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प्रशांत किशोर का मनीष वर्मा को लेकर दिया विवादित बयान, NDA पर तगड़ा हमला, किशनगंज सभा में मचा बवाल
प्रशांत किशोर ने किशनगंज सभा में मनीष वर्मा पर विवादित टिप्पणी की और भाजपा, जेडीयू पर तगड़ा हमला किया। उन्होंने 25 सीटों का दावा किया और नाश्ते पर विवाद उठाया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई।
बिहार के किशनगंज में चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी भड़ास निकाल दी। इस दौरान उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा को लेकर विवादित टिप्पणी की। दरअसल, पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से सवाल किया कि मनीष वर्मा ने आपके ऊपर शराब माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है, तो इस सवाल पर वह नाराज हो गए। प्रशांत किशोर ने जवाब देते हुए कहा कि सड़क पर चलने वाले कुत्ते की बातों का वह जवाब नहीं देते। उनकी इस टिप्पणी से वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए।
प्रशांत किशोर रविवार को किशनगंज पहुंचे थे और अंजुमन इस्लामिया प्रांगण में एक बदलाव सभा को संबोधित कर रहे थे। इस सभा में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को पैगंबर मोहम्मद साहब और धर्म का हवाला देते हुए अपने पक्ष में करने की कोशिश की। यह सभा मुस्लिम समुदाय के बीच प्रचार के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
जेडीयू को 25 सीटें नहीं मिलने का दावा
इसी दौरान, पत्रकारों ने जब उनसे भाजपा सांसद संजय जायसवाल द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस के बारे में पूछा, तो प्रशांत किशोर और भी भड़क गए। उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल जैसे 100 नेता भी आ जाएं, तो वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने संजय जायसवाल पर तंज कसते हुए कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है, तो वह शहर की तरफ भागता है और संजय जायसवाल जैसे लोग उन्हें नोटिस भेजते हैं। जब प्रशांत किशोर से यह पूछा गया कि आपने कहा था कि अगर जेडीयू को 25 सीटें मिलीं, तो आप राजनीति छोड़ देंगे, तो उन्होंने कहा कि जैसा पश्चिम बंगाल में भाजपा को 100 सीटें नहीं मिलीं, वैसे ही बिहार में जेडीयू को 25 सीटें नहीं मिलेंगी और वह राजनीति छोड़ने के बजाय अपना काम जारी रखेंगे।
नाश्ते पर विवाद और चुनावी रणनीति पर बहस
प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय को अपनी ओर खींचने के लिए न सिर्फ मुस्लिम टोपी पहनी, बल्कि अपनी टीम के माध्यम से टोपी वितरण का काम भी किया। सभा में लोगों की भारी भीड़ जुटी और नाश्ते के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई थी। हालांकि, कुछ लोग नाश्ते से असंतुष्ट नजर आए और उनका कहना था कि उन्हें खाने का वादा किया गया था, लेकिन सिर्फ नाश्ता ही दिया गया। वे दूर-दूर से इस सभा में शामिल होने के लिए आए थे। इस बीच, प्रशांत किशोर के बयान और उनकी रणनीति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। उनके निशाने पर सिर्फ जेडीयू ही नहीं, बल्कि भाजपा भी है, और यह सब उनके आगामी चुनावी संघर्ष के संकेत हैं।
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