बिहार चुनाव के लिए राहुल-तेजस्वी ने किया मैनिफेस्टो का ऐलान, अति पिछड़े वर्गों पर दिया ख़ास ध्यान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन ने अति पिछड़ा न्याय संकल्प मैनिफेस्टो जारी किया। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण, सरकारी ठेके, शिक्षा और भूमि जैसे बड़े वादे किए हैं।

Harsh Srivastava
Published on: 24 Sept 2025 5:03 PM IST
बिहार चुनाव के लिए राहुल-तेजस्वी ने किया मैनिफेस्टो का ऐलान, अति पिछड़े वर्गों पर दिया ख़ास ध्यान
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Rahul-Tejaswi Bihar Election Manifesto: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और इसी के साथ शुरू हो गया है वादों का सिलसिला। बुधवार को महागठबंधन ने अपने चुनावी अभियान का पहला बड़ा कदम उठाते हुए 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' का ऐलान किया। इस ऐतिहासिक मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में एक साथ चुनावी मैनिफेस्टो के पहले भाग को जारी किया। इस 'न्याय संकल्प' में महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए कई बड़े और लुभावने वादे किए हैं जिन्हें राजनीतिक विशेषज्ञ इस वोट बैंक को साधने की एक सोची-समझी रणनीति मान रहे हैं। इस आयोजन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वीआईपी के सुप्रीमो मुकेश सहनी समेत अति पिछड़ा वर्ग के 100 से अधिक नेता मौजूद थे जो इस कदम की गंभीरता को दर्शाता है।

'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' में 10 बड़े वादे

महागठबंधन ने अपने 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' में 10 महत्वपूर्ण वादे किए हैं जो सीधे तौर पर इस समुदाय को प्रभावित करते हैं। इन वादों में सबसे अहम है एससी-एसटी की तर्ज पर अति पिछड़ा वर्ग के लिए अत्याचार निवारण कानून बनाना। इसके अलावा आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को आबादी के अनुपात में बढ़ाने के लिए विधानमंडल से कानून पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा।

आरक्षण को लेकर कई और बड़े ऐलान भी हुए हैं। महागठबंधन ने वादा किया है कि पंचायत और नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा। साथ ही 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों और आपूर्ति के टेंडर में इस वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होगा। निजी शिक्षण संस्थानों में नामांकन के साथ-साथ यूपीए सरकार के शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा भी अति पिछड़ा ओबीसी एससी और एसटी के बच्चों को मिलेगा।

सियासी पिच पर महागठबंधन की 'नई चाल'

महागठबंधन का यह कदम बिहार की चुनावी राजनीति में एक नई चाल माना जा रहा है। 'अति पिछड़ा' वोट बैंक बिहार में एक बड़ा और निर्णायक फैक्टर रहा है और इस मैनिफेस्टो से महागठबंधन ने साफ कर दिया है कि वह इस वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

वादे यहीं खत्म नहीं होते। महागठबंधन ने यह भी ऐलान किया है कि नियुक्ति की चयन प्रक्रिया में 'कोई योग्य नहीं मिला' (NFS) के प्रावधान को अवैध घोषित किया जाएगा जिससे योग्य उम्मीदवारों को मौका मिल सके। आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्र में 3 डिसिमल और ग्रामीण क्षेत्र में 5 डिसिमल जमीन दी जाएगी। आरक्षण की देखरेख के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त नियामक प्राधिकरण का गठन होगा और जातियों की सूची में कोई भी बदलाव केवल विधानमंडल से ही होगा। इन वादों के साथ महागठबंधन ने एक मजबूत संदेश दिया है कि वे अति पिछड़ा वर्ग के न्याय और अधिकार के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब देखना यह होगा कि क्या यह 'न्याय संकल्प' चुनाव में महागठबंधन के लिए जीत का रास्ता साफ कर पाता है।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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