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अनंत सिंह के बाद पीयूष प्रियदर्शी की बारी, मोकामा हत्याकांड में DGP का बड़ा ऐलान, चुन-चुन कर...
मोकामा हत्याकांड में बड़ा खुलासा! बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी। डीजीपी विनय कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा- हिंसा फैलाने वालों की चुन-चुनकर होगी गिरफ्तारी।
Mokama Murder Case Piyush Priyadarshi: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पटना जिले के मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने अब एक नया और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद, अब जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने रविवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट कर दिया कि मोकामा में हिंसा और दंगा फैलाने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी ने कहा, "मोकामा में राजद नेता दुलारचंद यादव की हत्या मामले में उपलब्ध सबूतों के आधार पर वहाँ मौजूद हर एक शख्स की चुन-चुन कर गिरफ्तारी होगी। अनंत सिंह की गिरफ्तारी भी इसी आधार पर की गई है, और इसी आधार पर जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष को भी गिरफ्तार किया जाएगा।" डीजीपी के इस बयान ने बिहार के चुनावी माहौल में बड़ी हलचल पैदा कर दी है, जहाँ बाहुबलियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुला राज: 'गाड़ी चढ़ाकर हत्या'
डीजीपी विनय कुमार ने दुलारचंद यादव हत्याकांड पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई गंभीर बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि दुलारचंद के शरीर के ऊपर कोई भारी चीज गुजरने से उनकी मौत हुई है। डीजीपी ने आशंका जताई, "संभव है कि उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाई गई हो।" उन्होंने कहा कि यह प्रथम दृष्टया हत्या का मामला दिख रहा है, लेकिन यह एक्सीडेंटल (दुर्घटना) है या जानबूझकर किया गया, यह अभी भी जांच का विषय है। सीआईडी और जिला पुलिस संयुक्त रूप से इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि हत्या के पीछे की मंशा और साजिश का खुलासा हो सके।
हिंसा फैलाने वालों की 'सामूहिक जिम्मेदारी'
डीजीपी ने मोकामा की घटना को दंगा फैलाने वाला माहौल बताया और कहा कि ऐसे माहौल में घटना स्थल पर मौजूद हर व्यक्ति की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने बताया कि पुलिस हिंसा और हत्या के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। पुलिस ने इस मामले में तेज और सख्त कार्रवाई करते हुए अब तक 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने यह भी बताया कि अनंत सिंह से पूछताछ पूरी होने के बाद उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। पुलिस का यह व्यापक अभियान दिखाता है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद बिहार में कानून का राज स्थापित करने के लिए प्रशासन कितना गंभीर है।
क्या था मोकामा हत्याकांड?
दुलारचंद यादव हत्याकांड बीते गुरुवार को हुआ था, जिसने पूरे बिहार की राजनीति को गरमा दिया। दुलारचंद यादव, जो मोकामा और बाढ़ के इलाके में एक समय के बाहुबली नेता थे और लालू यादव की पार्टी आरजेडी से लंबे समय तक जुड़े रहे, इस चुनाव में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। बताया गया कि पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों की भिड़ंत वहाँ से गुजर रहे जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों से हो गई थी। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने दुलारचंद को गोली मारने के बाद गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या कर दी। इस मामले में अलग-अलग पक्षों की ओर से अब तक 4 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद शनिवार देर रात अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब पीयूष प्रियदर्शी की संभावित गिरफ्तारी से मोकामा सीट पर सियासी पारा और भी चढ़ गया है। डीजीपी का यह सख्त रुख स्पष्ट संकेत है कि बाहुबल के दम पर चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी प्रत्याशी को बख्शा नहीं जाएगा।
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