ये हुआ कैसे? 20 साल बाद खत्म हुआ नीतीश के बड़े भाई का रुतबा, JDU के बराबरी में BJP, नीतीश के CM पद..

BJP-JDU Equal Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA का बड़ा अपडेट! बीजेपी और JDU पहली बार बराबर-बराबर 101-101 सीटों पर लड़ेंगे। नीतीश कुमार बने रहेंगे मुख्यमंत्री चेहरा, सीट शेयरिंग में 20 साल बाद आया बड़ा बदलाव।

Harsh Srivastava
Published on: 13 Oct 2025 12:48 PM IST
ये हुआ कैसे? 20 साल बाद खत्म हुआ नीतीश के बड़े भाई का रुतबा, JDU के बराबरी में BJP, नीतीश के CM पद..
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BJP-JDU Equal Seat Sharing: बिहार NDA में लंबे समय से चल रही सीट शेयरिंग की खींचतान आखिरकार रविवार को खत्म हो गई, लेकिन इस 'बराबरी के फॉर्मूले' ने बिहार की राजनीति में 25 साल पुराने समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया है! अब तक जनता दल यूनाइटेड (JDU) ही गठबंधन में 'बड़े भाई' की भूमिका में रही थी, जो हर चुनाव में बीजेपी से ज़्यादा सीटों पर लड़ती थी। लेकिन, 2025 विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी छोटे भाई की भूमिका से निकलकर जेडीयू के बराबर खड़ी हो गई है। यह बदलाव साफ़ दिखाता है कि बिहार का सियासी सीन पूरी तरह से बदल चुका है।

20 साल बाद बराबर-बराबर का बंटवारा

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को NDA में सीट शेयरिंग का ऐलान किया। बिहार की कुल 243 सीटों में से अब जेडीयू और बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। चिराग पासवान की लोजपा (आर) को 29 सीटें, जबकि उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टियों को 6-6 सीटें मिली हैं। 2005 से लेकर 2020 तक बिहार में हुए सभी चुनावों में नीतीश कुमार की जेडीयू ने हमेशा बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन 2025 में यह मामला बराबरी पर आ गया है।

जेडीयू से छिना 'बड़े भाई' का रोल

बिहार की सियासत में जेडीयू और बीजेपी की दोस्ती भले ही 25 सालों से चली आ रही हो, लेकिन सत्ता की धुरी हमेशा नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द सिमटी रही।

चुनाव वर्ष

कुल सीटें

JDU ने कितनी सीटों पर लड़ा

BJP ने कितनी सीटों पर लड़ा

JDU का कद

फरवरी 2005

243

138105

बड़ा भाई

अक्टूबर 2005

243

139104

बड़ा भाई

2010

243

141102

बड़ा भाई

2020

243

115110

बड़ा भाई (5 सीट ज़्यादा)

2025

243

101101

बराबरी

लंबे समय तक एक-एक सीट पर अड़ने वाले नीतीश कुमार का बीजेपी से बराबरी पर मान जाना राजनीतिक गलियारों में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

2020 के नतीजों में छिपा है 'बदलाव' का राज

जेडीयू का 'बड़े भाई' का रोल छिनने का सबसे बड़ा कारण 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे हैं। 2020 में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़कर 43 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी 110 सीटों पर लड़कर 74 सीटें जीतने में सफल रही थी। यानी, कम सीटों पर लड़कर भी बीजेपी ने जेडीयू से ज़्यादा सीटें जीती थीं। इन नतीजों ने एनडीए गठबंधन के भीतर बीजेपी के राजनीतिक प्रभाव को बढ़ा दिया और क्षेत्रीय सहयोगी जेडीयू का वर्चस्व कुछ कम हुआ। अब, 20 साल में पहली बार है जब सीट शेयरिंग में बीजेपी को बिहार में जेडीयू के बराबर सीट मिली है।

सीएम फेस पर सस्पेंस की आहट

भले ही बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही NDA का चेहरा होंगे और उन्हीं के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा, लेकिन सियासी पंडितों के मन में अब भी एक बड़ा सवाल है, "क्या 2020 की तरह कम सीटें आने पर भी बीजेपी, नीतीश को सत्ता की कमान सौंपेगी?" बीजेपी और जेडीयू अभी बराबरी के रोल में हैं, लेकिन चुनाव के बाद, अगर बीजेपी की सीटें जेडीयू से काफी ज़्यादा आती हैं, तो बीजेपी की भूमिका 'बड़े भाई' की हो सकती है, जिससे नेतृत्व परिवर्तन का दबाव बन सकता है।फिलहाल, एनडीए में सीटों के बँटवारे की लड़ाई थम गई है, लेकिन असली निगाहें चुनाव नतीजों पर टिकी हैं। बिहार की जनता इस 'जुड़वा' समीकरण को क्या जनादेश देती है, यही तय करेगा कि भविष्य में बिहार की सत्ता की धुरी किसके इर्द-गिर्द घूमेगी।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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