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बार-बार बिगड़ते काम? रविवार को करें उपाय, सूर्यदेव की कृपा से पलट जाएगी किस्मत

Raviwar Ke Upayरविवार को ये उपाय और सूर्यदेव की पूजा से यश, स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि होती है,लेकिन बार-बार मेहनत के बाद भी असफलता मिल रही है तो जानते हैं रविवार से जुड़ें अर्घ्य विधि, सूर्य मंत्र, व्रत, और दान के उपाय

Suman  Mishra
Published on: 28 Jun 2025 10:04 AM IST (Updated on: 28 Jun 2025 2:02 PM IST)
Raviwar Ke Upay
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Raviwar Ke Upay सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। इन में रविवार का दिन सूर्य देव के लिए है। सूर्य न सिर्फ ग्रह है, बल्कि जीवन में ऊर्जा, आत्मबल, यश, प्रतिष्ठा, नेतृत्व क्षमता और आरोग्यता का परिचायक भी हैं। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है तो उसका आत्मविश्वास गिरने लगता है, बार-बार मेहनत करने के बावजूद सफलता हाथ नहीं लगती, स्वास्थ्य भी डांवाडोल हो जाता है और समाज में मान-सम्मान में कमी आने लगती है।

ऐसे में जरूरी हो जाता है कि रविवार के दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक उपायों के माध्यम से उन्हें प्रसन्न किया जाए। अगर आप भी जीवन में लगातार कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, चाहे वह आर्थिक हो, मानसिक हो या सामाजिक – तो इस रविवार से इन उपायों को करके जीवन में बदलाव ला सकते है।

सूर्य से मिलेगा यश सम्मान

ज्योतिष में सूर्य को आत्मा और आत्मबल का प्रतीक माना गया है। सूर्य जब शुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को समाज में नेतृत्व, राजकीय सहयोग, पिता से संबंधों में मधुरता, सरकारी नौकरी, उच्च पद और आत्मविश्वास में वृद्धि मिलती है। वहीं जब सूर्य अशुभ हो जाएं तो व्यक्ति को बार-बार अपमान झेलना पड़ता है, पिता से विवाद होता है, सिर दर्द, आंखों की समस्या या हृदय रोग जैसी परेशानियां शुरू हो सकती हैं। रविवार को किए जाने वाले उपाय, सूर्य के प्रभाव को अनुकूल बनाते हैं, जानते है..

रविवार के उपाय

अगर आप सप्ताह के सातों दिन अर्घ्य नहीं देते तो कम से कम रविवार को जरूर दें। स्नान के बाद तांबे के लोटे में स्वच्छ जल लें। उसमें लाल फूल, थोड़े चावल, रोली या लाल चंदन और एक-दो लाल मिर्च के दाने डालें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य दें। इस क्रिया से आत्मबल, यश और भाग्य की स्थिति मजबूत होती है।

सूर्य देव को जल चढ़ाते समय निम्न में से किसी एक मंत्र का उच्चारण करें। इससे अर्घ्य का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है:

"ॐ सूर्याय नमः"

"ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

"ॐ घृणिः सूर्य आदित्याय नमः"

रोज़ एक माला जाप करना भी आपके तेज़ को बढ़ा सकता है।

रविवार को लाल रंग से जुड़े वस्त्र, तांबे के बर्तन, लाल चंदन, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तिल के लड्डू या सिंदूर जैसी वस्तुएं ब्राह्मण या जरूरतमंदों को दान करने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।

जो लोग लंबे समय से स्वास्थ्य, नौकरी या पारिवारिक कलह जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वे रविवार को उपवास रखें। उपवास में नमक रहित भोजन करें और दिन भर सूर्य मंत्र का स्मरण करते रहें। सूर्यदेव की कथा का श्रवण करना भी फलदायी माना गया है।

रविवार को लाल रंग के वस्त्र पहनना सूर्य की ऊर्जा से जुड़ने का प्रतीक है। इससे आत्मविश्वास और आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।

स्नान के बाद सूर्य की दिशा की ओर मुख करके माथे पर लाल चंदन का तिलक करें। यह सूर्य की ऊर्जा को आत्मसात करने का माध्यम है।

घर या ऑफिस में सूर्य यंत्र की स्थापना कर उसके सामने प्रतिदिन दीपक जलाकर मंत्र जप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और निर्णय क्षमता में सुधार होता है।

रविवार को गुड़ लगी रोटी या गुड़ और गेहूं मिलाकर बनाई गई बाटी गाय को खिलाना शुभ माना गया है। यह पितृदोष शांति और सूर्य दोष शमन में सहायक होता है।

पुराणों में उल्लेख मिलता है कि सूर्य के तेज और आरोग्यता से ही संपूर्ण ब्रह्मांड जीवंत है। यदि मनुष्य अपने जीवन में तेज, यश, बुद्धि और स्वास्थ्य चाहता है, तो उसे सूर्य की उपासना करनी चाहिए।

सूर्यदेव की कृपा से शत्रु भी मित्रता का व्यवहार करते हैं और राजयोग बनने के योग बढ़ते हैं।

रविवार को ध्यान देने योग्य बातें

सूर्य को जल देने से पहले स्नान करना अनिवार्य है। बिना स्नान किए जल देना वर्जित माना गया है।

जल अर्पित करने के लिए केवल तांबे का पात्र ही प्रयोग करें। स्टील, प्लास्टिक, कांच या चांदी के पात्र से अर्घ्य न दें।

लाल पुष्प और रोली या लाल चंदन जल में जरूर मिलाएं।

रविवार के दिन घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि सूर्य शुद्धता के प्रतीक हैं।

इस दिन झूठ, क्रोध, अपशब्द और कटु व्यवहार से बचें।

कब से करें ये उपाय?

इन उपायों को रविवार से शुरू करना सर्वोत्तम होता है, लेकिन इन्हें निरंतरता और श्रद्धा के साथ करना ज़रूरी है। 6 या 11 रविवार तक इन उपायों को नियमित करें और बीच में बाधा न आने दें। अगर किसी कारणवश व्रत या अर्घ्य देना छूट भी जाए, तो अगले सप्ताह पुनः आरंभ करें लेकिन नियमितता बनाए रखें।

अगर इन उपायों को करते हैं तो रविवार का दिन आध्यात्मिक उन्नति का दिन भी हो सकता है,रविवार से ही शुरू करें ये सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय – हो सकता है आने वाला सप्ताह आपके जीवन में नया प्रकाश लेकर आए।


नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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