Dussehra Vijayadashami 2025 Date: दशहरा विजयदशमी 2025 में कब है डेट, जानिए शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय

Dussehra Vijayadashami 2025 Date : 2025 में दशहरा कब मनाया जायेगा। इस साल किस दिन होगा रावण दहन जानिए...

Suman  Mishra
Published on: 7 Aug 2025 8:26 AM IST (Updated on: 7 Aug 2025 11:00 AM IST)
Dussehra Vijayadashami 2025 Date: दशहरा विजयदशमी 2025 में कब है डेट, जानिए शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय
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Dussehra Vijayadashami 2025 Date दुर्गा पूजा के नौ दिनों के बाद दशहरा आता है, यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होता है। यह शारदीय नवरात्रि के नौवे दिन के बाद दशमी को आता है। इस बार नवरात्रि का समापन 1अक्टूबर 2025 को हो रहा हैतो विजयादशमी 2 अक्टूबर है। दशहरा यानि विजयदशमी या कहे रावन दहन का यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है।

भगवान श्री राम ने इसी दिन रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का त्यौहार है। इस दिन रावण दहन के अलावा शस्त्र पूजन( का भी विधान है। जानते हैं दशहरा शुभ मुहूर्त।

दशहरा मनाने का शुभ मुहूर्त

2अक्टूबर 2025 को समाप्त होगी।

दशहरा 2025 की तारीख : 2 अक्‍टूबर, दिन गुरुवार

अश्विन मास 2025 शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि प्रारंभ: 01 अक्‍टूबर को 03:31 PM से

अश्विन मास 2025 शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि समापन: 02 अक्‍टूबर को 03:40 PM पर

दशहरा 2025 पर शुभ विजय मुहूर्त : 02 अक्‍टूबर को 03:35 PM से 04:22 PM तक

दशहरा 2025 पर शुभ विजय मुहूर्त अवधि : 46 मिनट

अपराह्न पूजा का समय और अवधि: 02:49 PM से 05:08 PM तक, दो घंटा 19 मिनट के लिए

मान्यताओं के अनुसार श्रीराम ने प्रदोष काल में रावण का संहार किया था।ऐसे में 2 अक्टूबर को रावण दहन के लिए शाम का मुहूर्त है।

दशहरा पूजन विधि (Dussehra Pujan Vidhi)

दशहरा की पूजा सदैव अभिजीत, विजयी या अपराह्न काल में की जाती है। अपने घर के ईशान कोण में शुभ स्थान पर दशहरा पूजन करें।पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करके चंदन का लेप करें और आठ कमल की पंखुडियों से अष्टदल चक्र निर्मित करें।इसके पश्चात संकल्प मंत्र का जप करें तथा देवी अपराजिता से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।अब अष्टदल चक्र के मध्य में 'अपराजिताय नमः' मंत्र द्वारा देवी की प्रतिमा स्थापित करके आह्वान करें।इसके बाद मां जया को दाईं एवं विजया को बाईं तरफ स्थापित करें और उनके मंत्र “क्रियाशक्त्यै नमः” व “उमायै नमः” से देवी का आह्वान करें।अब तीनों देवियों की शोडषोपचार पूजा विधिपूर्वक करें।शोडषोपचार पूजन के उपरांत भगवान श्रीराम और हनुमान जी का भी पूजन करें।

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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