TRENDING TAGS :
Bihar Voter Scam: चुनाव से पहले महा घोटाला! तेजस्वी यादव ने खोली चुनाव आयोग की पोल, कहा - "ये चुनाव नहीं तमाशा है"
Bihar Voter Scam: तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो आरोप लगाए, वो महज़ राजनीतिक बयान नहीं थे, बल्कि एक पूरे चुनावी सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर देने वाला दस्तावेजी हमला था।
Bihar Voter Scam: बिहार की सियासत में इस वक़्त सबसे बड़ा सवाल यही है,क्या 2025 से पहले लोकतंत्र की जड़ें काटी जा रही हैं? और इस सवाल का जवाब तलाशते हुए महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव राजधानी पटना में मंच पर गरजे, तो ऐसा लगा जैसे किसी ने सीधे लोकतंत्र के कलेजे पर चोट कर दी हो। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो आरोप लगाए, वो महज़ राजनीतिक बयान नहीं थे, बल्कि एक पूरे चुनावी सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर देने वाला दस्तावेजी हमला था। बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर मचा बवाल अब महज़ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सीधा सियासी युद्ध बन चुका है।
"80 फीसदी सत्यापन फर्जी है, हमारे पास सबूत हैं"
आज तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे चुनाव आयोग पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "इलेक्शन कमीशन ने दावा किया कि 80% वोटरों का सत्यापन हो चुका है। हम पूछते हैं,कैसे? कहां? किससे? हम खुद अब तक सत्यापित नहीं हुए!" इतना कहते हुए उन्होंने एक फोटो लहराया,जिसमें देवघर जिले के एक BLO के सत्यापन फॉर्म में लोगों की जगह 'जलेबियां' बन रही थीं। "क्या यही लोकतंत्र है? क्या यही पारदर्शिता है?" तेजस्वी का सवाल था और सामने बैठे पत्रकारों में सन्नाटा पसर गया।
"फर्जी फिंगरप्रिंट, बिना दस्तावेज सत्यापन... ये सब कुछ एक साजिश का हिस्सा है"
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि BLO (Booth Level Officer) पर टारगेट का दबाव है, जिसके चलते वो लोगों से बिना पूछे ही फिंगरप्रिंट लगाकर और फॉर्म भरकर अपलोड कर रहे हैं। "ये सब ऑय वाश है। कोई असली सत्यापन नहीं हो रहा है। सबको बस आंकड़े दिखाने हैं।" तेजस्वी बोले। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्शन कमीशन के पास अब तक कोई SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) नहीं है कि जिनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं, उनका सत्यापन कैसे होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आयोग चुप है।
"चुनाव आयोग और डीएम की भाषा अलग-अलग है, ये खुद सबूत है गड़बड़ी का"
तेजस्वी ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग एक तरफ कहता है कि दस्तावेज जरूरी हैं, तो दूसरी तरफ जिलाधिकारियों को बिना दस्तावेज के भी सत्यापन की छूट दी जा रही है। “तो सच क्या है? ये क्या गुपचुप खेल चल रहा है बिहार में?” तेजस्वी ने तीखा सवाल दागा। उन्होंने कहा कि ये सबकुछ सिर्फ वोटरों की संख्या घटाने का प्लान है। खासकर उन इलाकों में जहां महागठबंधन को समर्थन मिलता है। तेजस्वी ने यह तक आरोप लगाया कि “पीएम मोदी के निर्देश पर बूथ-बूथ पर यह आंकड़ा निकाला जा रहा है कि कौन-कौन वोट देने वाला है, और किसे हटाना है!”
"डाटा अपलोड का झांसा, सर्वर डाउन का बहाना"
तेजस्वी ने बताया कि कई BLO शिकायत कर रहे हैं कि सर्वर बार-बार फेल हो रहा है, डॉक्यूमेंट्स अपलोड नहीं हो रहे, और ऊपर से दबाव अलग। “यह सब एक योजनाबद्ध CHAOS है ताकि बाद में कहा जा सके कि लोग खुद नहीं आए, हमने तो फॉर्म भरे थे।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि 80% अपलोड किस जिले से हुआ? कौन से ब्लॉक में हुआ? कौन से विधानसभा क्षेत्र में हुआ? लेकिन इन सवालों का जवाब देने की बजाय आयोग खामोश है, और DM साहब अलग कहानी सुनाते हैं।
"रोटी छीन लो, पर वोट नहीं!" , तेजस्वी की हुंकार
तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में बिहार की जनता से सीधा संवाद करते हुए कहा, “इस राज्य के 90% लोग पिछड़े और वंचित तबके से आते हैं। सरकार उनकी नौकरी ले सकती है, उनकी रोटी छीन सकती है, लेकिन वोट देने का हक नहीं छीन सकती। ये अधिकार हमने संविधान से पाया है, और इसे कोई ब्लड प्रेशर चेक करने वाला BLO नहीं छीन सकता।” तेजस्वी ने चुनाव आयोग को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरी और पारदर्शी प्रक्रिया लागू नहीं हुई, तो महागठबंधन पूरे बिहार में आंदोलन छेड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो मामला चल रहा है, उसमें हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
क्या बिहार में लोकतंत्र खतरे में है?
तेजस्वी यादव के इन आरोपों ने बिहार की राजनीति में आग लगा दी है। NDA खेमे में जहां घबराहट है, वहीं विपक्ष पूरे राज्य में इसे लेकर माहौल बनाने में जुट गया है। चुनाव आयोग की चुप्पी, DM के विरोधाभासी बयान, BLO पर अनकहे दबाव और सबसे बढ़कर फर्जी वोटर सत्यापन का सिलसिला,ये सब मिलकर एक बड़ा संकेत दे रहे हैं कि आने वाला विधानसभा चुनाव सामान्य नहीं होने वाला। तेजस्वी ने एक बार फिर अपनी आक्रामक शैली में बता दिया है कि बिहार में इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। और शायद यही वजह है कि सत्ता पक्ष को भी अब गर्मी महसूस हो रही है। अब देखना ये होगा कि चुनाव आयोग इन आरोपों का क्या जवाब देता है। लेकिन इतना तय है,अगर इन आरोपों में सच्चाई की बू भी मिली, तो बिहार की सियासत में बड़ा विस्फोट तय है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge