जुबान अब आग उगलती है और हम पानी नहीं, आग से ही जवाब देंगे।"
यमन का रॉकेट और तीसरे विश्व युद्ध की आहट?
सवाल अब यह नहीं कि यमन ने इजराइल पर मिसाइल क्यों दागी। सवाल यह है कि यमन ने ऐसा करने की हिम्मत कैसे जुटाई? और जवाब है—ईरान। यमन अब ईरान के समर्थन से खुलेआम अमेरिका और इजराइल को धमका रहा है। यह वही यमन है जो कभी सऊदी अरब की बमबारी में जलता था, आज वह बैलेस्टिक मिसाइलों से इजराइल को थर्रा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो यह हमला सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक ट्रिगर भी हो सकता है। अमेरिका पहले ही मध्य-पूर्व में कई ठिकानों पर युद्धाभ्यास कर रहा है। इजराइल भी अब जवाबी हमले की तैयारी में है। और अगर यह चिंगारी और फैली, तो तीसरा विश्व युद्ध अब सिर्फ भविष्यवाणी नहीं रहेगा—वह यथार्थ बन सकता है।
अब क्या करेगा वॉशिंगटन?
बाइडेन प्रशासन और पेंटागन के अधिकारी अब तक इस हमले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन अंदरखाने हलचल तेज़ हो चुकी है। अमेरिका जानता है कि अगर उसने यमन को सीधे जवाब दिया, तो ईरान खुलकर मैदान में उतर सकता है। और फिर रूस और चीन भी इस आग में अपने हाथ सेंकने आ जाएंगे। क्या हम उस मोड़ पर आ चुके हैं जहां सिर्फ एक और मिसाइल से पूरी दुनिया की दिशा बदल सकती है? यमन ने तो अपनी चाल चल दी है। अब देखना है, अगली चिंगारी कहां से उठती है—तेहरान, वॉशिंगटन या तेल अवीव? क्योंकि अब युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं, ज़ुबानों और मिसाइलों के बीच शुरू हो चुका है... और इसका अंत कोई नहीं जानता।
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